छत्तीसगढ़ सरकार पर अन्ना का प्रभाव: समय पर काम नहीं तो होगी सजा

Published: Thursday, Sep 01,2011, 14:13 IST
Source:
0
Share
छत्तीसगढ़ सरकार, नगरीय प्रशासन, पंचायत, राजस्व, पीएचई, पीडब्लूडी, शिक्षा, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, सिंचाई, आवास एवं पर्यावरण, कृषि

अन्ना आंदोलन से उभरी मांगें पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, नल कनेक्शन या नक्शा पास करने जैसे कामों के लिए समय सीमा तय करने जा रही है।

तय समय में काम नहीं होने पर संबंधित कर्मचारी या अधिकारी दंडित होंगे।

फिलहाल मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली और जम्मू में ऐसा कानून है। छत्तीसगढ़ में इसके लिए राज्य लोक सेवा गारंटी कानून बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

कानून के दायरे में नगरीय प्रशासन, पंचायत, राजस्व, पीएचई, पीडब्लूडी, शिक्षा, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, सिंचाई, आवास एवं पर्यावरण, कृषि जैसे उन सभी विभागों को लाया जाएगा जहां आम लोगों को काम के लिए जाना होता है।

हर काम की अलग-अलग समय सीमा होगी। समय सीमा, जुर्माना और सजा के बारे में फिलहाल फैसला नहीं हुआ है। सरकार प्रशासन के कामकाज को आम जनता के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने के लिए यह कानून बनाने जा रही है।

अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने के लिए जो तीन शर्ते रखी थीं उनमें सभी राज्यों में सिटीजन चार्टर लागू करना भी था। हालांकि राज्य शासन की ओर से आधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि सरकार इसकी तैयारी अन्ना के आंदोलन से पहले से कर रही है।

राज्य सरकार के पास पिछले सात सालों से चल रहे ग्राम सुराज अभियान के तहत मिली शिकायतें, मांगे और सुझाव नए कानून को तैयार करने में काफी मददगार होंगे। इसमें देखा जाएगा कि आम आदमी को प्रशासन से किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने शुरू की कवायद

इस कानून के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को मुख्य सचिव पी. जॉय उम्मेन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष शिवराज सिंह, अपर मुख्य सचिव सुनील कुमार,सचिव अमन सिंह से प्रारंभिक चर्चा की है।

कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सचिव स्तर के वरिष्ठ अफसरों की कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी देश के चार राज्यों में बने इस तरह के कानून का अध्ययन कर ड्राफ्ट तैयार करेगी, जिसे कैबिनेट को भेजा जाएगा। पूरी प्रक्रिया कितने दिनों में पूरी होगी, यह अभी तय नहीं है।

कई काम दायरे में, मसलन..

नल कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, सफाई, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, शिक्षा से संबंधित दस्तावेज, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, भवन नक्शा, खसरा नंबर, जमीन की नकल, रजिस्ट्री, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी विभाग से लोन, कृषि से संबंधित काम, वेतन, पेंशन, पटवारी व तहसीलदार से संबंधित काम।

अन्ना की तीन मांगों में से एक

अन्ना हजारे ने अनशन खत्म करने के लिए जो तीन मांगें केंद्र सरकार के सामने रखी थी, उनमें से एक सिटीजन चार्टर भी एक है। इसके अनुसार हर विभाग जनसमस्याओं के लिए नागरिक संहिता बनाए, जिसे नहीं मानने पर सबद्ध अधिकारी को दंड मिले।

इसके अलावा अन्ना हर राज्य में जनलोकपाल कानून के जरिये लोकायुक्तगठित करने और सभी कर्मचारियों के लोकपाल के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं।

Comments (Leave a Reply)

DigitalOcean Referral Badge