भारत में छपने वाले कई उर्दू समाचार पत्रों ने अन्ना हज़ारे के
अनशन वापस लेने को उनकी घटती लोकप्रियता से जोड़ा है.
..
मंत्री विधायक बनाने के लिए रिश्वत लेते हैं फारुक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हाजी यूसुफ शाह की संदिग्ध हालात में मौत मामले में एक चश्मदीद के खुलासे से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला बुरी तरह फंस गए हैं।
इस घटना के चश्मदीद नैशनल कॉन्फ्रेंस के वर्कर सलमान अब्दुल रेशी ने दावा किया है कि मौत से पहले उमर अब्दुल्ला और यूसुफ के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। रेशी का दावा है कि यह पैसा एक पार्टी वर्कर ने मंत्री बनने के लिए फारुख अब्दुल्ला को दिया था। रेशी सीएम हाउस में यूसुफ और उमर की बैठक में मौजूद थे।
इस खुलासे के बाद विपक्षी पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी और बीजेपी ने फारुक अब्दुल्ला के इस्तीफे की मांग कर डाली है। वहीं जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा ने यूसुफ की मौत के मामले में प्रदेश सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
क्या हुआ था सीएम हाउस में?
रेशी ने कहा यूसुफ जब उमर से मिलने गए थे, तो वह ठीक थे। सीएम हाउस से
बाहर आने के बाद उनकी हालत खराब थी। रेशी ने कहा, 'उस दिन उमर ने
यूसुफ से पूछा था कि क्या उन्हें भट्ट से पैसे मिले हैं... इसके बाद
यूसुफ ने उमर से कहा कि वह उनसे पास वाले कमरे में अकेले में बात करना
चाहते हैं। उमर ने उनकी बात नहीं मानी। यूसुफ ने तब कहा कि वह इस
मामले को सुलझाने के लिए फारुख अब्दुल्ला का इंतजार करने चाहते
हैं।
इसके बाद यूसुफ को दूसरे कमरे में ले जाया गया। देविंदर सिंह राणा (उमर के पॉलिटिकल अडवाइजर) और नासिर असलम वानी (गृह राज्य मंत्री) उनके साथ थे। जब यूसुफ कमरे से बाहर आए, तो उनकी हालत खराब थी।
रेशी ने कहा, 'यूसुफ की हालत ठीक नहीं दिखाई दे रही थी। वह बात नहीं कर रहे थे। हम क्राइम ब्रांच के हेडक्वार्टर जाते हुए 100 कदम ही चले होंगे कि उन्होंने उल्टी करना शुरू कर दिया।
सीएम हाउस में क्या हुआ, मैंने कुछ नहीं देखा। मैंने बस रेशी की हालत देखी। जब हमने उन्हें उल्टी करते देखा तो हम परेशान हो गए। अब मुझे डर लग रहा है। मेरी जान को खतरा है।
विधायक, मंत्री बनाने के लिए रिश्वत लेते हैं
फारुक
रेशी ने टीवी चैनल को बताया था कि यूसुफ ने मंत्री बनाने के नाम पर एक
अन्य कार्यकर्ता मोहम्मद यूसुफ भट्ट से रिश्वत ली थी। उसने बताया कि
यह रकम फारुक अब्दुल्ला को देने के लिए ली गई थी
पूछ लो, किसी ने पैसा दिया है?
फारुक ने रिश्वत के आरोपों पर कहा, 'न्यायिक जांच की रिपोर्ट का
इंतजार कीजिए। सच मालूम हो जाएगा।' उन्होंने अपने बेटे एवं राज्य के
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का भी बचाव किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने
न्यायिक जांच का निर्णय खुद ही लिया है। उन्होंने इस बात से इनकार
किया कि नैशनल कॉन्फ्रेंस में मंत्री पद के लिए रिश्वत ली जाती है।
अब्दुल्ला ने कहा, 'यहां विधायक एवं विधान परिषद सदस्य मौजूद हैं। पूछ
लीजिए कि क्या कभी किसी ने धन दिया है....?
इस्तीफे की मांग राजनीतिक तमाशाः फारुक
उधर, नैशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने
राज्य की विपक्षी पार्टी पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी के उनके इस्तीफे
की मांग को राजनीतिक तमाशा करार दिया। इसके अलावा राजनीतिक फायदा
उठाने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यूसुफ के मौत की
सच्चाई न्यायिक जांच से सामने आ जाएगी।
पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद अब्दुल्ला ने कहा, 'फारुक अब्दुल्ला का इससे कोई लेना-देना नहीं है। जो भी सच्चाई होगी वह न्यायिक जांच से सामने आ जाएगी। आप मुझसे और क्या सुनना चाहते हैं....सच्चाई सामने आ जाएगी।' उन्होंने कहा, 'यह राजनीतिक तमाशा है। वे (पीडीपी) नहीं चाहते हैं कि नैशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार रहे। वे सिर्फ सत्ता चाहते हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
उर्दू अख़बारों ने छापा, केजरीवाल का टोपी पहन जाना व्यर्थ
-
गत माह गौ-हत्याओं में आई तेज़ी पर गौ-रक्षा दल सक्रिय, समस्त भारतवर्ष में गौ-रक्षा अभियान जोरों पर
गौ हत्या न सिर्फ एक कानूनी जुर्म है बल्कि अपनी माँ के साथ भी दुर्व्यवहार के समान है... पिछले एक महीने में देश के बहुत से श..
-
दिल्ली में लगभग दो लाख रूपए की लागत से बना टॉयलेट अचानक गायब, थाने में रपट दर्ज
सूचना के अधिकार से अभी-अभी मालूम पड़ा है कि दिल्ली के एक गांव में लगभग दो लाख रूपए की लागत से जो टॉयलेट बना था, वह अचानक ग..
-
सदभावना मिशन : नरेन्द्र मोदी का हर जिले में एक दिन का उपवास
16 Oct 2011, 0938 hrs IST ।। अहमदाबाद ।। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदभावना मिशन के तहत एक बार फिर उपवास शुरू ..
-
मुंबई में भारी बारिश, लगातार हो रही बारिश के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त
मुंबई में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
मुंबई की लाइफ़ लाइन कही जान..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)