" बात खरी है | बात ऐसी है जो देश की पुरानी पीढ़ी का हर कोई जानकार और निष्पक्ष नागरिक मानता है, और बोलता भी है | लेकिन इस बा..
४५० अरब की गड़बड़ी थी निर्यात आंकड़ों में, सरकार ने स्वीकारा
पहले ही नित नए भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरी यूपीए सरकार ने
स्वीकार किया है कि इस वर्ष की रिपोर्ट में निर्यात के आंकड़े झूठे थे
| असली आंकड़े दिखाए गए आंकड़ों से ९ अरब डॉलर (लगभग ४५० अरब रुपये) कम
थे | यानी भारत ने जितने का निर्यात किया, सरकारी रिपोर्ट में उससे
४५० अरब अधिक दिखलाया गया था |
व्यापार सचिव राहुल खुल्लर ने बतलाया की कंप्यूटर में गड़बड़ी के चलते
ऐसा हुआ | महीनों का निर्यात और व्यापार घाटा दोबारा परिकलित करना
पड़ा | खुल्लर ने कहा कि कितने लोग आके बताते हैं कि हमसे भूल हो गयी
है, पर हमने बताया है और इसमें कोई शर्म की बात नहीं है | निर्यात
वृद्धि दर अनुमान से कम रहने के कारण व्यापार घाटा बढ़ कर ९ अरब डॉलर
हो गया है | यह आंकड़ा उसी दिन आया जिस दिन सरकार ने आर्थिक विकास की
अनुमानित वार्षिक दर को ९ प्रतिशत से घटा कर ७.५ प्रतिशत किया |
सरकार की स्वीकारोक्ति वाणिज्य समाचारपत्रों द्वारा आंकड़ों में भूल
होने के अनुमान लागाये जाते रहने के महीनों बाद आई है | जबकि औद्योगिक
विकास दर और अन्य मानक आर्थिक मंदी की ओर संकेत कर रहे थे, सरकार की
रिपोर्ट जुलाई में ८२% की निर्यात वृद्धि दिखा रही थी | इस कारण भी
रिपोर्ट के आंकड़ों पर संदेह उत्पन्न हुआ था | खुल्लर ने आगे बताया कि
अप्रैल ने नवम्बर के बेच निर्यात १९३ अरब डॉलर का हुआ पर भारत का
व्यापार घटा फिर भी १५५-१६० डॉलर रहने की संभावना है |
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