नई दिल्ली गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग थोड़ा मेहरबान हुआ है। अब ये दल राज्य विधानसभा या लोकसभा में कोई ..
संघ और भाजपा में दम है तो रोके सांप्रदायिक हिंसा बिल : सलमान खुर्शीद
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया
गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एन.ए.सी) की
संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने के लिए राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ
(आर.एस.एस) की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार यह विधेयक संसद में जरूर
पेश करेगी। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा में दम है तो इस बिल को रोक
लें। सलमान ने कहा कि अगर संघ-भाजपा को आपत्ति है तो उसे सांसदों के
जरिए विधेयक को रोकना होगा।
खुर्शीद ने शनिवार यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, जो लोग (संघ)
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन भी अपने मुख्यालय पर
राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराते हैं, उन्हें एन.ए.सी की संवैधानिक वैधता
पर सवाल उठाने का नैतिक हक नहीं है।
6 अक्टूबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एन.ए.सी की आलोचना करने के साथ
ही सांप्रदायिक हिंसा विधेयक के मसौदे का जमकर विरोध किया था। संघ
प्रमुख के इस यान के बाद खुर्शीद ने कहा कि यह विधेयक संसद में लाया
जाएगा और अगर वे संघ चाहे तो अपनी सोच से सहमत सांसदों के जरिए इस
विधेयक को पास होने से रोक सकते हैं।
दंगों में हिन्दू औरत का बलात्कार अपराध नहीं माना जाएगा
?
भाजपा भी इस प्रस्तावित विधेयक का कड़ा विरोध कर रही है। पार्टी ने इस
प्रस्तावित विधेयक में कुछ समूहों को लक्ष्य बना कर की जाने वाली
हिंसा को संविधान के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक और हानिकारक करार दिया
है। इस मुद्दे पर भाजपा को जयललिता का भी खुला समर्थन हासिल है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
सीटें जीते बिना भी मिल सकता है क्षेत्रीय दल का दर्जा
-
क्या कभी आपने संघ के पथ-संचलन का राष्ट्रीय मीडिया कवरेज देखा है
संघ की परम्परा में "भगवा ध्वज" ही सर्वोच्च है, कोई व्यक्ति, कोई पद अथवा कोई अन्य संस्था महत्वपूर्ण नहीं है। प्रतिवर्ष के अ..
-
सिर्फ जनलोकपाल ही सब कुछ नहीं, आगे सोचना होगा : बाबा रामदेव
-
दिग्विजय का अन्ना पर सबसे तीखा वार! साथ पागलखाने चलने की सलाह
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अन्ना हजारे पर तीखा हमला बोला है। अन्ना हजारे को मानसिक संत..
-
फेसबुक ने दिया धोखा लॉग आउट होने के बाद भी चलता रहता था अकाउंट
न्यूयॉर्क, एजेंसी : आपकी चहेती सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आपको निजता और सुरक्षा देने के लिए लगातार नई-नई एप्लीकेशन और प्र..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)