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अन्ना ने दी फिर आंदोलन की चेतावनी, जन समर्थन जुटाए रखने पर मंथन

अन्ना हजारे ने साफ कह दिया है कि अगर जन लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ तो फिर आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि जनता जन लोकपाल बिल का विरोध करने वाले नेताओं का घेराव करे और उसे दोबारा नहीं चुने। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उनकी टीम के खिलाफ अभियान छेड़ चुकी है।
अन्ना अपने गांव रालेगण सिद्धि में कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसमें इस बात पर मंथन हो रहा है कि जन लोकपाल बिल के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान जो लोग जुड़े उन्हें आगे भी कैसे जोड़ा रखा जाए और अपना जनाधार कैसे बढ़ाया जाए। दो दिवसीय बैठक शुरू होने से पहले एक सभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि मजबूत लोकपाल बिल पास करने में आनाकानी होगी तो फिर आंदोलन होगा।
कोर कमिटी की बैठक में आंदोलन के आगे की दशा-दिशा, संगठन को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। कोर ग्रुप की बैठक रविवार शाम तक चलेगी। ग्रुप में तीन नए लोगों को भी शामिल किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी बैठक में हिस्सा ले रही हैं। टीम अन्ना के सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने कहा है कि आंदोलन के आगे की दिशा लोकपाल बिल को लेकर संसद के रुख पर निर्भर करेगी। हेगड़े शनिवार दोपहर ही बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने बैठक में अपनी बात रखी और बाकी सदस्यों की बात सुनी।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अन्ना हजारे ने सरकार द्वारा उनके सहयोगियों को ‘निशाना’ बनाने पर नाराजगी जताई है। टीम अन्ना से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि सरकार की ओर से हो रहे वार का जवाब देने की रणनीति भी बैठक में तैयार होगी। बैठक से पहले अन्ना ने संकेत दिया है कि 'राइट टू रिकॉल' पर चर्चा होगी। रालेगण पहुंचने से पहले टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने भी पुणे में एक कार्यक्रम में कहा था कि बैठक के एजेंडे में 'राइट टू रिकॉल' के लिए रणनीति पर विचार करना शामिल होगा। समझा जाता है कि बैठक में भूमि अधिग्रहण नीति पर भी विचार होगा। अन्ना हजारे कहते रहे हैं कि जमीन के अधिग्रहण में किसानों की सहमति सर्वोपरि होनी चाहिए। उनके सहयोगी भी इस दिशा में सक्रियता दिखाते रहे हैं।
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