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आडवाणी जी ने संसद में आवाज उठाई कहा अन्ना हजारे का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता, नेताओं पर ताना कसने से ही बनी बात: किरन बेदी
जन लोकपाल की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली किरन बेदी ने कहा कि नेताओं के विरोध में उनकी टिप्पणी की वजह से ही पूरा मामला सुलझा।
रामलीला मैदान में किरन बेदी ने शुक्रवार को एक कपड़े से घूंघट बनाकर नेताओं को दोमुंहा कहा था और नेताओं के विरोध में टिप्पणी की थी। किरन बेदी ने घूंघट करके कहा था कि नेता अलग-अलग मौकों पर मुखौटे बदल कर अलग-अलग बात बोलते हैं।
उन्होंने कहा था कि एक मुलाकात में नेताओं ने कुछ कहा, जबकि दूसरी मुलाकात में कुछ और कहा। एक समाचार चैनल से किरन बेदी ने कहा कि उनके इस व्यवहार के कारण बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें फोन किया और जिसके बाद बात मामला सुलझ गया।
उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में आए लोगों ने वहां आए कुछ सांसदों के विरोध में आवाज उठाई। इसका असर आडवाणी जी पर पड़ा। बेदी ने कहा, 'शाम को आडवाणी जी ने मुझे फोन किया। मैंने कहा कि सर हम तो अकेले छोड़ दिए गए। आपने अभी तक संसद में हमारी आवाज नहीं उठाई। हमारी आवाज कौन सुनेगा। इसके बाद उन्होंने कहा- बेटी, यह कल संसद में होगा।'
उन्होंने कहा, 'अगले दिन आडवाणी जी ने संसद में कहा कि अन्ना हजारे का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता है। शाम को वह प्रधानमंत्री कार्यालय गए।'
किरन बेदी के मुताबिक अगर ऐसा करने से कुछ बदलाव हुआ, तो वैसा करने में कुछ गलत नहीं था। हालांकि उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें ऐसी शिक्षा नहीं मिली है, लेकिन वह जनता की आवाज थी। किसी को दुखी करने का उनका मकसद नहीं था और वह संसद का सम्मान करती हैं।
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