2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में वित्त मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारी और सीबीआई अधिकारी को बतौर गवाह कोर्ट में १७ दिसंबर को पेश होन..
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मोदी का गुजरात, जैसा मैने देखा...
|पिछ्ले दिनो मुझे गुजरात जाने का अवसर मिला। शहर की चकाचौंध से कौसों दूर ग्रामीणों के मध्य कई दिनों तक उनके साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अभी तक मैंने गुजरात के बारे मे अच्छा – बुरा मात्र मीडिया की माध्यम से ही सुना था परंतु गुजरात की आम-जनता से सम्मुख होने का यह अनुभव मुझे पहली बार प्राप्त हुआ। एक तरफ जहा मीडिया मोदी के जादू के बारे मे अपना आंकलन प्रस्तुत करने की कोशिश करता है तो दूसर..
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मोदी नहीं होते, तो कोई और होता : नरेन्द्र मोदी "प्रवृत्ति" का उदभव एवं विकास...
|एक संयुक्त परिवार है, जिसमें अक्सर पिता द्वारा बड़े भाई को यह कहकर दबाया जाता रहा कि, "तुम बड़े हो, तुम सहिष्णु हो, तुम्हें अपने छोटे भाई को समझना चाहिए और उसकी गलतियों को नज़रअंदाज़ करना चाहिए…"। जबकि उस परिवार के मुखिया ने कभी भी उस उत्पाती और अड़ियल किस्म के छोटे बेटे पर लगाम कसने की कोशिश नहीं की…।
इस बीच छोटे बेटे को भड़काने वाले और उसके भड़कने पर फ़ायदा उठ.. -
क्या गजब का देश है यह, क्या गजब का देश है...
|चारों तरह अव्यवस्था, राजनैतिक उठापटक, आरोप-प्रत्यारोपों के बीच प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान व्यक्ति द्वारा अजब मुहावरेदार भाषा का प्रयोग देख-सुनकर सभी हैरान-परेशान है। विपक्ष में अनेक स्वर गूंज रहे हैं तो जनलोकपाल बनाने की मुहिम छिछलेदार तक जा पहुंची है। चाटुकार युवराज को लाने की गुहार लगा रहे हैं जो मुम्बई में नित नए फिल्मी दृश्य उपस्थित है। एक के बाद दूसरे चाचा-भतीजे आमने सामने होने क..
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भानुमती नरसिम्हन, एक परिचय : आर्ट ऑफ लिविंग
|भानुमती नरसिम्हन ने आरंभ से आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन में महत्व की भूमिका निभाई है। १९८१ में श्री श्री रवि शंकर द्वारा स्थापित आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन तनाव प्रबंधन तथा सेवा प्रस्तावों से संलग्न एक लाभ-निरपेक्ष, शैक्षणिक और मानवतावादी NGO (गैर-सरकारी संस्थान) है। संस्था विश्व भर में १५१ देशों में कार्यरत है। श्री श्री रवि शंकर, उनके भाई व मार्गदर्शक, हमेशा से उनके लक्ष्य व प्रोत्साहन के स्त्रो..
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महिला अस्मिता पर राजनीति का ग्रहण...
|आश्चर्य होता है कि एक तरफ भारतीय संस्कृति में नारी को विशेष सम्मान प्राप्त है। हमारे जीवन के लिए सर्वाधिक उपयोगी धन की अधिष्ठाती देवी लक्ष्मी है तो ज्ञान के लिए माँ सरस्वती की शरण में जाना पड़ता है। देश में नवरात्रों में शक्ति स्वरुपा माँ दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हमें बार- बार यह भी सिखाया जाता है कि जहाँ नारी की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास होता है। गुरु नानकदेव जी का कथन ..
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एक राष्ट्र जो स्वयं अपनी राष्ट्रभाषा से नजरें चुराता है...
|पिछले दिनों आस्ट्रेलिया की प्रधान मंत्री ने हमारे आत्मसम्मान को ललकारते हुए कहा, ‘भारत अंग्रेज शासित देश है।’ ऐसा तब हुआ जब एक समिति ने आस्ट्रेलिया - भारत संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए सभी राजनयिकों को हिन्दी सीखने का सुझाव दिया। इस सुझाव को वहाँ की प्रधानमंत्री ने अस्वीकार करते हुए उक्त टिप्पणी की। सच ही तो है, जो राष्ट्र स्वयं अपनी राष्ट्रभाषा से नजरें चुराता हैं उसे अपने स्व..
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चार धाम - विषय केन्द्रित विभिन्न 5 मंत्रालयों में RTI
|आद्य शंकराचार्य भारतवर्ष की एक दिव्य विभूति है। उनकी प्रभा आज भी दिग्दिगन्त को आलोकित कर रही है। शंकराचार्य का जन्म दक्षिण भारत के केरल में अवस्थित निम्बूदरीपाद ब्राह्मणों के 'कालडी़ ग्राम' में 788 ई. में हुआ, फिर भी उनकी कीर्ति कौमुदी उसी प्रकार अक्षुण्ण रूप में आज भी भारत के नभोमंडल को उद्भासित कर रही है।
जिस समय यह पवित्र भारत-वर्ष छिन्नता के पंक में धंसा जा रहा थ.. -
अगर वालमार्ट रोजगार पैदा करता है तो उसे बताना चाहिए कि अमेरिका की जनता क्यों बेरोजगार है?
|पिछले दिनों स्कूल की जमीन पर बनी हमारे क्षेत्र की सब्जी मंडी को हटाने और बचाने पर जमकर राजनीति हुई। जाहिर है गरीब सब्जी विक्रेता अपनी रोजी-रोटी छिनने की आशंका से परेशान थे। वह मामला तो फिलहाल टल गया लेकिन देश भर में रिटेल व्यापार पर विदेशी कम्पनियों को अनुमति दिये जाने से देश में रिटेल का व्यापार करने वाले करोड़ों छोटे व्यापारियों की बर्बादी का रोड़मैप तैयार हो गया है। फिलहाल लगभग सभी नगरों म..
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क्या विश्व प्रसिद्द अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ऐसे स्वार्थी-फैसले अपनी छवि सुधारने के लिए ले रहे हैं?
|पैसे तो पेड़ पर उगते नहीं है...
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार पर हो रहे चौतरफा हमलों का जबाब देने के लिए अब खुद एक अर्थशास्त्री के रूप में कमान संभाल ली है। परन्तु यह भी एक कड़वा सच है कि यूपीए-2 इस समय अपने कार्यकाल के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। जनत.. -
हिन्दू अपने हिन्दू होने की सजा भुगत रहे हैं...
|प्रकृति कभी भी किसी से कोई भेदभाव नहीं करती और इसने सदैव ही इस धरा पर मानव-योनि में जन्में सभी मानवों को एक नजर से देखा है। हालाँकि मानव ने समय-समय पर अपनी सुविधानुसार दास-प्रथा, रंगभेद-नीति, सामंतवादी इत्यादि व्यवस्थाओं के आधार पर मानव-शोषण की ऐसी कालिमा पोती है जो इतिहास के पन्नों से शायद ही कभी धुले। समय बदला लोगों ने ऐसी अत्याचारी व्यवस्थाओं के विरुद्ध आवाज उठाई। विश्व के मानस पटल पर सभी ..
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असम अपनी संस्कृति, आध्यात्मिक परंपरा और वीरता के लिए जाना जाता है : बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या
|असम अपनी संस्कृति, आध्यात्मिक परंपरा और वीरता के लिए जाना जाता है। यहां के अहोम राजाओं की शक्ति से विदेशी आक्रांता भी घबराते थे। आज वही असम जल रहा है। यहाँ बंगलादेशी घुसपैठिये स्थानीय बोडो आदिवासियों का जीना हराम किये हैं। लाखों लोगों के बेघर होने से यह स्वतः स्पष्ट हो जाता है..
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सरकार का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला
|भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाने में हम बहुत ही सौभाग्यशाली रहे क्योंकि हमें लोकतंत्र अपनाने के लिए विश्व के अन्य देशों की तरह संघर्ष नहीं करना पड़ा। 1947 में प्राप्त स्वतंत्रता पश्चात हमारी संविधान सभा ने जिस संविधान को अंगीकार किया उसी संविधान द्वारा यहाँ के नागरिको को प्रदत्त मूल अधिकारों में से एक अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी सम्मिलित है। देश की एकत..
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स्वामी की याचिका पर चिदंबरम को कोर्ट से झटका : 2G स्पेक्ट्रम घोटाला
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पांडवों की कुलदेवी मां हथीरा देवी
पांडवों द्वारा कुरु भूमि पर धर्मरक्षा और न्याय के लिए महाभारत का भीषण युद्ध लड़ा गया। इस युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण भूमिक..
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ट्रेन में सांसद संदीप दीक्षित की सीट से मिले 10 लाख रुपये, जांच शुरू
भोपाल एक्सप्रेस में सवार होकर गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और लोकसभा सदस्य संदीप ..
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दबी कुचली नीतियां और आधुनिक कचरे का निपटारा
सोफे पर बैठे-बैठे हम खबरों की दुनिया से निकलकर फिल्मी दुनिया में घूमने लगते हैं। रिमोट के बटन के आसरे चैनल बदलने का सिलस..
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भ्रस्टाचार का विरोध करने पर उत्तर प्रदेश में डी.आई.जी. को पागल करार दिया
उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग (फायर सर्विस) में तैनात डीआइजी देवेंद्र दत्त मिश्र को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर पागल क..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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