स्वर्गीय राजीव भाई—बाबा रामदेव का स्वदेशी अभियान एवं चीन के बारे में हुआ हैरतअंगेज खुलासा

Published: Saturday, Sep 17,2011, 12:37 IST
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विदेशी हस्तक्षेप, देश की सरकारें, राजनैतिक हस्तक्षेप, सामाजिक, धमिर्क, आर्थिक, चारित्रकि, सांस्कृतिक

स्वर्गवासी श्री राजीव दीक्षित जीवन और कार्य जी के द्वारा किये गए रिसर्च कार्यों एवं बाबा रामदेव द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन एवं धन राशी के सहयोग से उनके व्याख्यान, पुस्तकें, ऑडियो-विडियो को घर घर पहुँचाना एवं जन जन को आम भाषा में समझाना की भारत को सोने की चिड़िया क्यूँ कहते थे और आज के समय में स्वर्णिम भारत कैसे बनाया जा सकता है... स्वदेशी किस तरह भारत को विश्व गुरु बनाने में सहयोग दे सकती है ... राजीव भाई ने लगभग ७२ घंटो के व्याख्यान में जन-जन को समझाया...

महात्मा गाँधी व सभी क्रान्तिकारियों का निविदमववादित रूप से स्पष्ट मानना था कि भारत आजाद होते ही सभी अंग्रेजी व्यवस्थाओं का हमें स्वदेशीकरण करना होगा, जो दुर्भाग्य से नहीं हुआ। अब इस आधी अधूरी आजादी के स्थान पर हमें पूरी आजादी लानी है। आज हम अन्याय के खिलाफ बोल सकते हैं तथा सरकार बदल सकते हैं। इसका हमें पूरा लाभ उठाना है। आज जब किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र में विदेशी तंत्र व विदेशी भाषा नहीं चलती, तब स्वतन्त्र होते हुए भी विदेशी तन्त्र व विदेशी भाषा को ढोना यह हमारे लिए कितने शर्म व अपमान की बात है।

विदेशी हस्तक्षेप :- हमारे देश में, हमारे देश के नीति-निर्धरण से लेकर प्रधनमंत्री, वित्तमंत्री, विदेशमंत्री व रक्षामंत्री आदि महत्वपूर्ण पदों पर कौन व्यक्ति होने चाहिए, इसमें विदेशी सरकारों, उनकी अगेंसियों व विदेशी कम्पनियों का बहुत बड़ा हस्तक्षेप रहता है। इसके लिए मीडिया मेनेजमेन्ट और सम्बन्धित व्यक्तियों के महिमा मण्डन से लेकर सम्बन्ध पार्टी या सम्बन्धित व्यक्ति के लिए फुन्डिंग (Funding-धन) भी विदेशी सरकारें, एजेसियाँ व कम्पनियाँ करवाती है तथा कई बार तो सीधे तौर पर ही विदेशी सरकारों या एजेंसियों के एम.एल.ए., एम.पी. चुनाव लड़कर विधनसभा एवं लोकसभा तक पहुँचते हैं। विदेशी हस्तक्षेप द्वारा परोक्ष रूप से देश की सरकारें विदेशी ताकतों से संचालित होती हैं। यह देश के लिए बहुत खतरनाक है। राजनैतिक हस्तक्षेप के अलावा सामाजिक, धमिर्क, आर्थिक, चारित्रकि व सांस्कृतिक क्षेत्र में भी विदेशी हस्तक्षेप बहुत बड़ी चिन्ता का विषय है।

देश की आर्थिक लूट के दो बड़े स्रोत :- देश का धन देश से बाहर जाए तो देश शक्तिहीन होता है। अत: जो विदेशी कम्पनियाँ व्यापार करके देश का धन लूट रही हैं तथा भ्रष्ट लोग भ्रष्टाचार करके देश को लूट रहे हैं, अब हमें स्वदेशी को अपनाकर तथा विदेशी व्यापार व भ्रष्टाचार को मिटाकर देश को बचाना है। विदेशी-व्यापार व भ्रष्टाचार दोनों ही देश के सबसे बड़े शत्रु हैं, अधिकांश लोग अन्जाने में ही विदेशी वस्तुओं का प्रयोग करके राष्ट्रीय पाप के भागीदार बन रहे हैं और इससे बहुत बड़ा देशाघात हो रहा है।


चीन के बारे में हुआ हैरतअंगेज खुलासा
 — भास्कर

जी हां, चीन भारत को केवल सरहदों पर ही चुनौती नहीं दे रहा है बल्कि भारतीय अर्थव्यस्था के भीतर तक चीन की पैठ बन चुकी है यह खुलासा हुआ है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की एक गोपनीय रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लगभग 26 फीसदी औद्योगिक उत्पादन चीन से आयात किए गए कच्चे माल पर निर्भर करता है और चीन जब चाहे इन पर रोक लगाकार भारतीय उद्योग जगत को परेशानी में डाल सकता है।

राष्ट्रीय सुरझा सचिवालय ने सरकारी विभागों को चीन के बारें में एक रिपोर्ट तैयार करके दी है इस रिपोर्ट के मुताबिक बिजली, दवा, दूरसंचार और सूचना तकनीक में चीन काफी अंदर तक पैठ बना चुका है। आपको बता दें कई जरुरी ड्रग के लिए भारत अब पूरी तरह से चीन पर निर्भर है इससे घरेलू दवा उद्योग को हर साल 25 करोड़ रुपए की चपत लगती है। वहीं दूरसंचार उपकरण का 62 प्रतिशत हिस्सा चीन से आयात किया जाता है जिससे साइबर सुरक्षा और देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। आपको बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा तकनीक उत्पादक देश है और 2020 तक भारत का तकनीक आयात बिल तेल आयात बिल से ज्यादा होने की उम्मीद है जिससे चीन पर भारत की निर्भरता और भी बढ़ जाएगी।

सीफएल के कच्चे माल के लिए भारत पूरी तरह से अब चीन पर निर्भर है और अभी हांलहि में चीन ने फास्फोर की कीमत बढ़ाकर उद्योग जगत को तगड़ा झटका दिया है। यहीं नहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच सालों में चीन हमारे 75 फीसदी मैन्यूफैक्चरिंग को उत्पादन को नियंत्रित कर लेगा। देश की जितनी निर्भरता चीन पर बढ़ती जा रही है उतना ही खतरा भारतीय अर्थव्यवस्था को चीन से बढ़ता जा रहा है।

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