इन दिनों सारी दुनिया में राष्ट्रपति चुनावों की चर्चा जोरो पर है। रूस और फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव सम्पन्न हो चुक..
अब पेट्रोल के साथ इलेक्ट्रोनिक सिस्टम, विद्यार्थियों ने बनाई मोटरबाइक

बूंदी शहर के 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने एक ऎसी मोटरबाइक का निर्माण किया है, जिसमें पेट्रोल के साथ इलेक्ट्रोनिक सिस्टम डाला गया है। गाड़ी का एवरेज भी 110 से 160 किमी प्रति लीटर रहेगा। इसमें समर कवर लगा है, जो वाहन चालक को धूप, धूल, धुएं व वर्षा से बचाएगा। मोटरबाइक को पेटेंट ऑफ इण्डिया दिल्ली में प्रवीण गोस्वामी के नाम पेटेंट किया गया है। इसके निर्माण में एक लाख दस हजार रूपए की लागत आई है।
बूंदी के जवाहर नगर निवासी बारहवीं के छात्र प्रवीण गोस्वामी के नेतृत्व में यशवंत दाधीच व आरिफ खान आदि ने मोटरबाइक में सीसी टीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम, फेस डिटेक्टर व टेम्प्रेचर सेंशर जैसे सिस्टम डाले हैं। सायलेंसर में लगा टरबाइन धुएं को निकालने के साथ विद्युत उत्पादन भी करेगा।
Share Your View via Facebook
top trend
-
राष्ट्रपति बनाम राष्ट्रपाल
-
कालिदास जयंती कार्तिक शुक्ल द्वादशी पर विशेष
कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान कवि और नाटककार थे। इन्हें विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक माना जाता है। इतिहासकार काल..
-
वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ फ़िर उजागर - सात में से पाँच वोट हमेशा कांग्रेस को (?)
महाराष्ट्र के अर्धापुर नगर पंचायत चुनाव हेतु निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी राजनैतिक दलों को चुनाव प्रक्रिया एवं मतदान पद्धति..
-
२जी घोटाले में धारा-४०९ के तहत (१४ वर्ष) उम्रकेद की सम्भावना, आरोप तय
यु.पी.ए - II अब भ्रस्टाचार के आरोपों में घिरती दिखाई दे रही है, अब सरकार के लिए साख बचाए रखना भी मुश्किल हो रहा है, दूसरी ..
-
गलती थी नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा : केजरीवाल
लखनऊ पहुचें टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मौके का इस्तेमाल मुस्लिम समाज से करीबी बढ़ाने में भी की। अरविन्..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)