पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को भारत से कोई खतरा नहीं है। शायद यह पहला मौका है जब पाकिस्तान ने इस तरह की ..
पेप्सी से किये गए अनुबंध, तोड़े गए सभी कानून किये झूठे दावे
पेप्सी को कारोबार करने की अनुमति देते समय सरकार के साथ जो अनुबंध
हुआ उसकी प्रमुख शर्तें कुछ इस प्रकार थीं।
१- इस परियोजना से पचास हज़ार लोगों के लिए रोज़गार मिलेगा जिसमें से
२५००० अतिरिक्त रोज़गार पंजाब में पैदा होंगे।
२- पंजाब की कुल फल सब्जियों की फसल का २५% इस योजना में प्रसंस्करित
होगा।
३- यह कम्पनी खाद्य प्रसंस्करण (food processing) में उच्च तकनीक
लाएगी और भारतीय उत्पादों के निर्यात में सहायता करेगी।
४- कम्पनी कुल पूंजी का कुल ७४% खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण में मात्र
२६% ठन्डे पेय में व्यय करेगी।
५- उत्पाद का ५०% निर्यात किया जायेगा यह अनुबंध दस वर्ष तक लागु
रहेगा ठन्डे पेय का साद्र बाहर से आयत नहीं होगा उसे यहीं भारत में
बनाया जायेगा।
६- इस परियोजना पर यदि भारत एक डॉलर व्यय करता हैं तो कम्पनी भारत को
नो निर्यात के माध्यम से ५ डॉलर कमा कर देगी।
७- विदेर्शी ब्रांड का नाम नहीं प्रयोग किया जायेगा।
पेप्सी ने पिछले वर्षों में हर प्रकार से सरकार को धत्ता बताई है सारे
नियम कानूनों को तोडा है एवं ऊपर लिखे वायदों में से एक भी पूरा नहीं
किया है निर्यात की शर्तों की खानापूरी करने के लिए पेप्सी ने खुले
बाजार से चावल और चाय खरीद कर अपना उत्पाद बताते हुए उसका निर्यात
किया और सरकार को बता दिया कि निर्यात कि शर्त पूरी हुई खाद्य
प्रसंस्करण मंत्रालय के सचिव आर. के. रथ ने वाणिज्य मंत्य्राली को
पत्र लिख कर सूचित किया "हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि पेप्सी
तरह-तरह के दावे कर रहा है यह सभी दावे झूठे हैं"।
अपने निर्यात वायदों के अंतर्गत पेप्सी ने एक भी नए पैसे कि कीमत का
निर्यात नहीं किया और पेप्सी ने ठन्डे पेय पर २५% पूंजी लगने कि सीमा
का उल्लंघन किया फलों का रस निकालने के लिए मशीनों के आयत करने के नाम
पर आयत कर में छूट इस कम्पनी ने प्राप्त करी परन्तु मशीनें फलों का रस
निकलने के नहीं बल्कि ठंडा पेय बनाने के लिए मंगवायी गयीं थीं पेप्सी
परियोजना कि प्रारंभिक लागत कीमत २२ करोड थी जिसमें हेराफेरी कर इसे
७५ करोड की बना ली कुछ दिनों लहर पेप्सी का नाटक करके अब यह
कम्पनी शुद्ध विदेशी नामों से ही अपने उत्पादों को बेच रही है खाद्य
प्रसंस्करण तो इस कम्पनी ने छोड ही दिया है और अकर्मक रूप से ठन्डे
पेय का करोबार फैला रही है यह कम्पनी इस समय प्रतिवर्ष ४०० करोड रु
विज्ञापन पर खर्च कर रही है।
# कोक-पेप्सी से कैंसर : बाबा रामदेव के बाद अब अमेरिका ने
माना, शोध में साबित हुआ
# शाकाहारी खाना खाने वाले लोगों को बीमारियों से दूर रखता है
शाकाहार जीवन
साभार – "विदेशी कंपनियों कि जंजीर में जकडा दैनिक जीवन" स्वराज
प्रकाशन समूह (इस लेख के सभी तथ्य एवं साक्ष्य लेखक एवं प्रकाशक
द्वारा एकत्र किये गए हैं)
IBTL
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