मीडिया के कुछ वर्गों में पाक अधिकृत कश्मीर में प्रविष्ट हुए भारतीय सेना के चॉपर को शीघ्र वापस लौटा दिए जाने पर "दोस्ती के ..
अन्ना हजारे के गाँव के सरपंच शरद पवार की पार्टी के टिकेट पर चुनाव लड़ेंगें
अन्ना हजारे के गाँव रालेगांव के सरपंच जयसिंह मपारी शरद पवार की
राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकेट पर जिला परिषद का चुनाव लड़ेंगे | सरपंच
के अनुसार इस के लिए उन्होंने अन्ना का ‘आशीर्वाद’ भी ले लिया है |
जयसिंह पहले से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं यद्यपि अन्ना
हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन छेड़ने के कारण और शरद पवार की
भ्रष्ट छवि और अन्ना का उनके प्रति रूख जगजाहिर होने के कारण कुछ समय
तक सरपंच पार्टी गतिविधियों से दूर थे | पर अब चुनाव के समय उन्होंने
अन्ना का आशीर्वाद प्राप्त कर लेने की बात कही है | ये सरपंच जयसिंह
वही हैं जो गत वर्ष राहुल गांधी को रालेगन सिद्धि आने का आमंत्रण देने
दिल्ली गए थे परन्तु राहुल ने उनसे भेंट नहीं की थी |
याद हो कि जब शरद पवार को थप्पड़ पड़ा था तब अन्ना ने पलट कर पूछा था
“बस एक थप्पड़!” अन्ना ने उस का अपने ब्लॉग में बचाव करते हुए यह भी
लिखा था कि महंगाई से त्रस्त लोगों का धैर्य जब चुक जाता है तभी वे
इसे कदम उठाते हैं | शरद पवार ने इसके लिए अन्ना हजारे को गांधीवाद और
अहिंसा की दुहाई भी दी थी जिसके उत्तर में अन्ना ने कहा था कि यद्यपि
उन्होंने हिंसा की है परन्तु वे इस हिंसा को गलत नहीं मानते |
राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अन्ना हजारे के विरोध में
प्रदर्शन भी किए थे |
अन्ना हजारे ने इस सम्बन्ध में कहा है कि वे किसी राजनैतिक दल के
विरुद्ध नहीं हैं और वे अपेक्षा रखते हैं कि सभी दल स्वच्छ छवि वाले
प्रत्याशियों को ही टिकेट दें जो सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए काम
कर सकें |
Share Your View via Facebook
top trend
-
पाकिस्तान के हाथ लगी भारत की संवेदनशील सुरक्षा जानकारी
-
उत्तराखंड के बाद अब बिहार, भ्रस्टाचार विरोधी कानून के लिए भाजपा सक्रिय
उत्तराखंड के बाद अब बिहार, टीम अन्ना की माने तो नीतीश सरकार के इस कदम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अब नए दौर में पहुंच गई ..
-
कारगिल और न्योमा वायु पट्टी को उन्नत बनाएगी वायुसेना
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख इलाके को नापाक निगाहों से बचाने की कवायद तेज हो गई है। पाकिस्तान और चीन से लगने वाले इस क्षेत्र में..
-
मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक मानते हैं राजनीतिक दल
देश की राजनीति के कई चेहरे हैं। यहां हर फैसले जरूरत के हिसाब से नहीं चुनाव की बिसात पर लिए जाते हैं। कमोबेश ऐसी ही कुछ हकी..
-
स्टिंग, सीडी, साज़िश, सज़ा और सियासत - पंकज झा
कांग्रेस सांसद के सीडी की आंच अभी मंद भी नहीं हुई थी कि भाजपा से संबंधित एक पुराना सीडी प्रकरण चर्चा के केन्द्र में है। ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)