स्वातंत्र्य वीर सावरकर जी ने मृत्यु से दो वर्ष पूर्व 'आत्महत्या या आत्मसमर्पण' शीर्षक से एक लेख लिखा था। इस विषय..
अजीम प्रेमजी भारत में खोलेंगे नि:शुल्क शिक्षा वाले १३०० विद्यालय

आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन प्रेमजी अपने धन से भारत में
नि:शुल्क शिक्षा वाले १३०० विद्यालय खोलेंगे। अजीम प्रेमजी अब तक अपनी
समस्त संपत्ति दान कर चुके हैं। इन विद्यालयों में १२वीं तक शिक्षा
प्रदान की जाएगी जिसमे लगभग ९००० करोड़ रूपये व्यय होंगे एवं इन
विद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था के साथ ही छात्रों के
स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
यदि यह विचार सफल होता है तो भारत की शिक्षा व्यवस्था को एक नयी राह
मिलेगी और यह अन्य धनी व्यापारियों को भी प्रेरित करेगा की व्यक्तिगत
निर्माण से ऊपर उठ कर देखें। १८ माह के भीतर कर्नाटक, राजस्थान,
उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में सात स्कूल शुरू हो जायेंगे। अगर
पूर्वानुमान सही रहा तो सभी १३०० विद्यालय २०२५ तक प्रारंभ हो
जायेंगे।
विद्यालयों के पीछे उद्देश्य दो आयामी है, "पहला अन्य विद्यालयों पर
एक सामाजिक दवाब बनाना ताकि वह शिक्षा के स्तर पर ध्यान दें, दूसरे हम
स्वयं को परखना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि गुणवत्ता युक्त
शिक्षा प्रदान करने एवं अर्जित करने के लिए क्या आवश्यक है। "
IBTL
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