भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, अन्ना पर जमकर बरसे राहुल गांधी

Published: Wednesday, Oct 05,2011, 14:01 IST
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जन लोकपाल, अन्ना हजारे, भाजपा, सलमान खुर्शीद, राजनीतिक एजेंडा

जन लोकपाल कानून के लिए अन्ना हजारे के नए रुख से कांग्रेस हैरान है तो बेहद नाराज भी। अभी हिसार और बाद में उत्तर प्रदेश समेत पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस को वोट न देने की अन्ना की अपील को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार और संगठन ने तुरंत पलटवार भी कर दिया।

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी खुद मैदान में उतरे और दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सिर्फ राजनीतिक और लोकतांत्रिक तौर-तरीकों से ही लड़ी जा सकती है। वहीं कांग्रेस ने अन्ना को भाजपा के साथ बताने और उनकी नीयत पर सवाल उठाने के साथ ही आगाह किया कि वह सरकार का भरोसा न तोड़ें और राजनीतिक एजेंडा चलाने की कोशिश न करें।

कांग्रेस और सरकार में अन्ना के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया के दो प्रमुख सबब थे। एक तो खुलकर अन्ना ने पहली बार कांग्रेस को वोट न देने का संदेश जारी किया। दूसरे, उन्होंने राहुल गांधी की राजनीति के लिहाज से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अनशन का एलान किया है। यही कारण है कि दिल्ली में युवाओं के बीच राहुल गांधी ने टीम अन्ना के नए आंदोलन की शुरुआत से पहले ही प्रहार किया।

संसद में पहले ही टीम अन्ना के तौर-तरीकों पर कठोरता से प्रहार कर चुके राहुल गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सिर्फ राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही लड़ी जा सकती है। लोकतांत्रिक तरीके से तैयार प्रणाली ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से लड़ सकती है। इससे पहले कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन और महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने अन्ना को ताकीद की कि उन्होंने जब कहा कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है तो हमने भरोसा किया। नेक इरादे से उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं उनका राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग नहीं होने देना चाहिए।

सरकार की नीयत पर सवाल उठाए जाने पर द्विवेदी ने अन्ना को नसीहत दी कि हजारे को लोकपाल मुद्दे पर राष्ट्र के सामूहिक विवेक पर भरोसा रखना चाहिए, जिसका प्रतिनिधित्व संसद करती है। लोकपाल जब भी आएगा यह मजबूत और कारगर होगा। इस मुद्दे पर पहले से कोई धारणा तय कर लेना सही नहीं है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बेहद विनम्रता के साथ अन्ना को भाजपा के साथ खड़ा कर उनके एजेंडे को राजनीतिक करार दे दिया।

उन्होंने कहा कि भाजपा तो पहले से ही हमारे खिलाफ थी, अब अन्ना भी हो जाएं तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने अन्ना से अधीर न होने का आग्रह किया और कहा कि शीतकालीन सत्र में विधेयक आने पर पहले से ही कोई धारणा बना लेना कतई ठीक नहीं होगा।

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने अन्ना के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक करार देते हुए कहा कि अन्ना कह रहे हैं कि अगर शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित नहीं होगा तो वह कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे, लेकिन वह खुद उस समय का इंतजार नहीं करना चाहते।

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