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शाही ईमाम बुखारी भगोड़ा घोषित, कोर्ट ने नया गैर जमानती वारंट जारी किया
मस्जिद के शाही ईमाम अहमद बुखारी के विरुद्ध एक आपराधिक मामले को
रफादफा करने कि दिल्ली पुलिस कि याचिका खारिज करते हुए शहर कि एक
कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया औरनया गैर जमानती वारंट जारी करते
हुए दस दिनों के अंदर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए है। अब
देखना यहीं है कि शीला दिक्षित कि सैक्युलर सरकार बुखारी के बचाव के
लिए कौनसे नए पैंतरे आजमाती है।
In English : Court foils police bid to shield Shahi Imam
इस के संदर्भ में विदित हो कि जामा मस्जिद के शाही ईमाम अहमद
बुखारी पर सन 2001 से गैर जमानती वारंट जारी है और वह अदालत से फरार
घोषित अपराधी है। दिल्ली पुलिस ने उसके घर के कुर्की व जब्ती में एक
चारपायी और लोटा बरामद किया था। इसके बाद बड़ी सफाई से एक रिपोर्ट और
दिल्ली पुलिस ने बनायी कि इस नाम का व्यक्ति इस क्षेत्र में रहता ही
नही है। और, दूसरी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने यह कहा कि यदि ईमाम
बुखारी को गिरफ्तार किया गया तो हिन्दू मुस्लिम दंगे हो जायेंगे।
ज्ञात रहे कि यह मामला राज्य सरकार व ईमाम बुखारी के बीच का है, कानून
बनाने का दायित्व राज्य सरकार को है। यदि हिन्दू मुस्लिम दंगे न भी
हों तो दिल्ली पुलिस बुखारी को आगे करके अवश्य हिन्दू-मुस्लिम दंगे
करा देगी।
3 सितंबर 2001 के दिन दिल्ली कि लोधी कोलनी स्थित लाल मस्जिद परिसर
में दीवार बनाने आये सीपीडब्ल्यूडी के इंजिनिअर एवं पुलिस कमिर्ओंको
बुखारी व उनके सहयोगिओंने मार भगाया एवं अवैध रूपसे मस्जिद का क्षेत्र
बढाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी कि जमिन हथियाने के इरादे से वह दीवार ढहा
दी। 2001 के इस मामले में पिछले 11 वर्षों से शाही ईमाम के
विरूद्ध निरंतर गिरफ्तारी वारंट जारी होते रहे हैं।
सीपीडब्ल्यूडी जिस जमीन पर मिल्कियत का दावा कर रही वह जमीन वास्तव
में वक्फ बोर्ड की है और इसी कारण से वहाँ मस्जिद होन कानुनी तौर पर
बिलकुल सही है, ऐसा दावा बुखारी ने फोन पर उन्हें पूछे गए सवालों के
जबाब में किया है और इस संदर्भ में अपने खिलाफ कोई मामला चल रहा है यह
मानने से ही उन्होंने इन्कार किया।
यह केस खारिज करने की अर्जी इससे पहले पुलीस ने कई बार की है। पुलिस
के इस रवैय्ये से परेशान कोर्ट ने 2010 में वारंट पर अमल करने में
पुलिस अधिकारियों की नाकामी पर कडा रुख लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिशनर
स्वयं इस वारंट को जारी करे ऐसे आदेश भी दिए थे। इस वर्ष मार्च में
पुलिस नें फिर एक बार यह मामला रफादफा करने कि मांग करते हुए कोर्ट से
कहा की, दिल्ली के महामहिम राज्यपाल की यह सोच है की यह मामला रफादफा
करनाही जनहित में ठीक रहेगा।
किंतु हिन्दू महासभा के नेता स्वामी सदाचारी ओम जी महाराज ने, बुखारी
के अपराध तो जनहित में नही है, ऐसा कहते हुए इस अर्जी का विरोध किया
जिसके चलते हुए कोर्ट कडा रुख अपनाने के लिए बाध्य हो गया। कोर्ट के
आदेशानुसार सैयद अहमद बुखारी को 3 अगस्त से पूर्व गिरफ्तार करके
न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
न्यूज़ भारती
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