नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जनेवि) पूरी दुनिया में अपनी वामपंथी पहचान के लिए जाना जाता है। पर दुर्भाग्..
खत्म नहीं, स्थगित हुआ है अनशन, 'यह लड़ाई परिवर्तन की है : अन्ना हज़ारे

लोकपाल के मुद्दे पर अपने 12 दिन के अनशन के जरिए पूरे देश में जनांदोलन खड़ा करने के बाद अन्ना हज़ारे ने संकेत दिए हैं कि वह चुनाव सुधार और किसानों के हितों जैसे मुद्दों पर अपना अगला आंदोलन शुरू कर सकते हैं। अन्ना ने कहा कि उन्होंने अनशन तोड़ा नहीं बल्कि स्थगित किया है। उन्होंने कहा कि अनशन सही मायने में तब टूटेगा जब जन लोकपाल के सभी मुद्दों पर हमें जीत मिल जाएगी।
हज़ारे ने रामलीला मैदान पर अपना अनशन तोड़ने के बाद समर्थकों से कहा, 'मैंने अनशन तोड़ा नहीं बल्कि स्थगित किया है।' उन्होंने कहा, 'जन लोकपाल के विषय में सिर्फ तीन मुद्दों का हल निकला है। बाकी मुद्दों पर जीत मिलने तक हमें अपनी आवाज बुलंद रखनी होगी। जब हमें इन मु्द्दों पर जीत मिलेगी, तभी सही मायने में मेरा अनशन टूटेगा।'
अन्ना ने कहा, 'यह लड़ाई परिवर्तन की है। यह लड़ाई की शुरुआत भर है। जब तक पूरा परिवर्तन नहीं आ जाता तब तक हमें यह मशाल जलाए रखनी होगी। हमें चुनाव व्यवस्था को बदलना होगा। हमें मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और नापंसद करने के अधिकार देने के बारे में सोचना होगा।'
अन्ना ने अपने संबोधन में देश के किसानों की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि देश में किसानों की स्थिति अच्छी नहीं है। किसानों को उनकी मेहनत के बदले में उचित धन नहीं मिलता। स्थिति ऐसी है कि 'माल खाए मदारी और नाच करे बंदर'।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं। हमें शिक्षा व्यवस्था को भी बदलना होगा। हज़ारे ने कहा कि जब तक ये सभी मसले हल नहीं हो जाते तब तक सही मायने में उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा क्योंकि यह लड़ाई परिवर्तन की है।
किरण बेदी ने भी शनिवार को यह सवाल उठाया था कि एक बार जनता द्वारा अपना प्रतिनिधि चुन लिए जाने के बाद क्या वह पांच वर्ष के लिए जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
गोमांस भक्षण, उस्मानिया की राह पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
-
'अंग्रेजो भारत छोड़ो' आह्वान की 07वीं वर्षगांठ पर 'कांग्रेस हटाओ-देश बचाओ' की जनक्रांति का श्रीगणेश
09 अगस्त की तारीख भारतीय और अन्तरराष्ट्रीय इतिहास में बहुत महत्व रखती है। 1942 में इसी तारीख को महात्मा गांधी ने मुम्बई ..
-
पाकिस्तान के हाथ लगी भारत की संवेदनशील सुरक्षा जानकारी
मीडिया के कुछ वर्गों में पाक अधिकृत कश्मीर में प्रविष्ट हुए भारतीय सेना के चॉपर को शीघ्र वापस लौटा दिए जाने पर "दोस्ती के ..
-
स्वागत योग्य कदम, जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद
स्वागत योग्य कदम पंजाब सरकार ने देश के शहीदों व महापुरुषों के जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद क..
-
पाकिस्तानी मंत्री ने की अजमेर में 10 हजार लोगों की सभा, प्रशासन बेखबर
जयपुर / अजमेर।। पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्री मकदूम अमीन फहीम अजमेर तो आए थे ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करने, लेकिन बिना ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
IBTL Gallery
-
-
Tajinder Pal Singh Bagga with Media : Hunger Strike in support of Indigenous Peoples of Assam
-
Meenakshi Lekhi Ji being felicitated by Tarun Ji : IBTL Bharat Samvaad
-
Gen Bakshi and RSN Singh interacted with Social Media Activists II
-
Students of Kera& Arunachal at Pakistan border in Bikaner, a newspaper report
-
Comments (Leave a Reply)