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भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रही तिब्बत की संस्कृति
अपने पड़ोसी देशों की संस्कृति और खान-पान को जानने के उत्सुक रहने वाले भारतीयों को अब तिब्बत की संस्कृति आकर्षित कर रही है। यही कारण है कि प्रतिष्ठित तिब्बत यूनिवर्सिटी के भाषा और संस्कृति से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक विदेशियों में ज्यादातर छात्र भारतीय हैं।
तिब्बत यूनिवर्सिटी की उपाध्यक्ष त्सेयांग चांगनगोपा तिब्बत की संस्कृति के प्रति भारतीयों के रुझान से काफी उत्साहित हैं। वह कहती हैं, हमें भारतीय छात्रों की ओर से बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं, जो यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना चाहते है। पिछले तीस वर्षो से तिब्बत युनिवर्सिटी में पढ़ा रही चांगनगोपा खुद भारतीय व्यंजन बनाना सीखना चाहती हैं।
उन्होंने अपनी छात्रा मैंडी के साथ पहली बार भारतीय स्वाद चखा था, जिसके बाद से वे इसकी दीवानी हो गई हैं। चांगनगोपा ने बताया कि युनिवर्सिटी में कई भारतीय छात्र तिब्बती भाषा सीखते हैं और बहुत अच्छी तरह से उसका उच्चारण भी करते हैं। स्थानीय लोगों से तिब्बती में बात करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आती।
उन्होंने बताया कि तीस से अधिक विदेशी छात्रों ने पारंपरिक तिब्बती संस्कृति, तिब्बती भाषा और इतिहास जैसे विषयों को अपने अध्ययन के लिए चुना है। इसके बाद विज्ञान और तकनीकी से संबंधित कोर्स काफी प्रचलन में हैं। तिब्बत यूनिवर्सिटी में प्रलेखन विभाग के त्से वांग लांग जी बताते हैं, यहां के पुस्तकालय में भारतीय भाषाओं विशेषकर संस्कृत में लिखी सदियों पुरानी पांडुलिपियों को बहुत ही संभाल कर रखा गया है।
भारत के साथ हमारे नजदीकी संबंध है। मैं जब भी अपने छात्रों को पढ़ाता हूं तो भारतीय संस्कृति और भारत मंें बौद्ध धर्म का संदर्भ अवश्य देता हूं।
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