एक बार मैं बैंगलोर से मुम्बई विमान में गया था । विमान की क्षमता 300 यात्रियों की थी । लेकिन विमान में 40 से कम यात्री थे..
आज से पाकिस्तान तक पहुंचेगी सुखोई की दहाड़, जोधपुर में एसयू-30 की तैनाती
पश्चिमी सीमा पर हवाई सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए जोधपुर एयरबेस पर सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई-30 के स्क्वाड्रन की तैनाती शनिवार से हो जाएगी। इसमें मिसाइल रखने की क्षमता है। पुणे के लोहेगांव से इस स्क्वाड्रन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया एक महीने से चल रही थी। सुखोई-30 जोधपुर एयरबेस से 2450 किमी/घंटे की रफ्तार से पांच मिनट में लाहौर पहुंच सकता है।
शनिवार को स्क्वाड्रन विधिवत काम शुरू कर जोधपुर एयरबेस पर सक्रिय हो जाएगा। तेज रफ्तार से उड़ान भरने वाले मल्टी रोल फाइटर सुखोई-30 के पायलट जल्द नियमित अभ्यास शुरू करेंगे। वे अभ्यास के लिए जोधपुर से जैसलमेर में चांधन फायरिंग रेज के अलावा बीकानेर व बाड़मेर में उतरलाई तक उड़ान भरेंगे।
वायुसेना की सक्रियात्मक क्षमता बढ़ेगी :
वायुसेना सूत्रों के अनुसार सुखोई के जोधपुर एयरबेस पर तैनातगी के साथ वायुसेना की सक्रियात्मक क्षमता बढ़ जाएगी। साथ ही पाकिस्तान से सटी राजस्थान, पंजाब, गुजरात व जम्मू-कश्मीर तक की सीमा पर हवाई सुरक्षा मजबूत हो जाएगी। वायुसेना ने सीमा पार की गतिविधियों को देखते हुए जैसलमेर व बीकानेर की हवाई सुरक्षा के लिए फलौदी एयरबेस बनाया था, ताकि ऑपरेशनल गतिविधियों के लिए उतरलाई, जैसलमेर व बीकानेर के साथ सीमा पर तत्काल लड़ाकू विमान पहुंच सकें। जोधपुर एयरबेस सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए अब सुखोई-30 की तैनातगी कर सुरक्षा घेरा और अधिक मजबूत किया जा रहा है।
बह्मोस मिसाइल से बढ़ेगी एयरबेस की ताकत :
सुखोई-30 में ब्रह्मोस मिसाइल में रखने की क्षमता है। जरूरत पडऩे पर सुखोई बमबारी के साथ मिसाइल से अचूक निशाना भी दाग सकता है। वर्ष 1997 में जोधपुर से वायुसेना के दक्षिण पश्चिम वायु कमान का मुख्यालय गांधी नगर चला गया था। अब सुखोई की तैनातगी से जोधपुर एयरबेस की ताकत पहले से कई गुना बढ़ जाएगी। बीते महीने पाकिस्तानी मीडिया में सीमा पर भारत के 15 शहरों को निशाने पर लेते हुए मिसाइल तैनात करने की खबरों के मद्देनजर जोधपुर में सुखोई की तैनातगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है
पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौती के मद्देनजर भारतीय वायुसेना शनिवार से बड़ी पहल कर रही है। अब पाकिस्तान से सटे जोधपुर (राजस्थान) के आसमान पर लड़ाकू विमान सुखोई-30 उड़ेंगे और इसकी दहाड़ पड़ोसी पाकिस्तान तक पहुंचेगी।
रक्षा प्रवक्ता एसडी गोस्वामी ने दैनिकभास्कर डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि स्क्वाड्रन एक अक्टूबर से ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे। वहीं, वायु सेना के सूत्रों के अनुसार, शनिवार से जोधपुर में 16 एयरक्रॉफ्ट की तैनाती हो जाएगी। युसेना ने लोहेगांव और बरेली स्थित अपने स्टेशनों को सुखोई एमकेआई 30 के लिए स्क्वाड्रन तैयार करने के बेस के रूप में चुना है। इसी के तहत 31 स्क्वाड्रन ‘द लॉयन’ को लोहेगांव (पुणे) एयरबेस से जोधपुर शिफ्ट किया गया है।
चार दशक पुराना स्क्वाड्रन
वायुसेना के स्क्वाड्रन 31 का गठन 1 सितंबर 1963 को पठानकोट में किया गया था। उस समय इसके पास फ्रेंच मिस्ट्री एयरक्राफ्ट थे। इस दौरान 1965 और 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में इसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया गया था।
इसके पास 1973 से 1983 तक मारुत एयरक्राफ्ट थे। इसी प्रकार 1983 से 2003 तक इस स्क्वाड्रन में मिग 23 विमान थे। उसके बाद यह सुखोई विमान की तैयारी में लग गया। अब अक्टूबर 2011 से यह जोधपुर एयरबेस पर सक्रिय हो जाएगा।
एक घंटे में 2450 किमी
इस लड़ाकू विमान की खासियत इसी से समझी जा सकती है कि सुखोई एक घंटे में 2450 किमी तक पहुंच जाता है। देश की पश्चिमी सीमा के लिए यह काफी अहम होगा। एक बार उड़ान भरने के साथ वह आठ हजार किलो तक के हथियार लेकर 5200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
सुखोई-30 एमकेआई का लाइसेंस उत्पादन भारत में रूसी सुखोई कंपनी के साथ हुए के करार के आधार पर किया जा रहा है। अगले कुछ सालों में केंद्र सरकार भारतीय वायु सेना को और अधिक सुखोई-30 एमकेआई और हल्के लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च करेगी। इन विमानों का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड करेगा।
Share Your View via Facebook
top trend
-
गरीब भारतीय जनता रोज बिना कारण विमान की टिकट का पैसा चुकाती है?
-
नागालैंड में स्वदेशी शिक्षा के लिए प्रयासरत तसिले एन जेलियांग : सेवा भारती, आर.एस.एस.
नागालैंड में स्वदेशी शिक्षा के लिए प्रयासरत " तसिले एन जेलियांग "
(नागालैंड में शिक्षा के विकास और समाज के उन्न.. -
वरुण से पिछडते राहुल, लोकसभा में वरुण ने पूछे ३८९ सवाल, राहुल ने शून्य
जहाँ राहुल गाँधी अपनी कुल बॉय छवि के पूरक उत्तर प्रदेश में " जवाब हम देंगे " नामक अभियान में टफ लुक देते दिखाई दे रहे हैं ..
-
राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए इस्तेमाल किया गया : अन्ना समर्थक
जिस राजनीति को सारी गंदगी की जड़ बता रहे थे, अचानक उसी की ओर चल पड़ने के अन्ना के फैसले से बड़ी तादाद में उनके समर्थकों ..
-
अन्ना हजारे, बाबा रामदेव एवं श्री श्री रविशंकर ०३ जून को करेंगे सरकार का विरोध?
नई दिल्ली। दिल्ली में शुक्रवार को आयोजिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने कहा कि 1 मई से मैं छत्तीसगढ़ और अन्ना हजारे..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)