सरकार बनाने के २४ घंटे के अंदर माया के घोटालों की जाँच शुरू करेगी भाजपा

Published: Friday, Jan 13,2012, 22:56 IST
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भाजपा का १६ जनवरी को नितिन गडकरी द्वारा जारी किया जाने वाला दृष्टिपत्र बन कर तैयार है और उसमें सरकार बनाने के २४ घंटे के अंदर मायावती सरकार के अंदर हुए घोटाले की जाँच शुरू करने के लिए आयोग बनाने की बात कही गयी है | पत्र में इसके अतिरिक्त गरीबों को हर माह ३५ किलो अनाज ३ रुपये किलो चावल और २ रुपये किलो गेंहूँ देने का भी वादा है | इसके अतिरिक्त भाजपा अपने अन्य राज्यों की सफल योजनाओं को भी उत्तर प्रदेश में लागू करेगी जैसे मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना तथा गुजरात की ज्योतिर्ग्राम योजना जिसने १० साल में गुजरात का विद्युत उत्पादन इतना बढ़ा दिया कि आवश्यकता से २००० मेगावाट कम बिजली बनाने वाला गुजरात आज अपनी आवश्यकता से ४००० मेगावाट अधिक बिजली बना रहा है | यद्यपि भ्रष्टाचार के चलते अपने आधे मंत्रिमंडल को चुनाव से ठीक पहले बाहर का रास्ता दिखा कर मुख्यमंत्री मायावती ने स्वच्छ छवि बनने की कोशिश तो की है लेकिन उनकी सरकार में किए घोटालों को उजागर करने के लिए बनायीं गयी भाजपा की भ्रष्टाचार उजागर समिति ने बहुत पहले ही माया सरकार में हुए १०० घोटालों की सूची जारी कर दी थी।

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Within 24 hrs of forming govt, will launch probe into Maya's scams: BJP
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आई.बी.टी.एल ने एक दृष्टि भाजपा के आरोप पत्र पर डाली। उसके मुख्य बिंदु हैं –

# धनवान उद्योगपतियों के लिए निर्धन कृषकों की भूमि का बल पूर्वक अधिग्रहण – घोटाला ४०००० करोड़
# चुनिन्दा लोगों को नॉएडा की अत्यधिक महँगी भूमि कौड़ियों के दाम बेचना – घोटाला १ लाख करोड़
# चीनी कारखानों की भूमि अपने निकटस्थ को औने-पौने दाम में देना – घोटाला २५००० करोड़
# बिजली परियोजना का आनन् फानन वितरण – घोटाला २०००० करोड़
# आगरा विद्युत वितरण घोटाला २५००० करोड़
# खनन घोटाला – १५००० करोड़
# शराब की हर बोतल पर पाउच के नाम पर १० रुपये का कर वसूलना – घोटाला १०००० करोड़
# शराब से सड़क तक ठेकों में चड्ढा को लाभ पहुँचाना – घोटाला १०००० करोड़
# स्मारकों के लिए पत्थर क्रय घोटाला – ५००० करोड़
# वृद्ध, विधवा एवं विकलांग पेंशन में घोटाला – २००० करोड़
# आहार, आवास, शिक्षा एवं स्वच्छता योजना में दलालों को लाभ – घोटाला २००० करोड़

भाजपा का आरोप है कि मायाराज में हुए इन कुछ घोटालों में इधर उधर हुई रकम ही कुल २ लाख ५४ हजार करोड़ है। नरेगा से नॉएडा तक एक भी सरकारी योजना ऐसी नहीं है जिसमें लूट न मची हो। जन्मदिन पर मायावती का हिस्सा देने से इनकार करने वाले इंजिनियर मनोज गुप्ता की हत्या के आरोप में विधायक शेखर तिवारी को हुई सजा प्रदेश में व्याप्त अनाचार का ज्वलंत उदाहरण है। न्यायिक एवं सीबीआई जाँच में सिद्ध हुआ है कि अन्त्योदय, मिड-डे मील, एवं राशन के लिए उत्तर प्रदेश पहुँच रहे अनाज की बंगलादेश में कालाबाजारी हो रही है। इस भ्रष्टाचार में २ लाख करोड़ की हेरा फेरी हुई है। निर्धनों की इंदिरा आवास योजना पर धनाढ्यों का आधिपत्य हो गया है। पहले से ही बने आवासों पर इंदिरा आवास की पट्टी चिपका कर गोलमाल किया जा रहा है। कांशीराम शहरी आवास के अंतर्गत बनाये गए सस्ते मकान बसपा के दलालों को आवंटित किए गए। अनेक आवंटन नकली नामों से अथवा बेनामी हैं।

स्मारकों के निर्माण और पुनर्निर्माण पर मायावती सरकार २००० करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। केवल अपने चुनाव चिह्न हाथी कि प्रतिमा स्थापित करने पर करोड़ों फूंके गए। इन स्मारकों के लिए एक फूट पत्थर १२००० से ४००० रुपये में खरीदा गया जबकि इसका बाजार भाव केवल ४०० रुपये है। खनन के लिए माहवार, तिमाही और अर्धवार्षिक लिसेंस जारी करने का अधिकार पोंटी चड्ढा को दिया गया। बुंदेलखंड से रोज लगभग ५००० ट्रक का खनन होता है। हर ट्रक पर ५१०० का भुगतान होता है और २१०० की रसीद काटी जाती है। यूपीए के नरेगा योजना में घोटाले कि रकम २५०० करोड़ से अधिक है। नरेगा में नकली लोगों की भरमार है। मेरठ में ३०००० मजदूरों में से ९७५६ को ही काम दिया गेट उसमें भी १०० दिन का काम केवल ५४२ मजदूरों को ही मिला। लखनऊ में ६४ करोड़ कि लागत से तालाब खोदे गए, परन्तु पानी एक में भी नहीं। नरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप में ७२ सरकारी अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोंडा के कलेक्टर ने नरेगा के धन से एक करोड़ रुपये के खिलौने खरीदे।

नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में गिने चुने लोगों को किसानो से छीनी भूमि सस्ते में बेचीं गयी। १ लाख करोड़ का घोटाला हुआ। सिटी सेंटर के २५ ए और ३२ सेक्टर में १६२ एकड़ भूमि प्रति वर्ग मीटर ७-८ लाख के बजाय केवल ८५००० में बेचीं गयी। समूह आवास योजना के एक भूखंड का बाजार मूल्य १२००० से १७००० रुपये प्रति वर्ग मीटर हो सकता था, परन्तु केवल ३८२५ रुपये की बोली स्वीकार की गयी। व्यावसायिक भूखंड भी २५००० से ३०००० रुपये वर्ग मीटर के बजाये ६७३१ रुपये मीटर पर बेचे गए। २५००० करोड़ की चीनी मिलें औने पौने मूल्यों पर बेच दी गयी। उनकी बिक्री प्रक्रिया ऐसे तय की गयी कि मायावती के करीबी कंपनियों को लाभ मिले और बाकी सब बाहर हो जायें। सबसे अधिक लाभ दिया गया पोंटी चड्ढा को। नेकपुर चीनी मिल केवल १४ करोड़ में बेचीं जबकि बाजार मूल्य था ८०० करोड़। सहारनपुर मिल ३५ करोड़ ८५ लाख में बेचीं जबकि बाजार मूल्य था ८०० करोड़।

उत्तर प्रदेश में नकली कॉलेज खोल कर छात्रों से पैसा ऐंठा जा रहा है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। २०१० में शिक्षकों के बीटीसी के लिए २० लाख आवेदन प्राप्त हुए। हर आवेदन के लिए ४०० रुपये शुल्क था लेकिन बीस लाख आवेदन पाने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी। कॉलेज में प्रवेश के लिए रिश्वत मूल्य निर्धारित है। दलित एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों को सरकार फीस का भुगतान करती है। इस फीस अदायगी में भी ४०० करोड़ का घोटाला है। वृद्ध, विधवा, विकलांग पेंशन का लाभ हज़ारों नकली लाभार्थी उठा रहे हैं। बहराइच जनपद में वृद्ध पेंशन के पात्र लोगों की सूची में ८६०३५ नाम दर्ज हैं जिसमें १७४०० नाम नकली हैं। आजमगढ़ जनपद में विधवाओं के जाली कागज प्रस्तुत कर के पेंशन लिया गया। इस मामले में २८ दलालों के विरुद्ध फौजदारी मामले दायर हुए हैं।

भाजपा का कहना है कि २ लाख करोड़ रुपये यदि ये पैसा यदि जनता में ही बाँट दिए जाते तो हर परिवार के हिस्से में पचास हजार रुपये आते। शेष निर्णय जनता को ही करना है। हमारे देश का इतिहास रहा है कि दुष्ट शिशुपाल के १०० अपराध भी श्री कृष्ण ने क्षमा कर दिए थे, परन्तु चरित्रवान धर्मात्मा युधिष्ठिर को एक भूल (द्यूतक्रीड़ा) का भी पत्नी एवं भाइयों समेत इतना भयानक दंड मिला था। उसी प्रकार मायावती सरकार के १०० घोटालों की सूची तो भूली बिसरी बात हो गयी, और एक कुशवाहा की आँच में भाजपा झुलस गयी। [ कुशवाहा कांड के आईने में भाजपा और कांग्रेस : मापदंडों के मायने ]

(भाजपा द्वारी जारी किए गए आरोप पत्र पर आधारित – आँकड़े भाजपा के आरोप हैं। उनकी शुद्धता के लिए आई.बी.टी.एल उत्तरदायी नहीं है।)

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