मोदी विरोधी जकिया, भट्ट एवं श्रीकुमार पर बरसे राघवन, आड़े हाथों लिया

Published: Monday, May 14,2012, 23:35 IST
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गुजरात दंगों की जांच करने वाले विशेष जांच दल [एसआइटी] के मुखिया आरके राघवन ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में जकिया जाफरी और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आइपीएस अधिकारियों संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार को आड़े हाथों लिया है। इनकी शिकायतों को उन्होंने तथ्यों से परे बताया है।

सीबीआइ के पूर्व निदेशक आरके राघवन ने जांच अधिकारी एके मल्होत्रा के काम की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि दंगों के आठ साल बाद तथ्यों की जांच करना काफी मुश्किल था। जांच करना तब और मुश्किल हो जाता है जब याचिकाकर्ता जांचकर्ता पर विश्वास न करे और जांच में सहयोग से हट जाए। दंगों की जांच में भी कुछ ऐसा ही हुआ। गुलबर्ग दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्‍‌नी जकिया ने अपनी याचिका में 42 आरोप लगाए थे। दंगों की जांच के लिए मल्होत्रा ने 160 गवाहों और हजारों दस्तावेजों को खंगालकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की।

राघवन ने अपनी रिपोर्ट में निलंबित आइपीएस संजीव भट्ट को विश्वास करने के योग्य नहीं माना। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री आवास पर 27 फरवरी, 2002 को हुई उच्च स्तरीय बैठक में भट्ट की उपस्थिति के सुबूत नहीं मिले। नौ अन्य पुलिस अधिकारियों ने भट्ट के वहां होने से इन्कार किया है। राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार के आरोपों को भी एसआइटी ने सिरे से नकार दिया है। राघवन का कहना है कि श्रीकुमार ने दंगों से जुड़े तथ्यों को लेकर जो डायरी तैयार की, वह पूरी तरह से व्यक्तिगत थी। यह डायरी तब तैयार की गई जब उनका सरकार के साथ पदोन्नति को लेकर झगड़ा चल रहा था। इसे अदालत में सुबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता। राघवन ने हालांकि माना है कि मोदी दंगे रोकने में नाकाम रहे।

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साभार जागरण

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