रांची के गेताल्सुद बन्ध के निकट ११३ करोड़ की लागत से बनने वाले फ़ूड पार्क अब जल्दी ही बन कर तैयार हो जायेगा | २ साल से सरकार..
आशाराम बापू ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया, कहा बबलू
मथुरा. आध्यात्मिक आशाराम बापू ने रविवार को मथुरा में प्रवचन करते
हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का खूब मजाक बनाया। संत आशाराम ने
राहुल गांधी को बबलू कहते हुए कहा कि है ये बबलू और देख रहा है देश का
प्रधानमंत्री बनने का सपना।
दरअसल आशाराम बापू अपने अनुयायियों को संबोधित कर रहे थे। वो कर तो
रहे थे धर्म की बातें लेकिन अचानक अन्ना हजारे के आंदोलन पर बोलते हुए
उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे आठ दिन तक भूखे बैठे रहे तब इस
बबलू को होश आया और संसद में बयान दिया।
फिर आशाराम मंच पर लगे एक स्तंभ के पास पहुंचे और स्तंभ को पुचकारते
हुए कहा कि देखो कैसा बबलू है ये जो देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना
देख रहा है लेकिन आता जाता कुछ नहीं है।
राहुल पर निशाना साधते हुए आशाराम बापू ने कहा कि आठ-आठ दस-दस दिन बाद
जो लिखा हुआ लैटर पढ़ता है वो त्वरित निर्णय की महिमा नहीं जान सकता
है। आशाराम यहीं नहीं रुके। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अन्ना के
अनशन के दौरान किसी ने कांग्रेस महासचिव से पूछा कि आपकी राय क्या है
तो बबलू बोले कि मैं सोच कर बोलता हूं। ये बबलू प्रधानमंत्री बनने का
सपना देख रहा है।
गौरतलब है कि जब अन्ना हजारे अनशन पर थे तब राहुल गांधी ने चुप्पी साध
रखी थी और संसद में ही अपनी चुप्पी तोड़ी थी।
संत आशाराम के इस अंदाज पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यदि
बाबा को भी राजनीति करनी है तो सीधे तौर पर राजनीति में आए। बाबा के
आश्रम में मृत पाए गए दो बच्चों की मौत पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने
कहा कि आशाराम को वो बच्चे बबलू नजर नहीं आए जिनकी उन्होंने बलि ले
ली।
वैसे यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी को इस तरह का नाम दिया
गया हो। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान शरद यादव राहुल
गांधी को बबुआ कहकर संबोधित कर चुके हैं। केरल चुनाव के दौरान केरल के
पूर्व मुख्यमंत्री अच्यूतानंद ने उन्हें अमूल बेबी कहा था जिस पर काफी
बयानबाजी हुई थी। यही नहीं उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ
नेता आजम खां ने उन्हें बाबा करार दिया था।
Share Your View via Facebook
top trend
-
जल्दी ही बन कर तैयार होगा बाबा रामदेव का बहु-प्रतीक्षित फ़ूड पार्क
-
भारतीय मीडिया एक निरंकुश हाथी...
एमएमएस घोटालों मे हाल ही में आयी बाढ़ को व्यंग्यात्मक रूप से कुछ यूं देखा जा सकता है: यह राष्ट्र एक एमएमएस, मन मोहन सिंह..
-
सरदार होते तो नहीं झुलसता कश्मीर : मोदी
" बात खरी है | बात ऐसी है जो देश की पुरानी पीढ़ी का हर कोई जानकार और निष्पक्ष नागरिक मानता है, और बोलता भी है | लेकिन इस बा..
-
इरोम ने कहा, अन्ना का आंदोलन बनावटी! कश्मीरी अलगाववादी ने मांगा हजारे का साथ
मणिपुर में पिछले 11 वर्षो से अनशन कर रहीं इरोम शर्मिला ने अन्ना हजारे के आंदोलन को बनावटी करार दिया है। सुरक्षा बलों ..
-
याददाश्त पर हावी हादसे — प्रीतीश नंदी
पिछले सप्ताहांत मैंने इशिता से पुणो की एक जगह के बारे में जानना चाहा। उसने मुझे बताया कि वह जगह कयानी बेकरी के करीब है। मै..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)