कालाधन जमा करने वालों की जानकारी देने को तैयार है स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड के राजदूत फिलिप वेल्ती ने कहा है कि उनका देश उसी हालत में भारतीयों के गोपनीय बैंक खातों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करेगा, अगर यह दोनों देशों के बीच संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) के दायरे में होगा।
समाचार चैनलों के साथ बातचीत में वेल्ती से जब यह पूछा गया कि कि
क्या स्विट्जरलैंड भारत के साथ कालेधन से जुड़ी बैंकिंग सूचनाओं को
साझा करेगा, तो वेल्ती ने कहा कि उनकी सरकार इसके लिए तैयार है। लेकिन
यह जानकारी डीटीएए समझौते के दायरे में होना चाहिए।
स्विट्जरलैंड की संसद ने इसी साल 17 जून को भारत के साथ संशोधित दोहरा
कराधान बचाव संधि को मंजूरी दी है। इसके तहत भारत स्विस बैंको में जमा
अपने नागरिको के अवैध तरीके से जमा कराए गए धन के बारे में जानकारी
हासिल कर सकता है।
स्विट्जरलैंड की संसद ने 17 जून को भारत के साथ हुए डीटीएए में किए गए फेरबदल को मंजूरी दे दी थी। स्विस संसद के अनुमोदन के बाद इस संधि पर स्विट्जरलैंड के लोग 100 दिन तक अपने विचार दे सकते हैं। यह अवधि छह अक्टूबर को खत्म हो जाएगी।
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