आदिवासी बेडों में नेत्र ज्योति प्रदान कर रहा है मोहन ठुसे नेत्र अस्पताल

Published: Friday, Aug 19,2011, 13:20 IST
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नारायणगाव ऑफिस, आदिवासी, डॉ. डोळे फाऊंडेशन

महाराष्ट्र के उत्तर-पश्‍चिम भाग के पुणे, अहमदनगर और ठाणा जिले में सह्याद्री पर्वत की दुर्गम पहाडियों में बसे करीब ३० लाख आदिवासियों के आँखों के आरोग्य की देखभाल करने का  महत्त्वपूर्ण कार्य डॉ. मोहन डोळे मेडिकल फाऊंडेशन द्वारा संचालित यमोहन ठुसे नेत्र चिकित्सालय एवं रिसर्च इन्स्टिट्यूट’  कर रहा है|

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ज्येष्ठ स्वयंसेवक मोहन ठुसे की एक दुर्घटना में मृत्यू होने के बाद, उनकी स्मृती में, उनके एक सहयोगी नेत्र तज्ज्ञ डॉ. मोहन डोळे ने कुछ सहयोगियों की सहायता से ३० साल पहले इस नेत्र चिकित्सालय की नीव रखी|

पुणे से करीब ८० किलो मीटर दूर नारायणगॉंव इस एक छोटे आदिम ग्राम में यमोहन ठुसे नेत्र चिकित्सालय एवं रिसर्च इन्स्टिट्यूट’ द्वारा उसकी १०० किलो मीटर की परिधि में बिखरे सेंकडो दुर्गम और पिछडे हुए ग्रामों में रहने वाले आदिवासियों को दी जानेवाली नेत्र चिकित्सा सेवा अचंभित करने वाली है| एक महिने में २२ दिन पिछडे इलाकों में जाकर वहॉं के आदिवासियों के लिये नेत्र चिकित्सा शिबिर, जरूरतमंद आदिवासियों को नि:शुल्क ऐनक बॉंटना, जिनकी आँखों का ऑपरेशन करना जरूरी है, ऐसे आदिवासियों को उनके बेडे से चिकित्सालय की एम्ब्युलेन्स द्वारा नारायणगाव लाकर उन पर ऑपरेशन करना, ऑपरेशन के पश्‍चात् उनकी देखभाल, दवा और, चिकित्सा की नि:शुल्क व्यवस्था चिकित्सालय करता है|

पुणे-नासिक महामार्गपर बसे नारायणगाव में, १९८२ में एक छोटे मकान में डॉ. मनोहर के. डोळे ने इस चिकित्सालय की शुरुवात की, तब उनके सामने अनके मुश्किले ही खडी थीं| उन्होंने पुणे के एक विख्यात नेत्र तज्ज्ञ डॉ. सुधीर काळे की सहायता से यह कार्य शुरू रखा| १५ साल के बाद सरकार और समाज ने सहायता के लिये हाथ बढाया| सरकार ने डॉ. डोळे को इस चिकित्सालय के लिये नारायणगाव में १० हजार चौरस फुट जमीन दी; स्व. मोहन ठुसेजी के परिवारवालों ने भी ३६०० चौरस फुट जमीन दी, उस पर आज का यह सुसज्जित बहुमंजिला चिकित्सालय खडा है| इस चिकित्सालय में तीन ऑपरेशन थिएटर हैं| पूर्णतः एअर कंडिशण्ड इन ऑपरेशन थिएटर में नेत्र चिकित्सा के लिये आधुनिक मशीने हैं| एक साथ तीन मरीजों पर यहॉं ऑपरेशन किया जा सकता है|

यहॉं हर महिने कमसे कम ५०० मरीजों पर आँखों के ऑपरेशन किए जाते हैं| यहॉं के आदिवासियों में पाई जानेवाली आँख की बिमारी यकांचबिंदू’ (ग्लुकोमा) की चिकित्सा के लिये भी यहॉं विशेष सुविधा है|  इस चिकित्सालय में ८ कुशल सर्जन और ३ स्पेशालिस्ट डॉक्टरों के साथ ३५ नर्सेस है|  चिकित्सालय के पास २ एम्ब्युलेन्स हैं| जिनमें से एक गॉंव गॉंव घूमकर आदिवासियों को चिकित्सा और नेत्र शिविरों की जानकारी देती है| दूसरी एम्ब्युलन्स द्वारा मरिजों को उनके गॉंवों से चिकित्सालय में लाने, और वापस उनके गॉंव पहुँचाने का काम होता है|

मोहन ठुसे नेत्र चिकित्सालय के इस सेवा कार्य को कई पुरस्कारों से भी सराहा गया है| जनता सहकारी बँक, पुणे द्वारा सन् २००० में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के हाथों विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया| पूणे महानगर पालिका ने भी विशेष पुरस्कार प्रदान करते हुए मोहन ठुसे नेत्र चिकित्सालय के इस सेवा कार्य को बढावा दिया है|


डॉ. मनोहर डोळे मेडिकल फाऊंडेशन के अन्य उपक्रम

अथर्व नेत्रालय ऍण्ड हाय टेक लेसर सेंटर :  डॉ. मनोहर डोळे मेडिकल फाऊंडेशन ने यमोहन ठुसे नेत्र चिकित्सालय एवं रिसर्च इन्स्टिट्यूट’ के कार्य का विस्तार करने के साथ साथ नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में समय के साथ आई नई तकनिकों का भी स्वीकार किया है|

मातोश्री डॉ. शकुंतलाबाई मिराशी नेत्र-चिकित्सा नर्सिंग स्कूल :  डॉ. मनोहर डोळे मेडिकल फाऊंडेशन ने मातोश्री डॉ. शकुंतलाबाई मिराशी नेत्र-चिकित्सा नर्सिंग स्कूल भी स्थापित किया है| चार सालों से कार्यरत इस नर्सिंग स्कूल से प्रशिक्षण ले चुकी नर्सेस आज सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, सारे भारत वर्ष और विदेश में भी नेत्र-चिकित्सा कार्य में हॉंथ बटा रहीं हैं| यहॉं के होस्टल में प्रशिक्षणार्थियों के लिए नि:शुल्क निवास की सुविधा है|

माधव नेत्र पेढी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव गोळवलकर जी (श्री गुरुजी) की स्मृती में संचालित यमाधव नेत्र पेढी’, इस आय बँक की शाखा तीन वर्ष पूर्व यहॉं शुरू की गई है| इस नेत्र पेढी द्वारा नेत्र दान संकल्प, नेत्र दान संकलन और नेत्र प्रत्यारोपण का कार्य किया जाता है|

स्व. विनायक श्रीपाद राजगुरू आय केअर युनिट : डॉ. डोळे फाऊंडेशन द्वारा इन आदिवासी ग्रामों में नेत्र चिकित्सा की निरंतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक मोबाईल युनिट निर्माण किया जा रहा है| स्व. विनायक श्रीपाद राजगुरू की स्मृति मे स्थापित इस मोबाईल आय केअर युनिट द्वारा इन तीन जिलों में के आदिवासी बहुल ८ तहसिलों में स्थित हर दो गावों में रोज इस मोबाईल युनिट द्वारा नेत्र चिकित्सा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है|

उम्र के ८१ साल पूरे कर चुके डॉ. मनोहर डोळे आज भी पूरी लगन और समर्पण भाव से इस फाऊंडेशन द्वारा इस आदिवासी इलाके में सिर्फ नेत्र सेवा ही प्रदान नहीं कर रहे, बल्कि इस सेवा को नए नए अंजाम भी दे रहे है| उन्होंने इन आदिवासी ग्रामों में कम से कम १० बिछानोंवाले छोटे नेत्र चिकित्सालय शुरू करने का भी संकल्प किया है| चिकित्सा क्षेत्र में इन दिनों यस्टेम सेल’ प्रत्यारोपण पद्धती की दिशा में काफी संशोधन हो रहा है| डॉ. डोळे फाऊं डेशन भी इस दिशा मे कदम बढाते हुए पुणे के पास एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला और तकनिकी सहायता केंद्र स्थापित कर रहा है| हाल ही में उन्हे इस कार्य के लिये यसकाळ’ समाचारपत्र के अध्यक्ष प्रताप पवार ने १० हजार चौरस फुट जमीन दी है| इसी के साथ साथ नेत्र चिकित्सा महाविद्यालय, इसी का पोस्ट ग्रॅज्युएट महाविद्यालय और ब्लड बँक शुरू करने की भी योजना है|

संपर्क :

नारायणगाव ऑफिस
नारायणगाव ४१०५०४
तहसिल : जुन्नर
जिला : पुणे
दूरभाष : ०२१३२-२४२०५८, २४२१४०, २४३०१४०
मोबाईल : ०९९७५५६३४५८
ई मेल : [email protected]
पुणे ऑफिस :
५६९, नारायणपेठ
जयानंद कॉम्प्लेक्स, केलकर रोड
केसरी वाडा समीप,
पुणे ४११०३०
दूरभाष : ०२०-२४४६३६४९
मोबाईल : ०९८२२०५७१०७
ई मेल :  [email protected]

कैसे पहुँचे :

पुणे से नारायणगॉंव अंतर ७८ किलोमीटर| महाराष्ट्र परिवहन मंडल की बस सेवा उपलब्ध|
हवाई मार्ग :
समीपवर्ती हवाई अड्डा : पुणे| मुंबई, गोवा और बंगलोर से जुडा है| समीपवर्ती आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा : मुंबई छत्रपति शिवाजी आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा| (नारायणगॉंव से २३५ किलोमीटर दूर है|)
रेल मार्ग :
समीपवर्ती मुख्य रेल स्थानक : पुणे| भारत के सभी शहरों से रेल से जुडा है|
नारायणगॉंव से दूरी १०२ किलोमीटर|

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