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सलमान भाई आप हमारे यहां आते तो सस्ते में कर देता इलाज !
सलमान खान को होने वाला असहनीय दर्द और उनका ऑपरेशन उपराजधानी के
उनके प्रशंसकों को थोड़ा परेशान किए हुए था। दरअसल, बॉलीवुड अभिनेता
सलमान खान ट्राइजेमिनल न्यूरल्जिया नाम की बीमारी से जूझ रहे थे,
जिसका ऑपरेशन कराने के लिए उन्हें अमेरिका जाना पड़ा।
अमेरिका में उनका सफल ऑपरेशन हो चुका है पर यदि सलमान खान संतरानगरी
आते तो अमेरिका से भी अच्छा और 70 गुना सस्ता ऑपरेशन यहां हो सकता
था।
उपराजधानी के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ.लोकेन्द्र सिंह अब तक
ट्राइजेमिनल न्यूरल्जिया से पीड़ित 550 मरीजों का सफल ऑपरेशन कर चुके
हैं। यह अपने आप में एक रिकार्ड भी है। सर्जरी के बाद ये सभी मरीज
दोबारा सामान्य जिंदगी जी रहे हैं।
डॉ. सिंह कहते हैं कि हमारे यहां अमेरिका से भी अच्छे डॉक्टर हैं।
हमें अपने चिकित्सकों पर विश्वास करना सीखना होगा। डॉ. सिंह ने बताया
कि अमेरिका में ट्राइजेमिनल न्यूरल्जिया के ऑपरेशन पर सलमान खान को कम
से कम 70 लाख रुपए खर्च करने पड़े होंगे पर नागपुर में अधिकतम एक लाख
रुपए में उनका ऑपरेशन हो जाता।
क्या है ट्राइजेमिनल न्यूरल्जिया:
डॉ. सिंह ने बताया कि दिमाग में ट्राईजेमिनल नाम की नर्व होती है।
इसकी तीन शाखाएं होती हैं। इनके नाम हैं ऑप्थेल्मिका, मैग्जिलर और
मैंडिबुलर। इसी के पास से निकलने वाली खून की नस पर उम्र बढ़ने के
साथ-साथ कई बार कड़क हो जाती है।
जब इसमें से रक्त प्रवाहित होता है तो इससे नस पर तनाव आता है और मरीज
को करंट जैसा लगता है। इसीलिए इसे बोलचाल की भाषा में करंट नस भी कहते
हैं। इस बीमारी का नाम ही ट्राईजेमिनल न्यूरल्जिया है।
ऊपरी शाखा यानी ऑप्थेल्मिका पर दबाव बढ़ने से आंख के पास, बीच की शाखा
मैग्जिलर पर असर होने से ऊपरी जबड़े और नीचे की शाखा मैंडिकुलर के
प्रभावित होने पर निचले जबड़े पर असर ज्यादा होता है।
बीमारी के लक्षण:
सामाजिक तौर पर अजीब सा बर्ताव, पीने की लत व मूडी स्वभाव-ये हैं
ट्राइजेमिनल न्यूरल्जिया के लक्षण। इससे होने वाला दर्द मानसिक रूप से
असंतुलित कर देता है।
बदल जाती है जीवनशैली:
सलमान खान की बीमारी के संबंध में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि
उपराजधानी में भी ट्राईजेमिनल न्यूरल्जिया के मरीज बड़ी संख्या में
हैं, जिससे बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान जूझ रहे थे।
तनाव भी जिम्मेदार
विशेषज्ञों की मानें तो करंट लगने जैसे दर्द को सहन करने के लिए मरीज
अल्कोहल का सहारा लेने लगता है, फिर इसका आदी बन जाता है। इस बीमारी
से ग्रस्त व्यक्ति को नशे की लत लगना आम बात है।
कई बार तो ऐसा भी देखने में आया है कि मरीज करंट लगने की इस समस्या से
ग्रस्त है, लेकिन जांच में कुछ सामने नहीं आता। ऐसा ज्यादा तनाव झेलने
वाले मरीजों के साथ होता है, क्योंकि इस बीमारी में ऐसी स्थितियां अहम
भूमिका निभाती हैं।
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