सन १९९३ में ७३ वें संविधान संशोधन से देश में ‘पंचायती राज’ की स्थापना हुई। इससे ग्राम पंचायतों का ढांचा खड़ा..
भगत सिंह क्रांति सेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर दिया इंडिया अगेंस्ट करप्शन को स्पष्टीकरण, कहा कांग्रेसी नहीं है !
नमस्कार एवं वन्दे मातरम,
सबसे पहले हम माननीय बाला साहब ठाकरे,श्री उद्धव ठाकरे जी और देश की
उन लाखो-करोड़ो जनता का हार्दिक धन्यवाद करते है जिनका हमे भरपूर
समर्थन और सहयोग मिला. उसके बाद हम धन्यवाद करना चाहते है माननीय
अन्ना हजारे जी का जिन्होंने न बल्कि प्रशांत भूषण के कश्मीर ब्यान को
खारिज किया, बल्कि उसकी निंदा भी की. उसके बाद हम विशेष रूप से
धन्यवाद करना चाहेंगे टीवी मिडिया, प्रिंट मिडिया और उन सभी मिडिया
मित्रो का जिनके बिना यह आवाज़ अन्ना जी और देश के लाखो-करोड़ो लोगो
तक पहुंचना सम्भव नही था. अगर इस छोटी सी चिंगारी को राष्ट्र्भगती की
आग में अगर किसी ने बदलने का काम किया तो वह लोकतंत्र के छोटे स्तम्भ
मिडिया ने अपना राष्ट्र धर्म निभाते हुए किया.
अब हम बात करना चाहते है अरविन्द केजरीवाल के उस ब्यान की जिस ब्यान
में उन्होंने कहा जिन लोगो ने प्रशांत भूषण पर हमला किया उनका कश्मीर
से कोई लेना देना नही है,यह सिर्फ भ्रस्टाचार के मुद्दे को भटकाने के
लिए किया गया प्रयास है.अरविन्द केजरीवाल का यह ब्यान बहुत ही
शर्मनाक और अफसोसजनक है.और हम इसे सिरे से खारिज करते है.चाहे वो
अन्ना जी का अप्रैल का अनशन हो,तिहाड़ जेल हो या राम लीला मैदान भगत
सिंह क्रांति सेना के कार्यकर्ताओ ने भ्रस्टाचार विरोधी इस लड़ाई में
हमेशा बड़-चड़ कर हिस्सा लिया.लेकिन यह कहा जाना की यह लोग भ्रस्टाचार
के मुद्दे को भटकाना चाहते थे इनके इस ब्यान से हमारे सेकड़ो
कार्यकर्ता जो इस भ्रस्टाचार विरोधी मुहीम में शामिल रहे है आहात हुए
है.अरविन्द केजरीवाल का यह कहना की इनका कश्मीर से कोई लेना-देना नही
है भी बहुत अफसोसजनक है.भ्रस्टाचार के खिलाफ अन्ना जी के नेतृत्व में
अप्रैल में एक आन्दोलन चालू हुआ जो जन-जन की आवाज़ बना अरविन्द
केजरीवाल उसके एक अहम सिपाही है.लेकिन क्या अब इस आन्दोलन के कारण हम
अपनी उस आवाज़ को उठाने का हक खो बैठे है जो हम वर्षो से उठाते रहे
है.क्यां अब देश की एकता और अखंडता के लिए किये गये हमारे ईमानदार
प्रयासों पर भी उंगलिया और प्रशन चिन्य लगाये जायेंगे.हम अरविन्द
केजरीवाल से कहना चाहेंगे जब उन्होंने भ्रस्टाचार आन्दोलन चालू भी नही
किया था उस से कई वर्ष पहले से कश्मीर और देश की एकता और अखंडता के
मुद्दे पर राष्ट्रविरोधी तत्वों से लड़ते रहे है .चाहे वो सईद अली शाह
गिलानी हो या मीर वाईज उम्र फारुख यां वाईट कॉलर टेरोरिस्ट अरुंधती
रॉय जिसने भी देश की एकता और अखंडता पर प्रशन चिन्य लगया हमने उनका
हमेशा ही विरोध किया,कई बार जेलों में गए और उसके केस भी हम पर दर्ज़
है.लेकिन अरविन्द केजरीवाल द्वारा प्रशांत भूषण के ब्यान के खंडन करने
की यह बयान देना बहुत ही अफसोसजनक और शर्मनाक है ओर देश के राष्टवादी
जनता का अपमान है. १ तरफ अरविन्द केजरीवाल यह ब्यान देते है और उस
ब्यान के ठीक 15 मिनट बात India against Corruption के ओफिसिअल
फेसबुक वाल पर मेरी इक फोटो को प्रकाशित किया जाता है,जिसमे मै
माननीय गृहमंत्री जी के साथ खड़ा हूँ.उस फोटो पर मेरे चहरे पर
लाल रंग का एक घेरा बना कर लिखा जाता है वह युवक जिसने प्रशांत भूषण
पर हमला किया पी चिदम्बरम के साथ. उस फोटो के निचे कमेन्ट डलवाने कि
कोशिश की जाती है देखो पोल खुल गयी, ये कांग्रेस के लोग थे और इन्होने
भ्रस्टाचार विरोधी आन्दोलन को दबाने के लिए हमला किया.1 तरफ प्रशांत
भूषण के ब्यान के खंडन न करना और दूसरी इस फोटो का प्रकाशित
करना कुछ लोगो की मंशा पर प्रशन चिन्य खड़े करता है.मै आपको
बताना चाहता हूँ यह फोटो कश्मीर के विषय पर किये आयोजित 1 सेमिनार की
है जिसमे मुझे मेरे कुछ कश्मीरी मित्रो ने आमिन्त्रित किया था.उस
सेमीनार का हिस्सा होने के नाते 1 प्रतिनिधि मंडल के साथ हम कश्मीर
समस्यायों के लेकर हम पी चिदम्बरम साहब से मिले थे.लेकिन कहते है जब
हम 1 ऊँगली दुसरे की तरफ उठाते है तो 3 उंगलिया अपने तरफ उठती है.
India against Corruption मेरी जिस फोटो के जरिये ये साबित करना
चाहता था की मैं कांग्रेसी हूँ और भ्रस्टाचार विरोधी आन्दोलन के खिलाफ
हूँ, मेरे पर आरोप लगाने की जल्दबाजी में वो यह देखना भूल गए मेरे आगे
जो महिला खड़ी है वे स्वर्गीय शेहला महसूद है, जो India against
Corruption की पूर्व स्टेट कन्वीनर रह चुकी है. अगर मै
कांग्रेसी हूँ तो क्या India against Corruption की पूर्व स्टेट
कन्वीनर भी कांग्रेस से थी. यह IAC का सबसे बड़ा Corruption है. हम
पूछना चाहते है India against Corruption या तो इस फोटो पर आपनी
सफाई दे यां उस फोटो को तुरंत डिलीट कर के उसी पेज पर ओफिसिअल रूप से
माफ़ी मांगे.
16 अक्टूबर को AFSPA के विरोध में कश्मीर से कुछ तथाकथित
बुधिजिवियो और दानव अधिकार कार्यकर्ताओ ने 1 मार्च चालू
हुआ,जिसको हरी झंडी दिखने का काम IAC के प्रमुख सदस्यों मेधा पाटकर और
संदीप पाण्डेय द्वारा किया गया.उस रैली में इन दोनों ने अलगाववादी
नेताओ के साथ मंच साँझा किया.और उस रेली में कश्मीर को आज़ादी दो और
अफज़ल को रिहा करो के नारे लगाये गए.1 साथ भ्रस्टाचार विरोधी आन्दोलन
के यूथ आइकोन और दूसरी तरफ अलगाववादियों और पाकिस्तान की भाषा बोलने
के दोहरा रविया देश का युवा कभी बर्दाश्त नही करेगा. हम आप सभी मिडिया
मित्रो के माध्यम से अन्ना जी से पूछना चाहते है की क्या वह ऐसे लोगो
को अपनी टीम का हिस्सा रखना चाहेंगे जिनका मकसद केवल आतंकवादियों को
रिहा कराना और देश को तोडना हो.हम अन्ना जी से मांग करते है ऐसे
देशद्रोहियों को टीम से तुरंत बाहर किया जाये.और अगर इन पर कोई कारवाई
नही होती और देश का कोई युवा फिर से कोई प्रशांत भूषण जैसे घटना कर
बैठा है तो इसके लिए जिम्मेदार यह लोग खुद होंगे.
यह जो AFSPA के विरोध में पिछले कुछ दिनों से नाटक मण्डली
चल रही है यह सारे उन्ही लोगो की जमात है जिनका मकसद कई वर्षो से देश
को तोड़ने का रहा है,लेकिन जब ये अपने उस ओछे इरादे में नाकाम साबित
हुए तो इन लोगो ने सेना की छवि को ख़राब और कमजोर करने के लिए चले
चलनी चालू करदी.हम इन लोगो के घटिया एजेंडे को एक्सपोस करने के लिए और
सेना और AFSPA के समर्थ में १० दिसम्बर को दिल्ली के जंतर मंतर
पर रेली की घोषणा करते है. साथ ही साथ हम सरकार से मांग करते है afspa
यां सेना की उपस्थति के ऊपर कोई भी फैसला हो उसमे सेना प्रमुख की राय
को प्रमुखता से लिया जाये जो की वह की जमीनी हकीकत को जानते है न की
उन तथाकथित NGO ब्रांड लोगो के दबाव में आकर.साथ ही साथ हम सेना
की १ रेंक-१ पेंशन की वर्षो से उठती रही मांग का समर्थन करते है और
सरकार से इसे जल्द से जल्द लागु करने की मांग करते है.
उसके अलावा सरकार द्वारा जो कश्मीर के मुद्दे पर दलीप पडगावकर के
नेतृत्व मे 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गयी और उसके बाद दलीप पडगावकर का
नाम ISI प्रयोजित गुलाब नबी फाई के साथ आना आने वाली रिपोर्ट की
मंशा पर प्रशन चिन्य खड़े करता है.1 ऐसे व्यक्ति जिसके प्रत्यक्ष या
आप्र्त्यक्ष रूप से ISI से सम्बन्ध जुड़े रहे हो कश्मीर के ऊपर रिपोर्ट
बनाये इसे देश का युवा कभी बर्दाश्त नही करेगा.हम सरकार से तुरंत इस
रिपोर्ट को सार्वजानिक किये बगैर रद्द करने की मांग करते है.साथ ही
साथ कश्मीरी पंडितो के पुर्नवास के लिए सरकार की क्या नीति है यह भी
स्पस्ट करने की मांग करते है.
हम सरकार से मांग करते है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नाजायज़ फायदा
उठा कर देश को तोड़ने की बात करने वालो के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का
मुकदमा दर्ज़ कर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाये.ताकि देश का कोई युवा
भविष्य में मज़बूरी में फिर से कानून हाथ में ना ले.इसके अलावा जो
तथाकथित मानवधिकार कार्यकर्ता और NGO ब्रांड लोग देश की एकता अखंडता
और सेना को बदनाम करने का झूटी साजिशे रचते है इनके बैंक
अकाउंट,सम्पति,NGO फंडिंग और विदेशी तारो से संबंधो की जांच की जाए यह
मांग करते हुए हम अपनी बात को आज यही समाप्त करते है,
वन्दे मातरम
— भगत सिंह क्रांति सेना की जारी प्रेस रिलीज़
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