सन् 1995 में गुजरात के आणंद जिले के छोटे से गांव चांगा में सरपंच का चुनाव हुआ था। काफी विरोधों के बावजूद भी दृष्टिहीन सुधा..
उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा कि पाकिस्तानी हिंदुओं को शरण क्यूँ नहीं
अखिल भारत हिन्दू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डाक्टर राकेश
रंजन सिंह द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में
मुख्य न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी के बेंच ने भारत सरकार को
निर्देशित किया कि पकिस्तान से आये हुए हिन्दुओं को तब तक पकिस्तान
नही भेजेंगे जब तक इस सन्दर्भ में माननीय न्यायलय का कोई
आदेश नही आता है और अगली सुनवाई का दिन 29 फरवरी, 2012 निश्चित किया
गया है।
अतिरिक्त महान्यायवादी श्री अमरजीत सिंह चंडोक भारत सरकार की ओर से
प्रस्तुत हुए। अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से
प्रोफेसर भीम सिंह बलदेव सिंह बिलोरिया और गौरव बंसल ने पकिस्तान से
आये हुए हिन्दुओं का पक्ष न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायलय ने
इनके पक्ष को सुन कर अगली सुनवाई का दिन 29 फरवरी, 2012 निश्चित
किया।
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In English : Don't send Pak Hindus back until we
decide - Delhi High Court
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ज्ञात रहे कि पाकिस्तान से आये हिन्दुओं के अधिकार की रक्षा एवं
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के प्रश्न पर अखिल भारत हिन्दू महासभा
के अंर्तराष्ट्रीय संयोजक डॉ. राकेश रंजन सिंह व अन्य पार्टी के
वरिष्ठ पदाधिकारीगण इस कार्य में काफी दिनों से संलग्न थे। वे चाहते
थे कि इनका पुर्नस्थापन भारत देश में ही हो क्योंकि यदि ये पाकिस्तान
जाते हैं तो इनका जीवित बच पाना मुश्किल है। पाकिस्तान से आये
हिन्दुओं के कई रिश्तेदारों का अपहरण, हत्या व उनकी माता-बहनों के साथ
भी अमानवीय अत्याचार किया गया जिसके चलते ये पाकिस्तानी
हिन्दू पाकिस्तान वापिस जाना नही चाहते। हिन्दू महासभा
पाकिस्तान से आये हुये शरणार्थी हिन्दुओं को हिंदुस्तान की नागरिकता
देकर रहेगी इसके लिये सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया जायेगा।
इस अवसर पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के नेता डॉ. संतोषराय, बाबा पं.
नंद किशोर मिश्र, स्वामी केशवा नंद सरस्वती, दिल्ली प्रदेश
अध्यक्ष कर्नल डीके कपूर, चौधरी नाहर सिंह, लवी भरद्वाज, चौधरी
अंग्रेज सिंह, जंगबहादुर क्षत्रिय, वीर रामनाथ लूथरा, अरूण कुमार
गहलोत, चंद्रभान अग्रवाल,चौधरी रामशरण सिंह, शैलेंन्द्र प्रताप गहलौत
आदि ने खुशी अभिव्यक्त करते हुये पाकिस्तानी हिन्दुओं व डॉ. राकेश
रंजन को धन्यवाद दिया व अदालत के आदेश पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त
किया।
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