वैसे भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्र शेखर आज़ाद का अपमान तो ये सरकार पिछले ६४ सालो से करती आ रही है... और २६ नवम्बर २००..
स्वामी अग्निवेश ने हजार रुपये रिश्वत देकर बनवाया था फर्जी वोटर कार्ड?

स्वामी अग्निवेश के साथ आठ साल तक काम करने वाले उनके सहयोगी रहे
वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 1984 में मध्यप्रदेश
के राजनंद गांव से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए
अग्निवेश ने दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित चुनाव कार्यालय में एक हजार
रुपए रिश्वत देकर मुस्लिम मोहल्ला से फर्जी मतदाता प्रमाण पत्र बनवाया
था।
विद्रोही के अनुसार उनकी 1978 में स्वामी से मुलाकात हुई थी। बंधुवा
मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय खान मजदूर यूनियन गठित करने के बाद स्वामी
दोनों संगठनों के अध्यक्ष तथा विद्रोही महासचिव बने थे। विद्रोही ने
स्वामी से अलगाव की वजह स्वामी की खदान मालिकों से मिलीभगत होना
बताया।
विद्रोही ने कहा कि अगर मोर्चा के पुराने रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो
साबित हो जाएगा कि स्वामी का विदेशों में भी लेनदेन चलता था। स्वामी
अग्निवेश 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर हरियाणा के पूंडरी विधानसभा
से विधायक मनोनीत हुए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने उन्हें
शिक्षामंत्री बनाया था। सत्ता परिवर्तन के बाद पूंडरी से उनका लगाव
खत्म हुआ और मतदाता सूची से उनका नाम काट दिया गया था।
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