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अन्ना की आलोचना करने पर लालू की पार्टी में बगावत, विधायक ने छोडी पार्टी
अन्ना के आंदोलन को गलत बताने वाले लालू प्रसाद यादव की पार्टी
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में बगावत हो गई है। दिल्ली से उनकी पार्टी
के इकलौते विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने अन्ना के समर्थन में पार्टी से
इस्तीफा दे दिया है। बीते दिनों लालू यादव ने आंदोलन पर आलोचनात्मक
टिप्पणी की थी।
रामलीला मैदान में अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए आसिफ ने कहा,
‘लालू यादव द्वारा अन्ना हजारे पर की गई टिप्पणी से वह क्षुब्ध हैं,
इसलिए राजद छोड़ रहे हैं।’ आसिफ दक्षिण दिल्ली की मुस्लिम बहुल ओखला
विधानसभा सीट से चुनकर आए हैं।
अन्ना की आलोचना करते हुए आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कहा था कि संसद
सुप्रीम है और अन्ना या उनकी सिविल सोसायटी हमें कुछ करने के लिए
निर्देश नहीं दे सकती।
राजद के अलावा कांग्रेस के कई सांसदों ने भी खुले आम अन्ना, उनके
आंदोलन और जनलोकपाल बिल का समर्थन किया है। मुंबई में सांसद
प्रिया दत्त ने अन्ना हजारे का समर्थन करते हुए कहा है कि वह मजबूत
लोकपाल बिल के पक्ष में हैं। मुंबई में अपने घर बाहर इकट्ठा हुए
अन्ना समर्थकों के इस सवाल के जवाब में कि वो लोकपाल बिल पर पार्टी
के साथ हैं या जनता के साथ है, प्रिया दत्त ने कहा कि वो जनता के साथ
हैं। प्रिया दत्त ने अन्ना की इस मांग का समर्थन किया है कि पीएम और
न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि प्रिया
दत्त ने यह भी कहा कि उन्हें लोकपाल पर दोनों बिलों में खामी नजर
आती है।
कांग्रेस के एक और सांसद संजय निरुपम ने भी कहा कि वह खुले आम अन्ना
के आंदोलन का समर्थन करते हैं।
गुजरात (अहमदाबाद-पूर्व)) के भाजपाई सांसद किरीटभाई सोलंकी ने भी
अन्ना के आंदोलन को अपना लिखित समर्थन दिया है। अहमदाबाद (पश्चिम) के
सांसद हरेन पाठक ने अन्ना और जनलोकपाल बिल को समर्थन देने का ऐलान
पहले ही किया है।
अन्ना के आंदोलन को देखते हुए क्या आपको ऐसा लगता है कि सरकार
जनलोकपाल बिल बनाने पर मजबूर हो जाएगी? अपने विचार नीचे कमेंट बॉक्स
में लिखें।
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