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बुलंदशहर में विकलांग बोले साहब हमें तो कल ही मिलीं है ट्राईसाइकिल...

सलमान खुर्शीद चाहें कितना ही खुद को पाक साफ कहने की कोशिश कर
लें। कितना ही पद के अहंकार में पत्रकारों को अदालत में घसीटने की
कोशिश कर लें लेकिन जो सच है वो दुनिया के सामने आकर रहेगा।
बुलंदशहर भी उन चंद इलाकों में से हैं जहां खुर्शीद साहब के एनजीओ का
कैंप नहीं लगा था और अगर लगा था तो सिर्फ वो रस्मअदायगी के तौर पर। कल
उधर मंत्री जी पत्रकारों और कैमरों के सामने खुद का साफ बताने के लिए
भरसक प्रयास कर रहे थे तो इधर बुलंदशहर में मंत्री जी के आदेश पर
स्थानीय कांग्रेसी भी विकलांगों को इकट्ठा कर ये जताने की कोशिश कर
रहे थे कि बुलंदशहर में सब ठीक है और यहां ट्रस्ट ने कोई धांधली नहीं
की। लेकिन सच कभी नहीं छुपता ये सामने आ ही जाता है।
जब बुलंदशहर में कांग्रसी नेता श्यौपाल सिंह यह दिखाने का प्रयास कर
रहे थे कि बुलंदशहर में विकलांगों के उपकरण बांटे गए तो इसी बीच एक
पत्रकार ने सवाल पूछा कि सर ये दो-तीन साल पहले बंटने वाली
ट्राइसाइकिल नईं कैसे दिख रही है। अभी तक इन पर से पॉलीथीन भी नहीं
उतरी हैं तो कांग्रसी नेता पर इसका कोई जवाब नहीं था। उनकी चुप्पी सच
बयां कर रही थी। तभी एक पत्रकार द्वारा पूछने पर विकलांग बोला की साहब
हमें तो साइकिल कल ही मिली हैं ये नई क्यों नहीं होंगी।
विकलांग की ये बात साफ जाहिर करती है कि पद प्रतिष्ठा और पावर के बल
पर सच को नहीं छुपाया जा सकता है... आप अपनी धमकी से सच को नहीं छुपा
सकते हैं।
विशेष आई.बी.टी.एल स्टाफ
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