कांग्रेस ने इस बार गजब का दांव मारा है| यह दांव वैसा ही है, जैसा कि 1971 में इंदिराजी ने मारा था| गरीबी हटाओ! गरीबी हटी या..
" मोदी छाए गहलोत लजाए " सच्चाई नहीं पचा पाए और मंच छोड़ चले गए
जयपुर में चल रहे एन.आर.आई. सम्मेलन में आज गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेन्द्र मोदी के ओजपूर्ण सम्बोधन से बिड़ला सभागार तालियों से गूंज
उठा. बिड़ला सभागार में मोदी के संबोधन के दौरान जमकर तालियां बजी ।
पहले अशोक गहलोत ने केंद्र की यूपीए सरकार और सोनिया गांधी की
तारीफों के पुल बांधने शुरू किए। गहलोत ने राज्यों के खासकर
राजस्थान के विकास के लिए सोनिया गांधी को श्रेय दिया।
गहलोत के भाषण के बाद मोदी ने जैसे ही मंच से गहलोत की खिंचाई शुरू की
। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि गहलोत जी ने बताया है कि उन्हें
दिल्ली क्या-क्या देता है। आशीर्वाद दे रहा है। मुझे कुछ नहीं मिल रहा
है। मैंने अपने बलबूते गुजरात को बनाया है। गहलोत के जाने के
बाद भी मोदी चुप नहीं हुए और विकास के एक-एक मुद्दे पर गहलोत के
राजस्थान से अपने गुजरात की तुलना करते रहे। राजस्थान में इन
दिनों हो रही बिजली कटौती को भी निशाना बनाते हुए मोदी ने कहा कि कुछ
राज्यों में बिजली आना ही सरप्राइज है। अभी गहलोत जी कह रहे थे कि
उनके पास आठ हजार मेगावाट बिजली है, लेकिन इससे आधी तो गुजरात के पास
सरप्लस है।
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In Eng : Modi rocked, Gehlot shocked: NRI Conference
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मोदी ने कहा कि मैंने पिछले साल प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था ।
आम तौर पर एक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को क्या लिखता है? वह कोष की
मांग करता है, पर मैंने कोष की मांग करते हुए कभी पत्र नहीं लिखा । इस
लेटर में प्रधानमंत्री से गुजरात के लिए एक सैटलाइट मांगा गया था, पर
वह इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या किया जाए । प्रदेश को एक
भारतीय अंतरिक्ष संचार उपग्रह पर एक पूर्णकालिक ट्रांसपोंडर मिला,
जिससे प्रदेश एक समय में 12 सेक्टरों में दूरस्थ शिक्षा दे सकता था ।
यह प्रदेश में सुशासन, दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम और टेलिमेडिसिन के
क्षेत्र में सुधार के लिए था ।
नरेंद्र मोदी ने पीएम पर हमला जारी रखते हुये कहा कि मैंने एक बार
प्रधानमंत्री को सुझाव दिया था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राजस्थान
और गुजरात के रेगिस्तान क्षेत्रों में सौर ऊर्जा यूनिट लगाई जाएं,
जिससे सीमा की सुरक्षा और सौर ऊर्जा उत्पादन का दोहरा उद्देश्य पूरा
हो सके ।
सेशन के दौरान कई प्रवासी भारतीयों के मोदी के समर्थन में हूटिंग,
तालियां बजाने और मोदी से राजस्थान और केंद्र के शासकों को प्रेरणा
लेने की सलाह से कार्यक्रम में मौजूद यूपीए सरकार के केंद्रीय प्रवासी
मामलों के मंत्री वायलार रवि बौखला गए। रवि ने मंच पर आकर एक प्रवासी
भारतीय को झिड़क दिया कि वे सलाह न दें, न ही व्यक्तिगत सवाल करें,
दोनों में जमकर बहस हुई।
मोदी ने अक्षय ऊर्जा पर बोलते हुए कहा कि वह गहलोत के मेहमान है इसलिए
अच्छा और बुरा कैसे बोल सकते हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
सेशन से बीच में ही उठकर चले गए. जिससे एन.आर.आई. चिकित्सक भी काफ़ी
नाराज़ हुए. गहलोत बाद में निवेश के मुद्दे पर प्रवासी भारतीयों से
बात करने भी नहीं गए। राजस्थान के पवैलियन में निवेशकों ने
मुख्यमंत्री गहलोत को बुलाने की मांग भी की। लेकिन गहलोत नहीं आए।
नरेन्द्र मोदी ने एन.आर.आई. को संबोधित करते हुए, विकास और
निवेश के लिए आमंत्रित किया । उन्होंने कहा कि हमें थ्री-एस. स्केल,
स्किल और स्टील की ज़रूरत है । उन्होंने विकास दर, दूध, कृषि, नमक और
औद्योगिक उत्पादनों की उन्नति का बखान भी किया । मोदी बोले कि दुनिया
में 10 में से 9 हीरे गुजरात में तराशे जाते हैं । मोदी ने कहा कि
गुजरात में इतना दूध होता है कि दिल्ली का शायद ही कोई नेता वहां का
दूध पीए बिना बड़ा हुआ होगा । मोदी ने बताया कि कैसे गुजरात से नर्मदा
का पानी राजस्थान पहुँच भी गया और कोई चर्चा भी नहीं हुई ।
मोदी ने २०१५ में प्रवासी भारतीय दिवस गुजरात में आयोजित करने की
अनुमति भी वायलार रवि से मांगी । उन्होंने याद दिलाया कि कैसे
राजस्थान के मांगने पर वायलार ने एक मिनट में अनुमति दे दी थी पर
वायलार ने गुजरात को वहाँ अनुमति नहीं दी ।
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