पश्चिमी सभ्यता का अन्धानुकरण करने के युग में हम अपनी संस्कृति, सभ्यता एवं मनोबल को इतना अधिक गिरा चुके हैं की उन्हें उठने ..
नई दिल्ली। पंजाब, उत्तर प्रदेश और गोवा के विधानसभा चुनावों में
कड़ी शिकस्त खाने के बाद अब कांग्रेस को दिल्ली के निगम चुनावों में भी
हार का सामना करना पड़ता दिखाई दे रहा है। भाजपा तीनों निगमों में
बहुमत की ओर बढ़ रही है। भाजपा नेता इस जीत को कांग्रेस की गलत
नीतियों और उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ जीत बता रहे
हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में तीन नगर निगमों के लिए मतों की गिनती का काम
जारी है। भाजपा की तीनों निगम में बढ़त से पार्टी नेताओं और
कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है। वहीं घीरे-धीरे पिछड़ रही
कांग्रेस अभी भी मजबूत जीत का दावा कर रही है। अभी तक मिले रुझानों
में उत्तरी, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली में बीजेपी बहुमत की ओर है। इस
बीच वार्ड नंबर 122 और 123 पर कुछ खामियों के बाद मतगणना की गिनती का
काम रोक दिया गया है।
उधर, घोषित परिणामों में विरेंद्र सहवाग की बहन अंजू सहवाग कांग्रेस
से दक्षिणपुरी सीट पर, कृष्णा नगर से बीजेपी की कल्पना देवी,
मुस्तफाबाद से कांग्रेस की परवीन, मयूर विहार फेज वन से कांग्रेस के
गुरमीत कौर, आर के पुरम से कांग्रेस के धर्मवीर, वसंत विहार से बीजेपी
के राधेश्याम, आनंद विहार से बीजेपी के महेंद्र ने जीत हासिल की
है।
पिछले 15 सालों में यह रिकार्ड मतदान माना जा रहा है। इन चुनावों से
2423 उम्मीदवारों का भाग्य तय होगा जिनमें से अधिकतर निर्दलीय हैं।
काग्रेस और भाजपा दोनों ही इन चुनावों के नतीजों की प्रतीक्षा कर रही
हैं क्योंकि नगर निगम चुनावों को दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के लिए
बड़ी अग्नि परीक्षा माना जा रहा है।
एमसीडी चुनाव को अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल
मुकाबले के रूप में भी देखा जा रहा है। काग्रेस और भाजपा दोनों का ही
दावा है कि उनकी पार्टी चुनावों में भारी जीत हासिल करेगी।
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