जब 24 वर्षीय डिमसा विद्रोही बिनोद (परिवर्तित नाम) अपनी 3 दिन लंबी ट्रेन तथा सड़क यात्रा के पश्चात असम से बंगलुरु पहुंचकर ..
माया ने कांग्रेस को दलितों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया
नई दिल्ली यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख बसपा सुप्रीमो व
मुख्यमंत्री मायावती ने दलित वोट बैंक को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया
है। उन्होंने कांग्रेस को दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन बताते हुए कहा
कि वह (कांग्रेस) किसी भी हद तक जा सकती है। झांसा देने के लिए दलित
समुदाय की मीरा कुमार या फिर सुशील कुमार शिंदे को चुनाव के पहले कुछ
समय के लिए प्रधानमंत्री भी बना सकती है। दलितों को भ्रम में न आने के
प्रति आगाह करने के साथ ही कांग्रेस को चुनौती भी दी, कि वह किसी भी
दलित को चुनाव से पहले पीएम बना दे, लेकिन अंबेडकर व कांशीराम की
विचारधारा वाला दलित वोट बैंक उनके लालच में आने वाला नहीं है।
नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन के उद्घाटन
मौके पर उन्होंने कहा, कांग्रेस ने 38 वर्षों तक केंद्र व यूपी में
राज किया, पर दलितों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि डा.अंबेडकर व
कांशीराम जैसे महापुरुषों के स्मारक के लिए दिल्ली में यमुना किनारे
जमीन तक नहीं दी, जहां नेहरू-गांधी परिवार के तमाम के स्मारक हैं।
उन्होंने कांग्रेस को दलित विरोधी मानसिकता वाला बताते हुए कहा, इस
पार्टी ने जगजीवन राम को कभी पीएम नहीं बनने दिया। दलित वोट बैंक को
तोड़ने के लिए तमाम प्रयास किये हैं। बसपा प्रमुख ने सोनिया गांधी पर
व्यक्तिगत हमला बोला और कहा, केंद्र में राजग सरकार के दौरान आठ
अक्टूबर 2003 को ताज कारिडोर मामले में सीबीआइ ने मेरे व रिश्तेदारों
के यहां छापा मारा। तब सोनिया ने उन्हें फोन करके कहा था भाजपा गलत कर
रही है, कांग्रेस की सरकार बनी तो न्याय दिलाएंगी।
2004 से केंद्र में कांग्रेस की सरकार है, पर न्याय नहीं दिला रही है।
यहां तक कि आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग की क्लीन चिट के
बावजूद सीबीआइ के जरिए मुझे फंसा रखा है। माया ने भाजपा को भी नहीं
बख्शा और कहा, आडवाणी की यात्रा आंख में धूल झोंकने व पार्टी में
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी मजबूत करने के लिए है। बेहतर होता वह
यात्रा कर्नाटक से शुरू करते। उन्होंने अपने भाषण में सपा के राजनीतिक
वजूद को कोई तवज्जो ही नहीं दी। सिर्फ इतना कहा, कांग्रेस व सपा को
मेरे बारे में भ्रष्टाचार पर बात करने के पहले खुद के गिरेबॉन में
झांककर देखना चाहिए।
Share Your View via Facebook
top trend
-
जब असम से खूंखार उग्रवादी आर्ट ऑफ़ लिविंग, बंगलुरु पहुंचे
-
जैसा अन्न वैसा मन : सात्त्विक भोजन से सात्त्विकता स्वतः बढ़ेगी
आप क्या खाते पीते हो? आप ऐसी चीज खाते-पीते हो जिससे बुद्धि विनष्ट हो जाय और आपको उन्माद-प्रमाद में घसीट ले जाय? आप अपेय ची..
-
टीम मनमोहन में करोड़पतियों की भरमार, वहीँ भारत में ८४ करोड़ लोग १५-२० रूपये रोज़ कमाते हैं
भ्रष्टाचार को लेकर घिरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रियों में करोड़पतियों की भरमार है। पीएमओ की वेबसाइट पर सार्व..
-
क्या बाबा रामदेव इतना भी नहीं जानते, कि बांग्लादेशियों पर पहला हक कांग्रेस का ही है…?
बाबा रामदेव के योग कैम्प में अपने विकलांग पुत्र का इलाज करवा रहे बांग्लादेश के नागरिक श्री ब्योमकेश भट्टाचार्य की "अवैध"(?..
-
देश का सबसे अधिक अपराध-ग्रस्त राज्य बन गया है केरल
कभी गॉड्स ओन कंट्री के नाम से जाना जाने वाला देवताओं का प्रदेश केरल जो आज जिहादी आतंकियों और एवेंजेलिकल मिशनरियों की गिर..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)