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रामदेव अब ग्राम, कस्बों और शहरों की सीमाओं को लांघ महानगरों में : पुणे नागरिक संगठन

भ्रष्टाचार के विरुद्ध एवं काले धन को वापस लाने के विषय पर केंद्र
सरकार के विरुद्ध आर पार का युद्ध लड़ रहे बाबा रामदेव की तपस्या अब
ग्राम कस्बों और मध्यम शहरों की सीमाओं को पार कर महानगरों में भी
अपनी धमक सुनाने लगी है | बाबा के लिए उनके विरोधी कहते रहे हैं कि
पढ़े लिखे लोग बाबा के समर्थन में नहीं आते, परन्तु बाबा के आन्दोलन और
उनकी भारत स्वाभिमान यात्रा के प्रभाव का एक दृष्टांत पुणे में
दृष्टिगत हुआ जहां पुणे नागरिक संगठन ने निर्णय किया है कि फरवरी में
होने वाले पुणे नगर पालिका चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में बाबा की
सहमति ली जाएगी |
ज्ञातव्य है कि बाबा के अनुयायियों एवं समर्थकों ने दो मास पहले इस
संगठन की स्थापना इस विचार के साथ की कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए
राजनीति में स्वच्छ लोगों का आना आवश्यक है और इसी दिशा में यह निर्णय
केन्द्रित है | बाबा के अगले मास चयनित प्रत्याशियों को
आशीर्वाद देने एवं मार्ग-दर्शन करने पुणे आने की भी संभावना है
| भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के पुणे संचालक विजय वारुडकर ने इस आशय
की सूचना दी |
पुणे नागरिक संगठन के संचालक रमेश अग्रवाल के अनुसार पहला चरण ऐसे
स्वच्छ प्रत्याशियों का चयन होगा जो संगठन के झंडे तले चुनाव लड़ने को
तैयार हो और बाबा के विचारों में विश्वास रखते हो | इस प्रक्रिया में
समाज के प्रतिष्ठित वर्गों के लोग जैसे पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अरुण
भाटिया, अविनाश धर्माधिकारी एवं महाराष्ट्र सैन्य संस्थान के संस्थापक
अध्यक्ष सेवानिवृत कर्नल जयंत चिताले, पहले से शामिल हैं |
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