पीसी के खिलाफ जांच नहीं चाहती सीबीआई, सीबीआई का कहना अधिकार क्षेत्र में नहीं

सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका का विरोध किया है , जिसमें 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में तत्कालीन वित्त मंत्री पी . चिदंबरम की कथित भूमिका की जांच की मांग की गई है। सीबीआई का कहना है कि ऐसा करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
सीबीआई ने कहा कि पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए . राजा के कार्यकाल में हुए घोटाले की जांच पूरी की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में कोई आदेश नहीं देना चाहिए , क्योंकि इस पर फैसला निचली अदालत को करना है। अगर निचली अदालत को लगता है कि इस मामले में किसी ने गलत काम किया है तो वह लिस्ट में उसका नाम जोड़ सकती है। निचली अदालत संज्ञान ले चुकी है। गौरतलब है कि जनता पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी . चिदंबरम स्पैक्ट्रम का रेट तय करने में राजा के सहयोगी थे और ऐसे में उनके रोल की भी जांच होनी चाहिए।
Chidambaram never won election, must quit: Jayalalithaa
सीबीआई और केंद्र सरकार दोनों की ओर से दलील दी गई है कि स्वामी ने ऐसी ही एक याचिका निचली अदालत में दाखिल की हुई है और उस पर स्पेशल कोर्ट को फैसला करना है। सीबीआई के वकील के . के . वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में आगे की छानबीन या फिर आरोपियों के बारे में निचली अदालत को फैसला करना है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। जस्टिस जी . एस . सिंघवी और जस्टिस ए . के . गांगुली की बेंच के सामने सीबीआई के वकील वेणुगोपाल ने दलील दी कि स्वामी एक साथ दो घोड़ों की सवारी कर रहे हैं। स्वामी की दलील थी कि सीबीआई चिदंबरम को क्लीन चिट देने में लगी हुई है।
केंद्र सरकार की ओर से स्वामी की याचिका का विरोध करते हुए वरिष्ठ वकील पी . पी . राव ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के पास इस मामले में जांच और सुनवाई करने का विशेष अधिकार है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
राहुल का ड्रामा : लिस्ट में सपा के वायदे नहीं मंच पर उपस्तिथ कांग्रेस के नेताओं के नाम थे
उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए निकले कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी का लखनऊ की एक सभा में समाजव.. -
बोफोर्स मसले में सोनिया गाँधी का नाम क्यों नहीं लिया जा रहा हैं?
अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र आग्रेनाइज़र ने बोफोर्स घोटाले में सोनिया गाँधी का नाम न लिए जाने पर चिंता जताई है। समाचार..
-
रिकॉर्ड से सामने आ गया महबूबा मुफ्ती का झूठ, नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बोली थीं
जम्मू - कश्मीर की बहुचर्चित नेता महबूबा मुफ्ती अब भले ही कुछ कहें , पर यह सच है कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में वह न स..
-
अन्ना ने मंच से ही किया बाबा रामदेव का आह्वान : मुंबई अनशन
अन्ना हजारे का मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर मुंबई के एम.एम.आर.डी.ए मैदान पर अनशन जारी है। इस 74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ..
-
अपने खेल में मात - ०४ जून की काली रात का सच
आज कांग्रेस स्वामी रामदेव और अन्ना हज़ारे दोनों से एक साथ लोहा लेती नज़र आ रही है। लेकिन क्या वाक़ई कांग्रेस का इरादा इन द..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)