चाणक्य जैसे कुटिल राजनीतिज्ञ आज नहीं हैं, लेकिन “चापलूस” और “चाटुकारों” की डॉ. मनमोहन सिंह की सरका..
मायाराज में नहीं मिली हिन्दू शरणार्थियों को शरण, कड़कड़ाती सर्दी में छोड़ दिया
गत माह पाकिस्तान से आये हुये कुल 151 हिन्दुओं को दिल्ली पुलिस को
सूचना देकर गाजियाबाद के एक मंदिर में ले जाकर पुर्नस्थापित किया जा
रहा था। इसके लिये उ0प्र0 के पुलिस को पहले से ही सूचित भी कर दिया
गया था। मगर अर्धरात्रि में मायावती के मुगलिया फरमान पर यू0पी0 पुलिस
ने उन पिछड़े, दलित हिन्दुओं पर अति बर्बर, अति जघन्यतम कार्रवायी की।
इतना ही नही आधी रात को पुलिस उन सब पर निर्दयतापूर्वक टूट पड़ी, उनके
सारे मोबाइल फोन आदि छीन लिये और उन्हें एक गाड़ी में भरकर अक्षरधाम
नेशनल हाइवे पर कड़कड़ाती सर्दी में छोड़कर चली गयी।
ज्ञात रहे कि ये वही पाकिस्तानी हिन्दू थे जो पिछले कयी महीने से
दिल्ली के मजनूटीले पर शरण लिये हुये थे। ये पाकिस्तान से वीसा पर
हिन्दू तीर्थस्थलों पर भ्रमण के लिये आये हुये थे और पाकिस्तान नही
जाना चाहते थे। क्योंकि पाकिस्तान में इस्लामी मुस्लिम गुण्डे आये दिन
इनसे जजिया कर मांगा करते थे, इनके मां-बहन और बेटियों के अस्मत से भी
खिलवाड़ करते थे। इनके कयी रिश्तेदारों को तालिबानी गुण्डों ने बेरहमी
से कत्ल कर दिया था।
अर्ध रात्रि में इन पाकिस्तानी हिन्दुओं के साथ अमानवीय कार्रवायी पर
अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता डॉ0 संतोष राय ने उ0प्र0
सरकार के गृहसचिव कुंवर फतेह बहादुर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने
आधे घंटे का समय मांगा और मदद का आश्वासन दिया। मगर कुछ समय बाद
उन्होंने पाकिस्तानी हिन्दुओं के प्रति अपनी संवेदना जताते हुये कहा
कि हमें मैडम माया ने डांटा कि विधानसभा का चुनाव है, हम इस वक्त कुछ
भी मदद नही कर सकते, हम इनकी चाहकर भी मदद न करने पर मजबूर हैं।
ञात रहे कि जो पाकिस्तानी हिन्दू भारत में शरण के लिए दर दर भटक रहे
हैं वे दलित और पिछड़े समुदाय से हैं। हिन्दू महासभा ने इस घटना की
तीव्र भर्त्सना करते हुये कहा कि मायावती दलितों और पिछड़ों की घोर
विरोधी है। गाजियाबाद के एसपी सिटी ने भी कहा कि इन पाकिस्तानी
हिन्दुओं की मदद तो हम भी करना चाहते हैं मगर मुख्यमंत्री मायावती के
आदेश के आगे हम कुछ नही कर सकते। यही नही गाजियाबाद पुलिस ने हिन्दू
महासभा के नेताओं को धमकाते हुये कहा कि यदि इन हिन्दुओं को यहां से
भगाने में आपसब लोगों ने व्यवधान डाला तो आप सबके उपर मुकदमा चलाया
जायेगा।
एक उच्चाधिकारी ने अपना नाम छिपाते हुये कहा कि यदि ये मुस्लिम मजहब
के होते तो माया हो या मुलायम या सोनिया गांधी सबके आंखों के तारे हो
जाते। इन्हें यहां बसाया भी जाता और यहां की नागरिकता भी प्रदान की
जाती जैसे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांग्लादेशी
मुसलमानों के साथ किया था।
साभार राजीव कुमार जी, विस्फोट.कॉम
Share Your View via Facebook
top trend
-
‘आधार-कार्ड’ हो सकता है निराधार : नंदन निलेकनी UIDA को ‘गुड-बाई’ करने पर आमादा
-
आज से पाकिस्तान तक पहुंचेगी सुखोई की दहाड़, जोधपुर में एसयू-30 की तैनाती
पश्चिमी सीमा पर हवाई सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए जोधपुर एयरबेस पर सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई-30 के स्क्वाड्रन की तैना..
-
लोकतंत्र की और लोगों की ताक़त का संकेत है, सेनाध्यक्ष वीके सिंह
सरकारी लोकपाल विधेयक के विरोध में अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे को मिल रहे जन समर्थन पर भारत के सेना प्रमुख ..
-
कांग्रेस की चली तो अब भारत से गौ-मांस का निर्यात कानूनी रूप से होगा, वीएचपी का मुखर विरोध
जैसे आकाश का ओर-छोर नहीं होता, पाताल की गहराई नापी नहीं जा सकती, उसी प्रकार लगता है कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सर..
-
अन्ना के आंदोलन को RSS नहीं दे रहा वित्तीय मदद
गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन को खुलकर समर्थन दे रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इस आरोप को शनिवार को खारिज किय..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)