लखनऊ।। करीब 4 साल के अंतराल के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए कार सेवकपुरम स्थित रामजन्म भूमि म..
दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना, अभद्र व्यव्हार एवं गाली गलोंच से मुझे ज्यादा समर्थन मिलता है

योग गुरू रामदेव ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिये बिना कहा कि कुछ खास लोग मुझे गालियां दे रहे हैं लेकिन वह नहीं जानते कि इससे जनमत तैयार हो रहा है.
भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ स्वाभिमान यात्रा पर निकले योग गुरू रामदेव ने हरदोई में यात्रा के दूसरे दिन आईआईटी मैदान पर योग की शिक्षा दी।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा लगातार उन्हें बुरा भला कहने के सवाल पर रामदेव ने कहा कि, जितना मुझे गालियां देंगे उतना मेरा जनसमर्थन बढेगा।
उन्होंने सिंह का नाम लिये बिना कहा कि जितना मेरा अपमान करेंगे उतना मेरा सम्मान बढता जा रहा है। ऐसी गालियां मुझे स्वीकार हैं। सिंह ने बाबा को कई बार 'ठग' और 'योग का सौदा करने वाला करोबारी' कहा है।
बाबा ने ने दावा किया कि झांसी से हरदोई तक उन्हें लोगों का अपार समर्थन मिला है। उन्होंनें ऐसे दलों को वोट नहीं देने की अपील की जो भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे हैं और विदेशी बैंको में जमा काला धन वापस नहीं लाना चाहते।
क्लिक करें बाबा रामदेव की स्वाभिमान यात्रा को व्यापक समर्थन मिलना शुरू : प्रमोद भार्गव
—
Share Your View via Facebook
top trend
-
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम फिर शुरू
-
स्वामी अग्निवेश ने टीम अन्ना के कुछ सदस्यों पर अपने खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया।
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने टीम अन्ना के कुछ सदस्यों पर अपने खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इ..
-
प्रशांत भूषण से अन्ना ने किया किनारा, पीटने वालों को बाल ठाकरे ने दी शाबाशी
कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करके प्रशांत भूषण हर ओर से घिर गए हैं। अन्ना हजारे ने जहां प्रशांत की बात से पूरी ..
-
जल्दी ही बन कर तैयार होगा बाबा रामदेव का बहु-प्रतीक्षित फ़ूड पार्क
रांची के गेताल्सुद बन्ध के निकट ११३ करोड़ की लागत से बनने वाले फ़ूड पार्क अब जल्दी ही बन कर तैयार हो जायेगा | २ साल से सरकार..
-
एनआईएस में धूल फांक रही हैं करोड़ों की साइकिलें : राष्ट्रमंडल खेल
राष्ट्रमंडल खेलों से पहले विदेश से मंगाई गईं करोड़ों रूपये की साइकिलें पटियाला के एनआईएस में धूल फांक रही हैं.
दो अलग..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)