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भारत युवा हॉकी टीम ने पाक को हराकर जीती एशियन चैंपियंस ट्रॉफी
ओर्डोस (चीन)।। गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत की युवा हॉकी टीम ने बेहद रोमांचक फाइनल में पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर पहली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। इस जीत से भारत की लंदन ओलिंपिक की राह आसान हो गई है।
नए कोच माइकल नोब्स के साथ पहला टूर्नामेंट खेल रहे भारत के लिए पेनल्टी शूटआउट में कप्तान राजपाल सिंह, दानिश मुज्तबा, युवराज वाल्मीकि और सरवनजीत सिंह ने गोल किए, जबकि पाकिस्तान के लिए मोहम्मद रिजवान और वसीम अहमद ने गोल दागे। निर्धारित और अतिरिक्त समय के बाद दोनों टीमें गोलरहित बराबरी पर थीं।
पिछली नाकामियों और मैदान के बाहर के विवादों को हाशिये पर रखकर मिली यह जीत भारतीय हॉकी के लिए 'संजीवनी' से कम नहीं है। चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छीने जाने के सदमे से जूझ रहे भारत के उन जख्मों पर यह मरहम की तरह है, जो पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक गंवाने से उसे मिले थे।
पिछले साल अजलन शाह कप में साउथ कोरिया के साथ संयुक्त विजेता रहे भारत की यह पहली बड़ी जीत है। इसके साथ ही उसने इस साल अजलन शाह में पाकिस्तान से मिली 3-2 से हार का बदला भी चुकता कर लिया।
पाक कोच भारतीय खिलाड़ियों को दे रहे थे गाली
मैच के दौरान पाकिस्तानी टीम के कोच स्टेडियम की छत पर खड़े होकर
भारतीय खिलाड़ियों को लगातार अपशब्द कहते रहे। भारतीय टीम से जब भी
कोई मूव बनता, तो वह भद्दी गाली देने लगते। अंपायर जब भी भारत के
खिलाफ जाते तो वह 'थैंक्यू' कहते दिखे।
पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेली टीम
पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। भारत के लिए
उसकी फॉरवर्ड लाइन सबसे बड़ी ट्रंप कार्ड रही है। उसने जब से चीन को
5-0 से हराया, तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस बीच भारतीय टीम ने दो
बार पिछड़ने के बाद वापसी की। मलयेशिया के खिलाफ एक गोल से पिछड़ने के
बाद उसने 2-1 से जीत दर्ज की, जबकि पाकिस्तान से ड्रॉ खेला।
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कुल 149 मैच हुए हैं, जिनमें भारत ने 49 जीते हैं, जबकि 75 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। बाकी 25 मैच ड्रॉ रहे हैं।
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