वेद क्या हैं? भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार, वेद हैं। सबको अपने में समाहित करने की हमारी प्रकृति और सबके लिए सदा ..
टीम अन्ना के पूर्व सदस्य अग्निवेश बिग बॉस के नए मेहमान बनने सकते
हैं। नवभारत टाइम्स एवं भास्कर ने अपने अपने सूत्रों से इसकी पुष्टि
की है एवं यह भी बताया है की स्वामी अग्निवेश ने बारे में कोई जानकारी
नहीं दी है। कहा जा रहा है कि कार्यक्रम की गोपनीयता बनाए रखने लिए इस
बारे में किसी से बात न करने के लिए कहा गया है।
गौतरतलब है कि स्वामी अग्निवेश भूमिका की पर टीम अन्ना के एक सदस्य के
रूप में भी सवाल उठाया गया। विरोधी उन्हें कांग्रेस का दलाल कह
रहे हैं। कपिल नामक किसी शख्स से बातचीत की विवादित सीडी के इन्टरनेट
एवं समाचारों में छा जाने के पश्चात उन्हें टीम अन्ना से पृथक होने
पड़ा। आरोप था कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से बातचीत कर
उन्हें टीम अन्ना के खिलाफ कार्रवाई के लिए उकसाया।
स्वामी अग्निवेश का बिग बॉस में आना अवश्य ही चर्चा का विषय बनेगा
जहाँ उन्हें स्वयं को सिद्ध करने या अपनी बात रखने का मौका मिलेगा
वहीँ शो को अच्छी खासी टी.आर.पी भी मिलेगी। देखते हैं बिग बॉस सीजन 5
में अग्निवेश क्या मसाला लगते हैं और दर्शकों और उनके विरोधियों का
उनके प्रति क्या रुख होता है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
वेद, भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार
-
३२ अंग्रेज़ सैनिकों को मौत के घाट उतारकर वीरगति को प्राप्त हुई ऊदा देवी
ऊदा देवी एक दलित (पासी जाति से संबद्ध) महिला थीं जिन्होने १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सिपाहियो..
-
अन्ना-आंदोलन कोरा गुब्बारा तो नहीं
अन्ना टीम के लोगों ने जब से हिसार पर मुंह खोलना शुरू किया है, कई तात्कालिक और मूलभूत सवाल उठ खड़े हुए हैं। जैसे यह कि हिसा..
-
होली पर खून की होली खेलना चाहते थे ये भारतीय आतंकवादी
दिल्ली पुलिस ने दो भारतीय नागरिकों को दिल्ली में होली के आस-पास बम विस्फोट करने के षड़यंत्र के आरोप में बंदी बनाया है | स..
-
आदिवासी बेडों में नेत्र ज्योति प्रदान कर रहा है मोहन ठुसे नेत्र अस्पताल
महाराष्ट्र के उत्तर-पश्चिम भाग के पुणे, अहमदनगर और ठाणा जिले में सह्याद्री पर्वत की दुर्गम पहाडियों में बसे करीब ३० ल..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)