तमिलनाडु के कोयम्बतूर नगर के आसपास के गाँवों में एक दाढ़ीधारी व्यक्ति को भगवद गीता पर प्रवचन देते अमूमन देखा जा सकता है। ये..
बाबा रामदेव के ट्रस्ट का धर्मार्थ दर्जा समाप्त, १२० करोड़ की आमदनी पर ५८ करोड़ टैक्स भरने का आदेश
विश्व भर में भारत के योग आयुर्वेद का ज्ञान प्रकाश फैलाने वाले
बाबा रामदेव के ट्रस्ट पर कांग्रेसी नीचता की गाज गिरी है। इस ट्रस्ट
को अब तक धर्मार्थ संस्था का दर्जा प्राप्त था जिस कारण यह सस्ते
दामों पर आयुर्वेदिक दवाएँ भारतीय एवं विदेशी उपभोक्ताओं को उपलब्ध
करा पाता था। परन्तु इसे बाबा के फैलते साम्राज्य से घबराई
बहुराष्ट्रीय दावा कंपनियों के पैसे की बदौलत हुयी कार्यवाही समझें या
बाबा के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन में प्राण गंवाती कांग्रेस की
फुफकार, अचानक बाबा के न्यास को धर्मार्थ संस्थाओं से हटा कर
व्यावसायिक बना दिया गया है और आयकर विभाग ने २००९-२०१० में हुयी १२०
करोड़ रुपये की आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर उन्हें ५८ करोड़ टैक्स
जमा करने का आदेश दिया है।
Read in English : Congress' revenge? Baba's trust loses charitable
status, asked to pay 58 Crores of tax
पतंजलि योग पीठ, दिव्या योग मंदिर ट्रस्ट एवं भारत स्वाभिमान ट्रस्ट
पर यह राशि "व्यावसायिक गतिविधियों" में लिप्त होने का आरोप लगा कर
ठोकी गयी है। राष्ट्र विरोधी एवं आयुर्वेद विरोधी इस कुकृत्य को करने
के लिए आयकर विभाग ने बाबा के सभी ट्रस्ट का विशेष औडिट किया।
उधर बाबा के प्रवक्ता श्री तिजारावाला ने कहा है कि वे इस निर्णय के
विरुद्ध आयकर आयुक्त से गुहार लगायेंगे।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बाबा के
विरुद्ध बैठाई गयी जांच में भी तेजी लाने की संभावना है। इसके
अतिरिक्त बाबा के विभिन ट्रस्ट की इस वर्ष की आय पर पहले से ही टैक्स
काटने की भी तैयारी है। बाबा को फेमा क़ानून के अंतर्गत ७ करोड़ के
हेर-फेर के सिलसिले में भी परखा जा रहा है। यहाँ ध्यान देने वाली बात
है कि दिव्या योग मंदिर, पतंजलि योग पीठ एवं भारत स्वाभिमान की कुल
संपत्ति ४२५ करोड़ ही है और केवल एक वर्ष की आय के लिए ५८ करोड़ का
टैक्स लगा है।
बाबा के समर्थकों में इस सूचना से रोष व्याप्त है और उनका स्पष्ट आरोप
है कि ३ जून को होने वाले विशाल सत्याग्रह से पहले घबराई हुई कांग्रेस
ऐसी नीचता का प्रदर्शन कर रही है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
धुन के पक्के, समर्पित गीता प्रचारक श्री गोपाल रत्नम
-
गुजरात के असली हत्यारे अगर बच निकले तो यह भारत की न्याय और शासन-प्रणाली का कलंक होगा
एहसान जाफरी के मामले में उच्चतम न्यायालय ने जो निर्णय किया है, उस पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की प्रतिकि्रया सही मालू..
-
संसद सत्र न चलने तक वेतन-भत्ते पर रोक लगना चाहिए : युवा सांसद वरुण एवं अनुराग
लगातार छह दिनों से संसद न चल पाने की खीझ में भाजपा के युवा सांसद वरुण गांधी ने काम नहीं तो दाम नहीं का फार्मूला लागू करने ..
-
पेप्सी से किये गए अनुबंध, तोड़े गए सभी कानून किये झूठे दावे
पेप्सी को कारोबार करने की अनुमति देते समय सरकार के साथ जो अनुबंध हुआ उसकी प्रमुख शर्तें कुछ इस प्रकार थीं।
.. -
राष्ट्रकवि दिनकर के मकान पर उप मुख्यमंत्री के भाई का कब्जा, केंद्र ने बिहार सरकार को पत्र लिखा
इन पंक्तियों को उद्धृत करते हुए केंद्र सरकार ने पिछले महीने बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि राष्ट्र..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)