प्रो. यशपाल यों तो हैं, वैज्ञानिक लेकिन बात उन्होंने ऐसी कह दी है, जो महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया ही कह सकते थे| आजकल..
राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए इस्तेमाल किया गया : अन्ना समर्थक
जिस राजनीति को सारी गंदगी की जड़ बता रहे थे, अचानक उसी की ओर चल
पड़ने के अन्ना के फैसले से बड़ी तादाद में उनके समर्थकों को निराशा
हुई है। कुछ ने तो यहां तक कहा है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी
करने के लिए उनका इस्तेमाल किया गया।
कोर कमेटी सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने भी कहा है कि वह पार्टी बनाने
का समर्थन नहीं करते। सुप्रीमकोर्ट के रिटायर जज हेगड़े ने कहा है कि
अगर टीम अन्ना राजनीतिक पार्टी बनाती है तो वे उसके पक्ष में नहीं
उतरेंगे।
हालांकि ईमानदार उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने की बात उन्होंने
मानी है। हेगड़े ने कहा, अन्ना को उन्होंने यह कहते हुए सुना है कि
अन्ना पार्टी नहीं बनाने वाले, बल्कि ईमानदार लोगों को चुनाव में
जितवाने की कोशिश करेंगे। इसके लिए उनका पूरा समर्थन रहेगा।
इतना ही नहीं, एक दिन पहले ही हेगड़े ने पत्र लिख कर टीम अन्ना को
राजनीतिक विकल्प उपलब्ध करवाने की वकालत की थी। अन्ना के पार्टी बनाने
के फैसले का उनके अधिकांश समर्थकों ने स्वागत किया है, लेकिन आंदोलन
का समर्थन कर रहे बहुत से लोगों ने इस फैसले पर गहरी नाराजगी भी जताई
है।
हरियाणा से आए राजकुमार ने कहा, ऐसा लग रहा है, जैसे सारा कुछ पहले से
तय था। अगर उन्हें अनशन के बहाने राजनीतिक दल ही बनाना था तो हमारे
साथ धोखा क्यों किया गया।
यही हाल फेसबुक और दूसरी सोशल नेटवर्क वेबसाइट्स का भी रहा। पिछले
डेढ़ साल से इस आंदोलन का समर्थन कर रहे बहुत से समर्थकों ने भारी
निराशा के साथ इस खबर पर धोखा और छल जैसे शब्दों के साथ प्रतिक्रिया
दी है।
बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो अब तक टीम अन्ना के अनशन और आंदोलन की
आलोचना करते थे, मगर अब चुनावी राजनीति में उतरने के उनके कदम का
स्वागत कर रहे हैं।
रामदेव बोले, केंद्र को देंगे आखिरी
मौका
बाबा रामदेव ने कहा है कि नौ अगस्त को आंदोलन शुरू करने से पहले वह
केंद्र सरकार को एक अंतिम मौका देंगे। उन्होंने यह बात टीम अन्ना के
अनशन त्याग कर देश को राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा पर अपनी
प्रतिक्रिया के तौर पर कही।
टीम अन्ना की घोषणा पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बच रहे बाबा ने
कहा कि उन लोगों ने यह फैसला किन परिस्थितियों और सोच के तहत लिया इस
पर बिना उनसे बातचीत किए कुछ भी बोलना अभी उचित नहीं।
जागरण
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