महिंद्रा एंड महिंद्रा देश भर में 10 लाख रुपये तक के घरों के साथ किफायती खंड में दस्तक देने की योजना बना रही है। महिंद्रा ल..
स्वामी अग्निवेश ने हजार रुपये रिश्वत देकर बनवाया था फर्जी वोटर कार्ड?
स्वामी अग्निवेश के साथ आठ साल तक काम करने वाले उनके सहयोगी रहे
वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 1984 में मध्यप्रदेश
के राजनंद गांव से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए
अग्निवेश ने दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित चुनाव कार्यालय में एक हजार
रुपए रिश्वत देकर मुस्लिम मोहल्ला से फर्जी मतदाता प्रमाण पत्र बनवाया
था।
विद्रोही के अनुसार उनकी 1978 में स्वामी से मुलाकात हुई थी। बंधुवा
मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय खान मजदूर यूनियन गठित करने के बाद स्वामी
दोनों संगठनों के अध्यक्ष तथा विद्रोही महासचिव बने थे। विद्रोही ने
स्वामी से अलगाव की वजह स्वामी की खदान मालिकों से मिलीभगत होना
बताया।
विद्रोही ने कहा कि अगर मोर्चा के पुराने रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो
साबित हो जाएगा कि स्वामी का विदेशों में भी लेनदेन चलता था। स्वामी
अग्निवेश 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर हरियाणा के पूंडरी विधानसभा
से विधायक मनोनीत हुए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने उन्हें
शिक्षामंत्री बनाया था। सत्ता परिवर्तन के बाद पूंडरी से उनका लगाव
खत्म हुआ और मतदाता सूची से उनका नाम काट दिया गया था।
Share Your View via Facebook
top trend
-
महिंद्रा बनाएगी किफायती मकान, 10 लाख रुपये तक के घरों की योजना
-
करवा चौथ के पावन पर्व पर शहीदों की विधवाओं को नमन
मैं आंसू आंसू रोया हूँ
कुछ रातों से ना सोया हूँ,
जो सीमाओं पर बिछुड़ गए
उनकी यादों में खोया हूँ
.. -
बीबीसी के मार्क टूली ने सोनिया की वंशवादी राजनीति के विरुद्ध भारत को चेताया
बीबीसी के पूर्व प्रमुख मार्क टूली ने यूपीए अध्यक्षा सोनिया गाँधी की वंशवाद की राजनीती की आलोचना की है | उन्होंने अपनी पुस्..
-
कंगाल बंगाल में 'सेकुलर' ममता की चाल - प्रदेश के हर इमाम को हर महीने सरकार देगी भत्ता
-
वामपंथियों की नीति छोड़ दुर्गापूजा में उमड़े तृणमूल के मंत्री, 35 वर्षों की परंपरा तोड़ी
खुद को सेकुलर साबित करने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों से दूर रहने की वामपंथियों की परंपरा को तोड़ते हुए तृणमूल कांग्रेस के मं..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)