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अन्ना नहीं छोड़ना चाहते रामलीला मैदान, प्रशांत भूषण इसके खिलाफ
शनिवार को संसद के दोनों सदनों में लोकपाल पर सार्थक बहस और प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे आज रविवार को दस बजे अपना अनशन तो तोड़ देंगे लेकिन रामलीला मैदान से उनका आंदोलन जारी रहेगा।
अन्ना हजारे के बेहद करीबी सूत्रों के मुताबिक सरकार के मांगें मान लेने के बाद अन्ना हजारे ने कहा कि वो रविवार को अनशन तो खत्म् कर देंगे लेकिन रामलीला मैदान से जनलोकपाल को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। शनिवार रात हुई टीम अन्ना की कोर कमेटी की मीटिंग में आंदोलन की आगे की रूपरेखा पर विचार किया गया। टीम के ज्यादातर सदस्यों का मत यह था कि अन्ना अनशन समाप्त कर दें लेकिन आंदोलन अभी जारी रहना चाहिए।
प्रशांत भूषण का मत यह था कि अब आंदोलन रामलीला से नहीं बल्कि घर से होना चाहिए जबकि बाकि लोग अन्ना हजारे की इच्छा से सहमत थे। टीम अन्ना की कोर कमेटी की रविवार सुबह होने वाली मीटिंग में आंदोलन का आगे का रुख तय किया जाएगा। गौरतलब है कि एमसीडी और दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान की अनुमति तीस अगस्त तक दी है जो बाद में सात दिन और बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में यदि अन्ना चाहे तो रामलीला मैदान से आंदोलन जारी रख सकते हैं।
शनिवार देर रात दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी यह पूछताछ कर रहे थे कि मंच कब तक खाली हो जाएगा। इस पर टीम अन्ना के सदस्यों ने स्थिति साफ नहीं की और यही जवाब दिया कि यह रविवार को अन्ना के अनशन समाप्त करने के बाद ही तय किया जाएगा कि मैदान खाली करना है या नहीं।
अनशन तोड़कर भी अन्न नहीं लेंगे अन्ना
12 दिन तक अनशन कर जन लोकपाल पर सरकार को झुकाने वाले अन्ना हजारे
अभी भी अन्न नहीं ले सकेंगे। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना नारियल
पानी पीकर अनशन तोड़ेंगे, फिर उन्हें छाछ, जूस और अन्य तरल पदार्थ
पिलाया जाएगा। उसके बाद धीरे-धीरे अन्न दिया जाएगा। संभव है इस
प्रक्रिया में कुछ दिन लग जाएंगे।
डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक अनशन तोड़ने की पूरी प्रक्रिया होती है। अनशन शुरू करना तो आसान है, लेकिन तोड़ना कहीं कठिन। इसमें पूरी सावधानी बरतनी होती है। नहीं तो इंसान खतरे में पड़ सकता है।
तंत्र पर जन की जीत: संसद ने मानी शर्तें
इससे पहले शनिवार को अन्ना के अनशन के 12वें दिन सरकार ने उनकी तीनों
मांगों पर संसद में बहस करा कर प्रस्ताव पारित कराया। लोकसभा और
राज्यसभा ने शर्तो के बाबत वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के प्रस्ताव पर
नौ घंटों की बहस के बाद उसे पारित किया गया। संसद के फैसले के बाबत
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिखकर अन्ना को सूचित किया। अन्ना
ने इसे आंदोलन की आधी जीत बताया। उन्होंने कहा कि पूरी जीत जनलोकपाल
बिल पास होने के बाद हासिल होगी। इसके बाद उन्होंने अनशन तोड़ने की
घोषणा कर दी। फिर, देशभर में उत्सव सा माहौल हो गया।
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