१७ दिसंबर - चिदंबरम के विरुद्ध न्यायालय में डॉ. स्वामी ने दिए साक्ष्य

Published: Saturday, Dec 17,2011, 11:41 IST
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२ जी स्पेक्ट्रम घोटाले में चिदंबरम की भूमिका के सम्बन्ध में आज भ्रष्टाचार के विरुद्ध धर्मयुद्ध लड़ रहे जनता पार्टी के अध्यक्ष डॉ. सुब्रमनियन स्वामी ने पटियाला हाउस न्यायालय में साक्षी दी। आज की साक्षी समाप्त हो गयी है और यह ७ जनवरी को आगे सुनी जायेगी। डॉ. स्वामी ने न्यायालय के सम्मुख प्रलेखी साक्ष्य (डोक्युमेंट्री एविडेंस) भी उपलब्ध करवाए। न्यायालय ने उनसे इन प्रलेखों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करवाने को कहा है। डॉ. स्वामी ने नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) की आख्या का भी उल्लेख किया।

ज्ञातव्य है कि डॉ. स्वामी ने ही राजा को भी अभियुक्त बनवाया था। उन्होंने चिदंबरम को अभियुक्त बनवाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी परन्तु सरकार द्वारा अनुमति न देने पर उन्होंने न्यायालय के द्वार खटखटाए। न्यायालय में वे स्वयं साक्षी के रूप में प्रस्तुत हुए हैं। डॉ. स्वामी ने आज न्यायालय में यह सिद्ध करने की कोशिश की कि राजा जितना ही अपराध चिदंबरम का भी है क्योंकि राजा ने इस विषय में जो निर्णय लिए वे चिदंबरम के संज्ञान में थे। स्वामी ने कोर्ट को वो तारीख बताई जब चिदंबरम और ए राजा कथित तौर पर 2 जी स्पैक्ट्रम मामले पर मिले। स्वामी के मुताबिक पहली बार चिदंबरम और राजा की मुलाकात 30 जनवरी 2008 को हुई, इसके बाद इसी साल 29 मई और 12 जून को मुलाकात के बाद दोनों की फाइनल मीटिंग 4 जुलाई 2008 को हुई, जिसके बाद दोनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले।

डॉ. स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि न्यायालय की प्रक्रिया ७ जनवरी तक स्थगित की गयी है ताकि अतिरिक्त आवश्यक प्रलेख उपलब्ध करवाए जा सकें और अन्य साक्षी प्रस्तुत करने की आवश्यकता न रहे। २०११ डॉ. स्वामी के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा है। उन्होंने एक एक करके अपने अकेले दम पर यूपीए के भ्रष्ट मंत्री धराशायी किये हैं। पहले राजा, फिर कनिमोझी, फिर चिदंबरम को उन्होंने न्यायालय में घसीट लिया। डॉ. स्वामी ने विश्वास पूर्वक कहा है कि २ जी घोटाले में सोनिया गाँधी एवं उनके दामाद रोबेर्ट वाड्रा और सोनिया गाँधी की बहनों तक को हजारों करोड़ का लाभ मिला।

उन्होंने सोनिया गाँधी के विरुद्ध कार्यवाही शुरू करवाने के लिए भी सरकार से अनुमति मांगी थी (जो देश के संवैधानिक ढाँचे की एक मजबूरी है)। यह सर्वविदित है कि चिदंबरम के विरुद्ध सफलता मिलने के बाद सोनिया गाँधी डॉ. स्वामी के सीधे निशाने पर होंगी। यद्यपि इसके एवज में डॉ. स्वामी के घर में तोड़-फोड़ की जा चुकी है और उनके विरुद्ध एक लेख लिखने पर पुलिस शिकायत भी दर्ज करवाई जा चुकी है पर डॉ. स्वामी भ्रष्टाचारियों को कारागार तक पहुँचाने का अपना युद्ध अद्भुत साहस से निरंतर लड़ रहे हैं।

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