सोफे पर बैठे-बैठे हम खबरों की दुनिया से निकलकर फिल्मी दुनिया में घूमने लगते हैं। रिमोट के बटन के आसरे चैनल बदलने का सिलस..
'अन्ना का आंदोलन जनता के लिए खतरा, कुछ हजार की भीड़ से नहीं बन सकते जनता की आवाज' : शशि थरूर

जन लोकपाल बिल पर सरकार को झुकाने वाले अन्ना हजारे पर अब
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने निशाना साधा है। पहली बार सांसद बने,
पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, 'जो आदमी कभी चुनाव नहीं लड़ा
हो, वह कैसे जनता की आवाज होने का दावा कर सकता है।'
थरूर ने कहा कि देश में कानून बनाने का काम संसद का है और उसी को करने
देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'गैर निर्वाचित लोगों के छोटे से समूह को
अपनी मर्जी संसद पर थोपने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि आगे चल
कर इसका खामियाजा आप ही को, यानी जनता को उठाना पड़ेगा।' उन्होंने
कहा कि लोकतंत्र रामलीला मैदान या टेलीविजन स्टूडियो से नहीं चलाया
जा सकता, यह संसद के दोनों सदनों से ही चलेगा।
थरूर ने कहा कि देश में 500 से ज्यादा सांसद और विधानसभाओं में
हजारों निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं। ये लोग जनता से वोट मांगते हैं और
उनके मिले समर्थन को सहेज कर रखते हैं। ऐसे में अगर ये लोग जनता की
आवाज होने का दावा नहीं करेंगे तो क्या वे लोग करेंगे जिन्होंने कभी
चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि ढेर सारे टीवी कैमरे सामने जुटवा लिए और कुछ
हजार लोग मैदान में बिठा लिए। क्या वही जनता की आवाज बनेगा? यही
लोकतंत्र है?
थरूर ने मंगलवार रात को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों
को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। वह 'उदारीकरण के 20 साल' विषय पर
बोलने के लिए बुलाए गए थे। बुधवार दोपहर को उन्होंने सोशल नेटवर्किंग
साइट ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी कि वह जेएनयू में बहस में बतौर
वक्ता गए थे। उन्होंने कार्यक्रम की कुछ तस्वीरों की एक लिंक
पोस्ट करते हुए बताया कि न तो लिखित भाषण था और न ही इसकी रिकॉर्डिंग
हो सकी, लेकिन कुछ तस्वीरें जरूर ली गईं।
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