उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव निकट आते ही मुस्लिम समुदाय को जिस तरह आरक्षण देने की पहल शुरू..
दिग्विजय का अन्ना पर सबसे तीखा वार! साथ पागलखाने चलने की सलाह
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अन्ना
हजारे पर तीखा हमला बोला है। अन्ना हजारे को मानसिक संतुलन की जांच
कराने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा है कि बीजेपी अन्ना को
राष्ट्रपति पद का सब्जबाग दिखा रही है।
दिग्विजय ने कहा कि बीजेपी ने अन्ना को राष्ट्रपति पद का सपना दिखाया
है कि उन्हें अगले राष्ट्रपति चुनाव में सर्वदलीय उम्मीदवार के तौर पर
पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्ना बीजेपी के बहकावे में आ गए हैं
और बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं।
अन्ना पर अपने लगातार हमलों के लिए जाने जाने वाले दिग्विजय ने यह भी
कहा, 'अब तक मुझे पागलखाने भिजवाने की सलाह देने वाले अन्ना को चाहिए
कि वह भी मेरे साथ चलें। वहां मेरे साथ-साथ उनकी भी जांच हो जाए ताकि
पता चले कि किसका दिमाग खराब है और किसका सही।'
अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के पीछे किसका हाथ है, इस पर कई
तरह के सवाल उठते रहे हैं। अन्ना हजारे ने कांग्रेस के नेताओं के बयान
पर कहा था कि उनके बारे में जो लोग कह रहे हैं कि आंदोलन में बीजेपी
या आरएसएस की भीड़ थी तो उन्हें मेंटल अस्पताल में भेजना चाहिए।
दिग्विजय ने कहा, 'अगर अन्ना हजारे चाहते हैं कि दिग्विजय सिंह के
मानसिक संतुलन की जांच हो तो वो भी मेरे साथ चलें। वहां उनकी भी जांच
हो जाए और मेरी भी जांच हो जाए।'
कांग्रेस जहां एक तरफ अपने नेताओं से अन्ना हजारे पर नए सिरे से हमले
करवा रही है तो दूसरे नेताओं को उनसे मिलने भेजकर उन्हें मनाने की
कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने
पार्टी की ओर से अन्ना के गांव जाकर उनसे मुलाकात की और उन्हें फूल
भेंट किया है।
मनाने की कोशिश
ठाकरे अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि जाकर उनसे मिले। ठाकरे अन्ना
के लिए फूलों का गुलदस्ता ले गए थे। माना जा रहा है कि उन्होंने
अन्ना से मुलाकात कर उनसे चुनावी राजनीति में बीजेपी का पक्ष लेते न
दिखने की गुजारिश की। सूत्रों के मुताबिक उनसे ठाकरे ने कहा कि
कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार लोकपाल बिल संसद के शीत सत्र में लाने
की पूरी कोशिश कर रही है। इसलिए अभी से कांग्रेस के खिलाफ चुनावी
मुहिम शुरू करना ठीक नहीं होगा।
बीजेपी की सफाई
बीजेपी ने दिग्विजय के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। बीजेपी नेता
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कांग्रेस बेतुके आरोप लगाना बंद
करे। उन्होंने कहा, ' अन्ना को राष्ट्रपति पद की पेशकश करने का कोई
सवाल ही नहीं है। पता नहीं, दिग्विजय कहां से ऐसी बातें ले आते हैं।'
नकवी ने कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को ऐसे निराधार आरोपों से
कुछ हासिल नहीं होगा। ओसामा बिन लादेन की मौत पर स्यापा करने और अन्ना
के खिलाफ बेतुके आरोपों की बौछार करने की नीति इस देश में नहीं
चलेगी।
Share Your View via Facebook
top trend
-
विधानसभा चुनाव आते ही मुस्लिम समुदाय को आरक्षण, गलत दिशा में राजनीति
-
जब असम से खूंखार उग्रवादी आर्ट ऑफ़ लिविंग, बंगलुरु पहुंचे
जब 24 वर्षीय डिमसा विद्रोही बिनोद (परिवर्तित नाम) अपनी 3 दिन लंबी ट्रेन तथा सड़क यात्रा के पश्चात असम से बंगलुरु पहुंचकर ..
-
जिस देश को बरबाद करना हो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो
किसी ने सच ही कहा है कि जिस देश को बरबाद करना हो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो और वहाँ की युवा पीढी को गुमराह करो । ..
-
लोकपाल: समिति से हटे मनीष तिवारी, अब लालू-अमर की बारी?
अन्ना हजारे को बुरा-भला कहकर बाद में माफी मांगने वाले कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने लोकपाल बिल पर विचार करने ..
-
अरबों का धन और अन्न लुटाने पर भी भारत के विरुद्ध खड़े होंगे अफगान
कहते हैं गुरु का स्थान भगवान् के समकक्ष होता है और संकट के समय में सहायता करने वाला ही सच्चा मित्र होता है | भारतीय संस्कृ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)