-
Thursday, Feb 28,2013, 09:00 IST .
आंखों में उम्मीद के सपने, नयी उड़ान भरता हुआ मन, कुछ कर दिखाने
का दमखम और दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा
कहा जाता है। युवा शब्द ही मन में उडान और उमंग पैदा करता है। उम्र का
यही वह दौर है जब न केवल उस युवा के बल्कि उसके राष्ट्र का भविष्य तय
किया जा सकता है। आज के भारत को युवा भारत कहा जाता है क्योंकि हमारे
देश में असम्भव को संभव में बदलने वाले युवाओं की संख्या
सर्व..
-
Sunday, Feb 17,2013, 19:25 IST .
विस्थापन वैश्विक घटनाक्रम है जो आदिकाल से वर्तमान जारी है।
विस्थापन की परिस्थितियां भिन्न हो सकती है लेकिन विस्थापन की पीड़ा
एक ही होती है। विभाजन और विस्थापन का गहरा संबंध है। अपनी मातृभूमि,
अपना घोसला, अपना परिवेश पशु-पक्षी भी नहीं छोड़ना चाहते तो विस्थापित
मानव मन की पीड़ा को समझा जा सकता है। लेकिन आश्चर्य होता जब स्वयं को
समझदार बताने वाले विस्थापित और विदेशी का अंतर नहीं समझ पाते। ऐसे
मे..
-
Sunday, Dec 30,2012, 01:02 IST .
देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में हुई सामूहिक बलात्कार की शर्मनाक घटना पर संसद से देश की
हर मुख्य सड़क पर आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। बलात्कारियों को
फाँसी की मांग उठ रही है इसीलिए एक आरोपी के पिता को भी कहना पड़ा,
‘यदि मेरा दोषी है तो उसे फाँसी अवश्य दी जाए।&r..
-
Thursday, Nov 22,2012, 22:29 IST .
सारी दुनिया भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताती है तो
गर्व से हमारा सिर तन जाता हैं कि हमने दुनिया को एक श्रेष्ठ शासन
प्रणाली दी। आधुनिक समाज में लोकतंत्र की परिभाषा बेशक ‘जनता द्वारा,
जनता के लिए, जनता का शासन’ हो लेकिन आज कुछ दिनों पूर्व मलयेशिया के
पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा था, ‘भारत चीन की बराबरी कर
सकता है लेकिन यहाँ जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र है।&rs..
-
Sunday, Oct 28,2012, 13:45 IST .
चारों तरह अव्यवस्था, राजनैतिक उठापटक, आरोप-प्रत्यारोपों के बीच
प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान व्यक्ति द्वारा अजब मुहावरेदार
भाषा का प्रयोग देख-सुनकर सभी हैरान-परेशान है। विपक्ष में अनेक स्वर
गूंज रहे हैं तो जनलोकपाल बनाने की मुहिम छिछलेदार तक जा पहुंची है।
चाटुकार युवराज को लाने की गुहार लगा रहे हैं जो मुम्बई में नित नए
फिल्मी दृश्य उपस्थित है। एक के बाद दूसरे चाचा-भतीजे आमने सामने होने
क..
-
Tuesday, Oct 16,2012, 15:12 IST .
आश्चर्य होता है कि एक तरफ भारतीय संस्कृति में नारी को विशेष
सम्मान प्राप्त है। हमारे जीवन के लिए सर्वाधिक उपयोगी धन की
अधिष्ठाती देवी लक्ष्मी है तो ज्ञान के लिए माँ सरस्वती की शरण में
जाना पड़ता है। देश में नवरात्रों में शक्ति स्वरुपा माँ दुर्गा की
विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हमें बार- बार यह भी सिखाया जाता है कि
जहाँ नारी की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास होता है। गुरु नानकदेव
जी का कथन ..
-
Sunday, Oct 07,2012, 01:58 IST .
पिछले दिनों आस्ट्रेलिया की प्रधान मंत्री ने हमारे आत्मसम्मान को
ललकारते हुए कहा, ‘भारत अंग्रेज शासित देश है।’ ऐसा तब हुआ जब एक
समिति ने आस्ट्रेलिया - भारत संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए सभी
राजनयिकों को हिन्दी सीखने का सुझाव दिया। इस सुझाव को वहाँ की
प्रधानमंत्री ने अस्वीकार करते हुए उक्त टिप्पणी की। सच ही तो है, जो
राष्ट्र स्वयं अपनी राष्ट्रभाषा से नजरें चुराता हैं उसे अपने
स्व..
-
Tuesday, Oct 02,2012, 23:37 IST .
पिछले दिनों स्कूल की जमीन पर बनी हमारे क्षेत्र की सब्जी मंडी को
हटाने और बचाने पर जमकर राजनीति हुई। जाहिर है गरीब सब्जी विक्रेता
अपनी रोजी-रोटी छिनने की आशंका से परेशान थे। वह मामला तो फिलहाल टल
गया लेकिन देश भर में रिटेल व्यापार पर विदेशी कम्पनियों को अनुमति
दिये जाने से देश में रिटेल का व्यापार करने वाले करोड़ों छोटे
व्यापारियों की बर्बादी का रोड़मैप तैयार हो गया है। फिलहाल लगभग सभी
नगरों म..
-
Thursday, Aug 30,2012, 16:21 IST .
असम अपनी संस्कृति, आध्यात्मिक परंपरा और वीरता के लिए जाना जाता
है। यहां के अहोम राजाओं की शक्ति से विदेशी आक्रांता भी घबराते थे।
आज वही असम जल रहा है। यहाँ बंगलादेशी घुसपैठिये स्थानीय बोडो आदिवासियों का जीना
हराम किये हैं। लाखों लोगों के बेघर होने से यह स्वतः स्पष्ट हो जाता
है..
-
Friday, Aug 03,2012, 23:56 IST .
यूरोप के कुछ देशो की यात्रा का अवसर पहले भी चुका है। इा वर्ष एक
समारोह में ताशकंद जाना था लेकिन किसी विवाद के कारण मैंने और कुछ
मित्रों ने उस कार्यक्रम को रद्द कर दिया। इसी बीच दिल्ली की जबरदस्त
गर्मियों में ठंडे यूरोप की सैर का प्रस्ताव सामने आया तो इरादा बदल
गया। ब्रिटेन और सैनेगन देशों का वीजा प्राप्त करना आसान नहीं है
इसीलिए मेरे अग्रज सम हरिकिशन चावला व दो अन्य साथियों को निराशा हाथ
लगी।..
-
Thursday, Jul 19,2012, 10:32 IST .
कभी विदेशी मीडिया के दुलारे रहे हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
पर विदेश से ही जोरदार प्रहार हो रहे हैं तो प्रत्येक भारतीय को शंका
है? सभी जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि मनमोहन सिंह आसमान
से जमीन पर आ गए। कारण की विवेचना करने से पूर्व यह जानना जरूरी है कि
पिछले हफ्ते प्रसिद्ध अमेरिकी पत्रिका टाइम ने उन पर हमला बोलते हुए
उन्हें 'अंडरअचीवर' घोषित किया था जबकि यही पत्रिका उन्हें ..
-
Tuesday, Jul 17,2012, 07:40 IST .
भारत आश्चर्यो का देश है तभी तो यहाँ दोषी अपने अपराधबोध से ग्रस्त
होने की बजाय दूसरो पर दहाड़ता है। अपनी गलतियों के लिए मेमने को दोषी
ठहराकर उसे चट कर जाने की कथा यहाँ आज भी प्रचलन में हैं वरना महंगाई
से त्रस्त जनता के घावों पर मरहम लगाने की बजाय उल्टा उन्हें ही
कसूरबार ठहराने वाले माननीय मंत्री जी अब तक पद पर कैसे रहते। जी हाँ
हम बात कर रहे हैं देश के गृहमंत्री पी. चिदंबरम की। उन्हें शायद
माल..
-
Saturday, Jun 23,2012, 14:25 IST .
मिशन महंगाई और अर्थशास्त्र डा. विनोद बब्बर यूपीए सरकार ने अपनी
एक और सालगिरह क्या मनाई, जनता की मुसीबत और बढ़ गई। सब्जियों, दालों,
बिजली, पानी के बिल, दूध आदि के दाम आसमान को छू रहे थे कि पैट्रोल के
दामों में भी अभूतपूर्व वृद्धि करते हुए साढ़े सात रूपये प्रति लीटर
का बोझ डाला गया। अब इसके बाद डीजल, रसोई गैस और मिट्टी के तेल के दाम
बढ़ाने के कयास लगाये जा रहे हैं। सारा देश हाहाकार कर रहा है
इस..
-
Thursday, Jun 14,2012, 23:00 IST .
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर विशेष आज के दौर में पत्रकारिता हिन्दी
पत्रकारिता की चर्चा करने से पूर्व हिन्दी के इतिहास को जानना जरूरी
है। यह स्मरण रखना जरूरी है कि हिन्दी का इतिहास वैदिक
काल से आरंभ होता है। हर युग में इसका नाम परिवर्तित होता
रहा है, कभी वैदिक, कभी संस्कृत, कभी प्राकृत, कभी अपभ्रंश और अब
हिन्दी। लेकिन एक बात बिल्कुल स्पष्ट और सिद्ध है कि हर कालखंड में
अपने परिवर्..
-
Tuesday, May 29,2012, 15:08 IST .
अनुशासन के महत्व पर हजारों ग्रन्थ लिखे जा सकते हैं। इसे समाज और
राष्ट्र की नींव कहा जा सकता है। अनुशासन संस्कृति का मेरूदंड है।
सड़क हो या सदन, व्यवसाय हो या खेती, खेल का मैदान हो या युद्ध भूमि
अनुशासन के बिना संभव ही नहीं है इस दुनिया की संरचना। अनुशासन
विकास-पथ है तो अनुशासनहीनता विनाश को आमंत्रण। ये तमाम बातें सभी
जानते हैं लेकिन अपनी नई पीढ़ी में अनुशासन के प्रति भाव जगाने की बात
करने वाल..
-
Tuesday, May 22,2012, 13:39 IST .
सत्ता के प्रति असहमति का स्वर कोई नई बात नहीं है। कभी सुप्रसिद्ध
कवि धूमिल ने कहा था- वे सब के सब तिजोरियों के दुभाषिये हैं, जो वकील
हैं, वैज्ञानिक हैं, अध्यापक हैं, नेता है, दार्शनिक हैं... लेखक हैं,
कवि हैं, कलाकार हैं - यानी-कानून की भाषा बोलता हुआ अपराधियों का एक
संयुक्त परिवार है। (संसद से सड़क तक पृ. 139) इस बार एक कवि की
बजाय जब एक सन्यासी ने कहा कि ‘देश की संसद के भीतर हत्..