गोरखपुर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने सांप्रदायिक हिंसा बिल लाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ा आंदो..
आज भी प्रज्ज्वलित है आर्य संस्कृति की ज्योति, जहाँ गूंजते हैं वेद-मंत्र : प्रबोधिनी गुरूकुल
प्रबोधिनी गुरुकुल के सिद्धांत: गुरुकुल पद्धति भारत भूमि के महान
ऋषि मुनियों द्वारा शिक्षा प्रदान करने हेतु किए गए प्रयोगों से निकले
सिद्धांतों पर आधारित है | आध्यात्म शिक्षा की आधारशिला है | शिक्षा
का उद्देश्य बालक के व्यक्तित्व का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक
एवं आधात्मिक अर्थात समग्र विकास होता है | स्वाध्याय, स्व-चिंतन,
स्वानुशासन, एवं स्वावलंबन गुरुकुल जीवन के चार स्तंभ हैं | धर्म,
श्रद्धायुक्त समर्पण, एवं राष्ट्रप्रेम के आदर्श प्रत्येक शिक्षार्थी
के व्यक्तित्व में प्रस्फुटित एवं पल्लवित होने चाहिए | मनुष्य का
प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व आवश्यक है क्योंकि सभी जीवित प्राणी इस
जीवन रुपी महान तीर्थ यात्रा में सहयात्री हैं |
अध्यक्ष, प्रबोधिनी ट्रस्ट, चित्रकूट, हरिहरपुर,
तालुक कोप्पा जिला : चिकमगलूर, कर्नाटक, पिन : ५७७१२०, भारत
संपर्क सूत्र +९१ ८२६५ २७४ २३२ | ई-मेल :
[email protected]
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In English : The flame of Aryan culture is still lit, where
Vedic chants reverberate: Prabodhini Gurukul
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# गुरुकुल गुल्प
# प्रदर्शनी अवलोकन
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# पारंपरिक समूह भोज
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