पहले ही नित नए भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरी यूपीए सरकार ने स्वीकार किया है कि इस वर्ष की रिपोर्ट में निर्यात के आंकड़े झूठ..
तिहाड़ जेल पहुंचने वाले बड़े से बड़े नेता और मंत्री को भले ही मामूली कैदियों की तरह से रहना पड़ रहा हो, लेकिन कैश फॉर वोट कांड में सलाखों के पीछे पहुंचे अमर सिंह इसके अपवाद हैं। जेल में भी अमर सिंह कतई शांत नहीं हैं और अपनी मांगों को मनवा कर ही दम ले रहे हैं।
14 दिनों की जुडिशल कस्टडी में जेल नंबर 3 में रह रहे अमर सिंह के इस रवैये से जेल अधिकारी खासे परेशान हैं। तिहाड़ के इस 'वीआईपी कैदी' ने पिछले 5 दिनों में जेल अधिकारियों के सामने एक के बाद एक इतनी मांगे रख दी हैं कि अधिकारी उन्हें 'वेरी डिमांडिग' करार दे रहे हैं। 55 साल का यह कैदी प्रतिदिन जेल अधिकारियों से कहता है कि वह अगले 24 घंटे में जेल से बाहर होगा। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा कि उन्हें संभालना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
अमर सिंह अपनी खराब हेल्थ का 'बहाना' बना कर तमाम तरह की सुविधाएं ले रहे हैं, जबकि अधिकारियों का कहना है कि उनके सभी मेडिकल रिपोर्ट्स सामान्य हैं। ये रिपोर्ट्स सोमवार को कोर्ट में पेश की जानी हैं। पिछले सप्ताह जेल पहुंचे अमर सिंह ने एक सामान्य कैदी की तरह रखे जाने का विरोध किया। सीनियर ऑफिसर ने बताया, 'कोर्ट के आदेशानुसार, उन्हें वॉर्ड में रखा गया है, न कि बैरक में। यहां तक कि हमने दो कैदी भी उन्हें मुहैया करवाए हैं जो उनके सेल की साफ सफाई करते हैं। मच्छरों को दूर भगाने के लिए दवा छिड़की जाती है और फर्श को पूरी तरह से कीटाणुरहित रखने के लिए दिन में चार से पांच बार पोंछा मारा जाता है। ये दोनों कैदी उनके साथ सेल में रहते हैं लेकिन अमर सिंह की सेल के बाथरूम को यूज़ करने की उन्हें अनुमति उन्हें नहीं है। यह सब उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर किया जा रहा है।'
अमर सिंह को किस कदर स्पेशल ट्रीटमेंट मिल रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें घर का बना खाना खाने दिया जा रहा है। जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'अमर सिंह ने कहा है कि उन्हें किडनी संबंधी समस्या है। इसलिए, उन्हें कैंटीन सुविधा का उपयोग करने की अनुमति है। यहां तक कि हमने उन्हें कहा है कि यदि वह चाहें तो उनके लिए यूरोपियन टॉइलेट लगवाया जा सकता है। सिंह का दावा है कि उन्हें यूरिन संबंधी इन्फेक्शन है।'
जेल के अपने 'लघु' प्रवास के दौरान अमर सिंह ने अपनी पत्नी को फोन करने की जिद भी की लेकिन यह सुविधा उनके द्वारा औपचारिकताएं पूरी न करने के चलते उन्हें नहीं दी गई। जहां आम कैदियों को जेल में सप्ताह में केवल दो बार ही बाहरी लोगों से मिलने की इजाजत होती है, वहीं अमर सिंह रोज विजिटर्स से मिल रहे हैं। मिलने वालों में उनकी पत्नी, छोटा भाई और जया प्रदा शामिल हैं।
सिंह को 'हैंडल' करने में जेल अधिकारियों का पसीना निकल रहा है। एक अधिकारी की माने तो किसी भी हाई प्रोफाइल अधिकारी से पेश आने मे उन्हें ऐसी दिक्कत नहीं हुई जितनी कि अमर सिंह के साथ हो रही है। सिंह दिन भर 2जी स्कैम के आऱोपियों से बातचीत में लग रहते हैं। अपनी खराब तबीयत का दावा करने वाले अमर सिंह ने शुरू में अपना ब्लड सैंपल देने तक के लिए आनाकानी की जिसके चलते मेडिकल रिपोर्ट तैयार होने में खासी देरी भी हुई।
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