अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र आग्रेनाइज़र ने बोफोर्स घोटाले में सोनिया गाँधी का नाम न लिए जाने पर चिंता जताई है। समाचार..
भारत अमीर परिवारों की संख्या के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत अमीर परिवारों की संख्या के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। देश में 30 लाख ऐसे अमीर परिवार हैं, जिनके पास 1 लाख यूएस डॉलर (करीब 50 लाख रुपये) से ज्यादा निवेश करने लायक रकम है। ग्लोबल मार्केट रिसर्च एजेंसी टीएनएस के एक सर्वे के मुताबिक, 3 करोड़ 10 लाख अमीर परिवारों के साथ अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर देश बना हुआ है। ब्राजील और चीन में भी करीब-करीब भारत जितने ही लोग ऐसी हैसियत वाले हैं और ये तीनों देश कई यूरोपीय देशों से आगे हैं।
27 पर्सेंट अमेरिकी परिवार अमीर हैं। भारत में 1.25 पर्सेंट परिवार धनी हैं और चीन में यह आंकड़ा 0.75 पर्सेंट है। दरअसल इनकी ज्यादा आबादी के कारण यह पर्सेंटज इतना कम है। जहां सभी देशों के लिए रकम की जो सीमा है वह एक लाख यूएस डॉलर है, वहीं ब्राजील के लिए यह 40 हजार यूएस डॉलर है। हालांकि लक्जमबर्ग में निवेश का पर्सेंटज सबसे ज्यादा 29 फीसदी है। अगर आंकड़ों की बात करें तो यहां अमीर परिवारों की संख्या सिर्फ 89 हजार है। अमेरिका में निवेश का प्रतिशत 27 फीसदी है। कनाडा और सिंगापुर में यह 20 प्रतिशत है। कनाडा में 26 लाख परिवार और सिंगापुर में 2 लाख 30 हजार परिवार अमीर हैं।
भारत उभरता हुआ बाजार
टीएनएस के बिजनेस और फाइनैंस डायरेक्टर ने बताया कि हमारी रिसर्च इस
बात की पुष्टि करती है कि उभरते हुए बाजार आने वाले वर्षों में
समृद्धि के नए केंद्र होंगे। भारत और चीन पहले से ही जर्मनी और फ्रांस
जैसे बड़े यूरोपीय बाजारों को मात दे रहे हैं। यह देखना दिलचस्प है कि
इन बाजारों में लोगों की उद्यमी भावनाएं निजी संपत्ति के मामले में
अभी से असर दिखा रही हैं। टीएनएस इंडिया के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ने
बताया कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि भारत में छुपे हुए अमीरों की
संख्या काफी ज्यादा है। इस स्टडी से पता चलता है कि देश में निवेश की
संभावनाएं काफी ज्यादा हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
बोफोर्स मसले में सोनिया गाँधी का नाम क्यों नहीं लिया जा रहा हैं?
-
शक्ति का स्रोत पदार्थ से परे है : क्या संसार केवल भौतिक पदार्थों का या प्रकृति की ही रचना है?
अधिकांश वैज्ञानिकों का मत है कि संसार केवल भौतिक पदार्थों का या प्रकृति की ही रचना है! उसके मूल में कोई ऐसी चेतन या विचा..
-
बाबा रामदेव ने जमकर किया कांग्रेस विरोधी प्रचार: हिसार उपचुनाव
योगगुरू बाबा रामदेव ने देशवासियों का आह्वान किया कि वे आगामी लोकसभा व राज्य विधानसभा के चुनावों में भ्रष्ट, बर्बर, तानाशाह..
-
अर्धरात्रि १२ बजकर ०५ मिनट : भोपाल गैस त्रासदी पर कुछ पंक्तियाँ
हर जिस्म जहर हो गया एक दिन
मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन
- - - - - - - - - - - - - - - - - - .. -
साम्प्रदायिक हिंसा बिल के खिलाफ होगा बड़ा आंदोलन, कांची शंकराचार्य भी जुड़े
नई दिल्ली, 14 दिसंबर : सांप्रदायिक हिंसा बिल के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन होगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)