स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता, चिन्तक , जुझारू निर्भीक व सत्य को द्रढ़ता से रखने की लिए पहचाने जाने वाले भाई राजीव दीक्षित जी ..
'पूजा' यह शब्द २ पदों से मिलकर बना है। 'पो' अर्थात पूर्णता तथा 'जा' अर्थात 'से उत्पन्न'। अर्थात जो पूर्णता से उत्पन्न होती है वह है पूजा। जब हमारी चेतना पूर्ण हो जाती है तथा इस पूर्णता की स्थिति में हम कोई कर्म करते हैं तो वह कर्म पूजा कहलाता है। जब ह्रदय पूर्णता से आलोकित होता है और पूर्णता से अभिभूत स्थिति में हमारे द्वारा किये गए कार्य पूजा बन जाते हैं।
यह मानकर कि ईश्वर हमारे लिए जो कुछ कर रहा है वह सबकुछ पूजा है। ईश्वर हमें धान्य और अनाज देता है अतः हम उसे चावल चढाते हैं। ईश्वर हमें जल देता है अतः हम ईश्वर को जल चढाते हैं।
ईश्वर ने हमें सुगंधों का उपहार दिया है अतः हम ईश्वर को इत्र चढाते हैं। वृक्षों पर हमारे लिए फल उत्पन्न किये गए हैं अतः हम भी ईश्वर को फल चढाते हैं। ईश्वर सूर्य और चन्द्र के माध्यम से प्रतिदिन हमारी आरती करता है अतः हम दीया जलाकर उसकी आरती का अनुसरण करते हैं। ईश्वर प्रतिदिन हमारी अभ्यर्थना करता है और हम उसकी इसी अभ्यर्थना का अनुसरण पूजा के माध्यम से करते हैं। ह्रदय से किसी को आदर देना... आदर जो पूर्ण हो, वह पूजा कहलाता है।
पूजा-कर्म का अंतिम चरण आरती के रूप में जाना जाता है।
'आरती' का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है - 'पूर्ण आनंद'। रति का अर्थ है आनंद।
अतः आरती का अर्थ है पूर्णानंद, अर्थात वह आनंद जिसमे दुःख का
लेशमात्र भी ना हो और वह पूर्ण हो।
आरती कैसे की जाती है? एक दीया जलाकर भगवान् के चारों ओर फिराया जाता है। दीया क्या बताता है? यह बताता है कि जीवन प्रकाश की भांति है। आप चाहे जिस दिशा में अग्नि को घुमाएँ, वह ऊर्ध्व के ओर ही गमन करेगी। इसी प्रकार जीवन की दिशा भी सदैव ऊर्ध्व की ओर होनी चाहिए।
हमारा जीवन किसका परिक्रमण करे? हमारे जीवन को सदैव दिव्यता का परिक्रमण करना चाहिए। यही आरती है। इसके पश्चात् बारी आती है मंत्रपुष्पांजलि की। मन्त्रों के माध्यम से मन की शुद्धि होती है और शुद्ध मन एक पुष्प की भांति खिलता है और यही खिला हुआ मन दिव्यता को अर्पित किया जाता है। आरती के माध्यम से मन एक खिला हुआ पुष्प बन जाता है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
स्वदेशी के प्रखर वक्ता अमर शहीद भाई राजीव दीक्षित का जीवन एवं कार्य
-
सरहद को प्रणाम, फोरम फॉर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी की पहल
फरीदाबाद से जाने वाले दल का विवरण : आशीष गौड़, तुषार त्यागी, दिनेश शर्मा, प्रदीप सिंह, विपिन व..
-
कश्मीर में रायशुमारी के रुख पर अड़े प्रशांत भूषण के खिलाफ भड़का गुस्सा
जनलोकपाल के लिए संघर्ष कर रही टीम अन्ना के अहम सदस्य प्रशांत भूषण पर बुधवार को हुए हमले के बाद गुरुवार को उनकी तीखी आलोचना..
-
शंकराचार्य का आह्वान - सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का प्रखर विरोध करे हिन्दू समाज
कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी जयेन्द्र सरस्वती ने भारत के एक अरब हिंदुओं से प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा..
-
1971 के पाक-भारत युद्ध का गोला अब फटा, तीन बच्चे मारे गए और 10 लोग घायल हो गए
हम उससे गेंद समझ कर ले आए, सुबह को रेत ठंडी थी तो दस्तों ने कहा कि चलो खेलते हैं और उसी दौरान एक बच्चे ने गोला उठा कर नीजे..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)