दैनिक समाचार पत्र डीएनए में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसियों को इस बात के पुष्ट प्रमाण मिले हैं की अनेक ..
नई दिल्ली जन लोकपाल बिल के समर्थन तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना ने जंतर मंतर से आवाज उठाने की इच्छा जताई तो दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी। मगर रविवार को जब चंद लोग अन्ना से जुड़ी संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आइएसी) पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठने की इजाजत मांगी तो बगैर देरी के पुलिस ने इन्हें 11 दिन के लिए इजाजत दे दी। रविवार सुबह से ही दर्जन भर लोग जंतर मंतर पर बैठ अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। सभी खुद को टीम अन्ना व इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़ा हुआ भी बता रहे हैं। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि ये लोग उनकी संस्था के नही हैं। यह उनके खिलाफ सोची-समझी साजिश है।
रामलीला मैदान में अन्ना आंदोलन के दौरान चिकित्सा शिविर का नेतृत्व करने वाले डा. संजीव छिब्बर भी आवाज उठाने वालों में हैं। उन्होंने इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कोर कमेटी को बर्खास्त करने की बात कही। साथ ही कहा कि कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान के बारे में उन्होंने अरविंद केजरीवाल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। बिना खाते के लाखों का आय-व्यय किया जा रहा है, जबकि टीम अन्ना के प्रमुख सहयोगी ने ही 15 अक्टूबर तक ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने की बात कही थी। आइएसी के वालेंटियर श्रीओम का कहना है कि फैसलों व धन के किसी भी मामले में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। किसी की भी कोई जवाबदेही नहीं है। मंच से कोई भी कुछ भी बोल रहा है।
शकील खान ने बताया कि हिसार में जाकर कांग्रेस को वोट न देने जैसे बयान देना गलत है। अन्ना से शुरुआत से ही राजनीतिक दलों को दूर रखने की बात कही थी। हम अन्ना की भ्रष्टाचार व जन लोकपाल बिल पास करने की मुहिम से जुड़े हैं और सफलता तक साथ हैं। नाराजगी केजरीवाल से है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अन्ना के सभी सहयोगियों की जिम्मेदारी तय है। जो धनराशि चंदे से जुटाई गई है उसका पूरा हिसाब है।
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