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भारत के वनवासी क्षेत्र की विकास में पिछड़ापन यह मुख्य समस्या है| इस समस्या के अनेक घटक है| शिक्षा, आरोग्य और सुनियोजित विकास योजनाओं का अभाव उनमें मुख्य है| इस स्थिति में वनवासियों के विकास के लिए योजनाएँ बनाकर काम करना, यह सरकार और स्वयंसेवी संगठनों के लिए समाजोत्थान का सही मार्ग है| लेकिन निहित स्वार्थ के लिए धर्मांतरण की राजनीति करनेवाले संगठनों ने, समाजसेवा के बहाने वनवासी क्षेत्र में धर्मांतरण की मुहिम चलाने से राष्ट्रहित के संदर्भ में एक नई समस्या निर्माण हुई| लेकिन इस विपरीत स्थिति में भी कुछ संस्थाएँ निस्वार्थ भाव से वनवासियों के उत्थान के लिए काम कर रही है| मध्य प्रदेश का भाऊराव देवरस सेवा न्यास ऐसी ही संस्थाओं की श्रेणी में आता है|
वनवासी विकास प्रकल्प के अंतर्गत न्यास द्वारा संस्कार केन्द्र, एकल विद्यालय और अन्य उपक्रम चलाएँ जाते है|
संस्कार केन्द्रों में समितियों के माध्यम से रंगमंचीय और शारीरिक कार्यक्रम, अभिभावक सम्मेलन, प्रभावी संस्कार केन्द्र, व्यवस्थित संस्कार केन्द्र, भजन मंडल चलाए जाते है|
झुग्गी-झोपड़ी और पिछड़ी बस्तियों में भाई-बहन संस्कार केन्द्र भी चलाए जाते है|
पिछड़े क्षेत्र में विद्यार्थींयों की संख्या कम होने के कारण नियमित शालाएँ चलाना व्यावहारिक नहीं होता| इस पर ‘एकल विद्यालय’ यह उपयुक्त हल ढूंढा गया है| एकल विद्यालय में एक ही शिक्षक को पढ़ाता है| अलीराजपुर, भैसदेही, बैतूल, रायसेन, हरदा, होशंगाबाद जिलों में कुल ९७२ एकल विद्यालय चलाए जाते है|
न्यास द्वारा हरियाली अमावस्या, गुरुपूर्णिमा उत्सव, गणेश उत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, मकर संक्रांति आदि त्यौंहार उत्साह से मनाए जाते है| विविध धार्मिक अवसर पर रामकथा का भी आयोजन किया जाता है|
न्यास के कार्य से जुड़े लोगों को वनवासियों का जीवन करीब से दिखाने के लिए, १५० गॉंवों में वनदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया| यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ| अनेक लोगों के मन में वनवासियों के उद्धार के लिए काम करने की भावना और तीव्र हुई| दानशूर लोगों ने १२२ सरस्वती संस्कार केन्द्र गोद लेने का संकल्प किया|
संपर्क
भाऊराव देवरस सेवा न्यास मध्य प्रदेश
‘प्रज्ञादीप’
सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश
हर्षवर्धन नगर, भोपाल
मध्य प्रदेश
फोन : ०७५५२७६१२२
कैसे पहुँचे
हवाई मार्ग : भोपाल हवाई अड्डा दिल्ली, इन्दौर, ग्वालिअर और मुंबई
से जुडा है|
रेल मार्ग : भोपाल देश के सभी प्रमुख शहरों से रेलमार्ग से जुडा
है|
सडक मार्ग : देश के सभी शहरों से भोपाल को आसानी से पहुँचा जा सकता
है|
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